नरेंद्र मोदी सरकार पाकिस्तान को नहीं करती पसंद : चौधरी
दोनों देशों के रिश्ते पर ज्यादा उम्मीद नहीं की जा सकती है
फवाद ने कहा कि एस जयशंकर एससी समिट के सम्मान में आए हैं ना कि दिपक्षीय बातचीत के लिए वह आए हैं। उनके लिए भारत और पाकिस्तान के लोगों से ज्यादा अहमियत एससीओ की है।
इस्लामाबाद। पाकिस्तान की राजधानी इस्लामाबाद में शंघाई को ऑपरेशन आॅर्गेनाइजेशन (एससीओ) की सालाना समिट हो रही है। एससीओ का सदस्य होने के नाते समिट में शामिल होने भारत की ओर से विदेश मंत्री पाकिस्तान पहुंचे हैं। पाकिस्तान में लंबे समय बाद भारत का कोई शीर्ष नेता गया है, ऐसे में विदेश मंत्री के दौरे की दोनों देशों में काफी चर्चा है। इमरान खान की पार्टी के सीनियर नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री फवाद चौधरी ने भी इस पर प्रतिक्रिया दी है। फवाद चौधरी ने एबीपी से बात करते हुए कहा कि विदेश मंत्री का आना अच्छा है लेकिन दोनों देशों के बीच कोई बातचीत नहीं होने जा रही है। फवाद ने कहा कि एस जयशंकर एससी समिट के सम्मान में आए हैं ना कि दिपक्षीय बातचीत के लिए वह आए हैं। उनके लिए भारत और पाकिस्तान के लोगों से ज्यादा अहमियत एससीओ की है। ऐसे में दोनों देशों के रिश्ते पर ज्यादा उम्मीद नहीं की जा सकती है।
आतंक का सवाल तो भारत पर भी उठ रहा
भारत की ओर से पाकिस्तान से बातचीत के लिए आतंक पर लगाम की शर्त के सवाल पर चौधरी ने कहा कि भारत हम पर आरोप लगाता है लेकिन इस वक्त तो भारत को ही कई देशों की ओर से मुश्किल सवालों का सामना करना पड़ रहा है। अमेरिका और कनाडा की ओर इशारा करते हुए चौधरी ने कहा कि भारत पर कुछ देशों ने उनकी जमीन पर हिंसा के आरोप लगाए हैं। अमेरिका और कनाडा कह रहे हैं तो इस पर गंभीरता तो दिखानी पड़ेगी।
फवाद चौधरी ने कहा कि हम तो चाहते हैं कि भारत और पाकिस्तान के रिश्ते बेहतर हों। हम इतिहास को पकड़ के नहीं रह सकते हैं लेकिन नरेंद्र मोदी सरकार की राजनीति ही एंटी मुस्लिम और पाकिस्तान विरोध की है तो वह बातचीत पर ज्यादा आगे नहीं बढ़ सकते हैं। आतंक के सवाल पर फवाद ने कहा कि भारत से कहीं ज्यादा पीड़ित उनका देश है। भारत से कई सौ गुना ज्यादा लोग पाकिस्तान में आतंक की वजह से मरे हैं।
जो शिकायत भारत की, वही हमारी भी है
पाकिस्तान से आतंकी भेजे जाने के सवाल पर फवाद ने कहा कि जो शिकायत भारत की है वही हमारी है। हम भी यही कह रहे हैं कि पाकिस्तान में आतंकियों की मदद भारत कर रहा है। कुलभूषण जाधव जैसे उदाहरण हमारे सामने हैं, जिसे हमने यहां आतंक फैलाते हुए पकड़ा है और अदालत ने उसे दोषी पाया है। हम भी तो भारत से इस पर सवाल पूछते हैं। फवाद चौधरी ने कहा कि हिन्दूवादी राजनीति जिस तरह से भारत में बढ़ाने की कोशिश की गई है, उससे वहां के लोग भी शायद अब खुश नहीं है। हालिया आम चुनाव में भाजपा की जो सीटें कम हुईं, उससे पता चलता है कि हिन्दुस्तान का आम आदमी हिन्दूवादी राजनीति से दूर हो रहा है और वह पाकिस्तान से भी बेहतर रिश्ते चाहता है। हमारा भी साफ है कि हम भारत से अच्छा रिश्ता चाहते हैं।
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