प्रवेश की उम्र बढ़ने से स्कूलों में 10 लाख नामांकन होगा कम
नामांकन पर विपरीत प्रभाव पड़ रहा है
विद्यालय के आस पास 6 वर्ष के बालक बालिकाएं उपलब्ध ही नहीं हो रहे हैं, जो कक्षा-1 में प्रवेश ले सके। नामांकन पर विपरीत प्रभाव पड़ रहा है।
जयपुर। प्रदेश के विद्यालयों में इस वर्ष लगभग 10 लाख नामांकन कम होगा, क्योंकि मई 2024 में पृष्ठांकित आदेश जारी कर सरकारी विद्यालयों में कक्षा-1 में प्रवेश आयु 5 वर्ष से बढ़ाकर 6-7 वर्ष निर्धारित कर दी गई है। इससे कक्षा-1 में प्रवेश लेने वालों की संख्या लगभग नगण्य होने लगी है। जबकि पिछले शिक्षा सत्र में 5 वर्ष के बालक- बालिकाएं कक्षा-1 में प्रवेश ले चुके हैं, वे अब कक्षा-2 में पढ़ रहे हैं। विद्यालय के आस पास 6 वर्ष के बालक बालिकाएं उपलब्ध ही नहीं हो रहे हैं, जो कक्षा-1 में प्रवेश ले सके। नामांकन पर विपरीत प्रभाव पड़ रहा है।
केन्द्रीय विद्यालयों, सीबीएसई बोर्ड से सम्बद्ध गैर-सरकारी विद्यालयों में कक्षा-1 में प्रवेश आयु 5 वर्ष होने और राष्ट्रीय मिलिट्री स्कूल्स एवं सैनिक विद्यालयों में कक्षा 6 में प्रवेश आयु न्यूनतम 10 व अधिकतम आयु 11 वर्ष होने से राजस्थान के विद्यालयों में अध्ययन करने वालों को प्रवेश का अवसर ही नहीं नहीं मिलता था क्योंकि 6 वर्ष पर कक्षा-1 में प्रवेश लेने वाला 5 वीं पास करते हुए 11 वर्ष क्रॉस कर जाता है।
सभी जगह यह किया
केंद्र व राज्य की विद्यालयों में समानता एवं सभी को सैनिक विद्यालयों में प्रवेश के अवसर देने के लिए राजस्थान सरकार स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा 14-9-2016 को पृष्ठांकित आदेश जारी कर कक्षा-1 में प्रवेश की न्यूनतम आयु 6 वर्ष को कम कर 5 वर्ष कर दिया गया था। राजस्थान प्राथमिक एवं माध्यमिक शिक्षक संघ के प्रदेश अध्यक्ष विपिन प्रकाश शर्मा ने मुख्यमंत्री से मांग कि है कि कक्षा एक में प्रवेश की आयु 6/7 वर्ष करने पर पुनर्विचार कर पूर्व वर्षों की भांति कक्षा-1 में प्रवेश की आयु 5 वर्ष निर्धारित करे अन्यथा अगले वर्ष दूसरी कक्षा संचालित होना मुश्किल होगा। यह क्रम चलता रहेगा।
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