खबर का असर...अस्पताल के वार्डों में बदलेंगे पलंगों के खराब गद्दे

अस्पताल अधीक्षक ने नर्सिंग अधीक्षक को दिए आदेश ,अस्पताल के स्टोर में रखे हैं 400 नए गद्दे

खबर का असर...अस्पताल के वार्डों में बदलेंगे पलंगों के खराब गद्दे

अस्पताल के वार्डों में पलंगों के गद्दे खराब होने का मुददा दैनिक नवज्योति ने उठाया था। 15 अप्रैल के अंक में पेज दो पर ‘ संभाग के सबसे बड़े अस्पताल के गद्दे हो रहे भद्दे’ शीर्षक से समाचार प्रकाशित किया था। अस्पताल अधीक्षक ने नर्सिंग अधीक्षक को फटकार लगाई और शीघ्र ही जिन भी वार्डों के पलंगों के गद्दे खराब हो रहे हैं उन्हें बदलने के आदेश दिए हैं।

कोटा ।  संभाग के सबसे बड़े एमबीएस अस्पताल के इनडोर वार्डों में पलंगों पर बिछे फटे पुराने व खराब गद्दे बदले जाएंगे। इसके आदेश शुक्रवार को अस्पताल अधीक्षक ने नर्सिंग अधीक्षक को दिए हैं। 750 बैड के एमबीएस अस्पताल में हर तरह की बीमारी के भर्ती होने वाले मरीजों के लिए वार्ड बने हुए हैं। उनमें वार्डों की क्षमता के हिसाब से पलंग भी हैं। लेकिन उन पलंगों में से अधिकतर पलंगों के गद्दे पुराने व खराब हो चुके हैं। जिससे उन पर भर्ती होने वाले मरीजों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। लेकिन अब नए भर्ती होने वाले मरीजों को इस परेशानी का सामना नहीं करना पड़ेगा। ऐसा उन पुराने गद्दों की जगह पर नए गद्दे बिछने से होगा।

अस्पताल अधीक्षक डॉ. नवीन सक्सेना ने बताया कि उन्होंने शुक्र वार को इस संबंध में नर्सिंग अधीक्षक से बात की। जिसमें जानकारी मिली कि अस्पताल के स्टोर में 400 नए गद्दे रखे हुए हैं लेकिन उनका उपयोग नहीं किया जा रहा है। इस पर उन्होंने नर्सिंग अधीक्षक को फटकार लगाई और शीघ्र ही जिन भी वार्डों के पलंगों के गद्दे खराब हो रहे हैं उन्हें बदलने के आदेश दिए हैं।

डॉ. सक्सेना ने बताया कि अस्पताल में गद्दों की कोई कमी नहीं है लेकिन उसके लिए डिमांड तो करनी होगी। यह जिम्मेदारी जिसकी है उसे यह काम करना है। डिमांड आते ही तुरंत गददे उपलब्ध करवा देते हैं। उन्होंने बताया कि उनके अलावा भी यदि और जरूरत होगी तो नए गद्दे खरीद लिए जाएंगे। लेकिन मरीजों को परेशान नहीं होने दिया जाएगा।

नवज्योति ने उठाया था मुद्दा
गौरतलब है कि अस्पताल के वार्डों में पलंगों के गद्दे खराब होने का मुददा दैनिक नव’योति ने उठाया था। 15 अप्रैल के अंक में पेज दो पर ‘ संभाग के सबसे बड़े अस्पताल के गद्दे हो रहे भद्दे’ शीर्षक से समाचार प्रकाशित किया था। जिसमें वार्डों के गद्दों की दुर्दशा दिखाई थी। इसे अस्पताल अधीक्षक ने गम्भीरता से लेते हुए नर्सिंग अधीक्षक को पुराने व टराब गद्दों को  बदलने का आदेश दिया।

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