2408 समितियों का डाटा अपलोड, पैक्स को कंप्यूटरीकरण करने का दूसरा चरण पूरा
भारत सरकार की मंशा के अनुरूप राजस्थान का सहकारिता विभाग और राजस्थान राज्य सहकारी बैंक लिमिटेड (अपेक्स बैंक) प्राथमिक कृषि ऋण सहकारी समितियों (पैक्स) के कम्प्यूटरीकरण में जुटा हुआ है।
जयपुर। प्रदेश की पैक्स को कंप्यूटरीकरण करने के दूसरे चरण की प्रक्रिया के तहत 2408 सोसाइटी के डाटा अपलोड कर दिया गया है। इसमें केंद्रीय सहकारी बैंक अजमेर की 97, अलवर की 55, बांसवाड़ा की 40, बारां की 45, बाड़मेर की 124, भरतपुर की 90, धौलपुर की 44, भीलवाड़ा की 62, बीकानेर की 91, बूंदी की 85, चित्तौड़गढ़ की 58, प्रतापगढ़ की 41, चूरू की 63, दौसा की 72, डूंगरपुर की 17, हनुमानगढ़ की 90, जयपुर की 88, जैसलमेर की 30, जालोर की 55, झालावाड़ की 138, झुंझुनूं की 73, जोधपुर की 97, सवाईमाधोपुर की 41, करौली की 34, कोटा की 68, नागौर की 104, पाली की 82, 1. सीकर की 97, सिरोही की 20, श्रीगंगानगर की 153, टोंक की 114 और उदयपुर की 105, राजसमंद की 79 समितियां शामिल है।
क्या है प्रोजेक्ट
भारत सरकार की मंशा के अनुरूप राजस्थान का सहकारिता विभाग और राजस्थान राज्य सहकारी बैंक लिमिटेड (अपेक्स बैंक) प्राथमिक कृषि ऋण सहकारी समितियों (पैक्स) के कम्प्यूटरीकरण में जुटा हुआ है। नई सरकार के गठन के बाद इस काम में और तेजी आयी है। पैक्स को राजस्थान के अधिकांश क्षेत्रों में ग्राम सेवा सहकारी समितियां (किन्हीं क्षेत्रों में वृहदाकार बहुउद्देश्यीय सहकारी सोसाइटी यानी लैम्पस) के नाम से जाना जाता है। प्रदेश में भाजपा सरकार के गठन के बाद से, सहकारिता विभाग की टॉप प्राइरिटिज में पैक्स कप्यूटराइजेशन शामिल है। इसके लिए प्रमुख शासन सचिव स्तर से प्रत्येक सप्ताह में एक बार और अपेक्स बैंक स्तर पर मोनिटरिंग की रही है।
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