म्यांमार में हिंदुओं और बौद्धों पर आफत, 5000 घर जलाए
लाखों रोहिंग्या अपना सबकुछ छोड़कर भाग गए थे
सूत्र के हवाले से रिपोर्ट में बताया गया कि इसके लिए जुंटा सेना द्वारा बांग्लादेश में रोहिंग्या शिविरों से भर्ती किए गए युवा लड़कों का इस्तेमाल किया जा रहा है।
नेपीडॉ। म्यांमार में महीनों से जारी गृह युद्ध भीषण रूप लेता जा रहा है जिससे स्थिति बिगड़ती जा रही है। रखाइन प्रांत में हालात सबसे ज्यादा गंभीर हैं, जहां पर जुंटा के नेतृत्व वाले म्यांमार की सेना और जातीय विद्रोही समूहों के बीच जंग भीषण जंग छिड़ी हुई है। सैन्य संघर्ष अब सांप्रदायिक तनाव में बदल गया है, जिसका खामियाजा इलाके में रह रहे समुदाय के लोगों को भुगतना पड़ रहा है। रिपोर्ट के अनुसार, बुथीदौंग में बौद्धों और हिंदुओं के लगभग 5000 घरों को जला दिया गया है। बांग्लादेश की सीमा से सिर्फ 25 किलोमीटर दूर स्थित इन 5000 घरों को सिर्फ इसलिए आग के हवाले किया गया क्योंकि वे बौद्धों और हिंदुओं के थे। रिपोर्ट में कहा गया है कि संघर्ष के चलते ज्यादातर लोग पहले ही इलाका छोड़कर सुरक्षित क्षेत्रों में भाग गए हैं। इसके चलते कई घर खाली थे, लेकिन कुछ लोग अभी भी यहां रह रहे हैं। उनके सामने ही घरों को लूटा गया और फिर जलाया गया।
सूत्र के हवाले से रिपोर्ट में बताया गया कि इसके लिए जुंटा सेना द्वारा बांग्लादेश में रोहिंग्या शिविरों से भर्ती किए गए युवा लड़कों का इस्तेमाल किया जा रहा है। हाल के दिनों में जुंटा सेना में सैनिकों की कमी से निपटने के लिए रोहिंग्याओं की भर्ती शुरू की है। ये वहीं रोहिंग्या है जिन्हें सैन्य शासन के दौरान अत्याचार सहना पड़ा था और लाखों रोहिंग्या अपना सबकुछ छोड़कर भाग गए थे।
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