Petrochemical Refinery Complex: 2023 तक 61 फीसदी और अब 7 माह में ही 18 फीसदी और काम पूरा, 37230 करोड़ से 73 हजार करोड़ की हुई
तीन गुना रफ्तार से काम, 7 हजार करोड़ बचेंगे
रिफाइनरी से उत्पादन शुरू होते ही इससे सरकार के खजाने में रोजाना 150 करोड़ रुपए की आमदनी होगी। 9 एमएमटीपीए पेट्रोलियम उत्पादन से प्रतिदिन करीब 5.5 लाख बैरल पेट्रोलियम उत्पादन की उम्मीद है।
जयपुर। बाड़मेर में राजस्थान के मेगा प्रोजेक्ट पेट्रोकैमिकल रिफाइनरी कॉम्पलेक्स के निर्माण की धीमी गति को प्रदेश की भजनलाल सरकार ने तीन गुना रफ्तार दी है। जहां 10 साल में दो बीती सरकारों के वक्त इसका 61 फीसदी ही निर्माण कार्य हो सका था, यानी सालाना 6.1 फीसदी की गति से निर्माण कार्य हुआ। वहीं अब वर्तमान सरकार के कार्यकाल में इसका निर्माण 7 माह में 19 फीसदी की दु्रतगति से हुआ है। वर्तमान में रिफाइनरी का 80 फीसदी काम पूरा हो चुका है। गहलोत सरकार के वक्त रिफाइनरी को मई-जून 2024 तक पूरा करने का लक्ष्य रखा था लेकिन धीमी गति से लागत बढ़ती गई। भाजपा और कांग्रेस दोनों की एक-एक सरकार का कार्यकाल पूरा हो जाने के बाद भी इसका काम पूरा नहीं हुआ, ऐसे में लागत जो 2013 में 37230 करोड़ प्रस्तावित थी, वह दोगुनी के करीब, 73 हजार करोड़ के पार पहुंच गई है।
यू बचेंगे उपक्रम पर करोड़ों
सीएम भजनलाल शर्मा की सरकार बनते ही इसकी समीक्षा बैठक में धीमी रफ्तार के चलते इसकी लागत 80 हजार करोड़ के पार आने की आशंकाएं अधिकारियों ने जताई थी। कार्य भी 2026 तक पूरा होने की संभावना थी लेकिन सीएम ने मुख्य सचिव सुधांश पंत को जल्द काम पूरा करने की जिम्मेदारी दी ताकि हिन्दुस्तान पेट्रोलियम कॉरपोरेशन लिमिटेड और राज्य सरकार के इस संयुक्त उपक्रम पर लेटलतीफी से जाया जाने वाले पैसे को बचाया जा सके। पंत ने इसे लेकर कई बैठकों के साथ ही एक बार खुद रिफाइनरी का दौरा भी किया। उच्च पदस्थ सूत्रों के अनुसार इसी तेज रफ्तार से काम हुआ तो अब उम्मीद जताई जा रही है, 7 हजार करोड़ का अतिरिक्त खर्च बचाया जा सकेगा।
सरकारी खजाने में धन बरसेगा: क्रूड से अब तक 1 लाख करोड़ से अधिक मिले, रिफाइनरी से रोज 150 करोड़ रुपए मिलेंगे
रिफाइनरी से उत्पादन शुरू होते ही इससे सरकार के खजाने में रोजाना 150 करोड़ रुपए की आमदनी होगी। 9 एमएमटीपीए पेट्रोलियम उत्पादन से प्रतिदिन करीब 5.5 लाख बैरल पेट्रोलियम उत्पादन की उम्मीद है। अकेले राजस्थान में ही खान व पेट्रोलियम विभाग के अधिकारियों के अनुसार करीब 4 अरब बैरल क्रूड ऑयल का खनन अपेक्षित है। वर्तमान में प्रदेश का रेगिस्तानी इलाका रोजाना करीब 1.75 लाख बैरल क्रूड ऑयल का उत्पादन कर रहा है। क्रूड ऑयल के उत्पादन से प्रदेश में 10 साल में एक लाख करोड़ से ज्यादा का राजस्व मिल भी चुका है। करीब 70 लाख करोड़ केन्द्र और 40 लाख करोड़ राज्य सरकार को मिल चुके हैं।
मार्च 2025 से उत्पादन शुरू हो जाएगा
जानकारी के अनुसार वर्तमान निर्माण की यही रफ्तार रही तो मार्च 2025 तक इसका कार्य पूरा कर कू्रड ऑयल से पेट्रोलियम उत्पादन शुरू हो जाएगा। 9 मिलियन मीट्रिक टन प्रति वर्ष क्षमता से पेट्रोलियम का उत्पादन हो सकेगा। 900 एकड़ में बाडमेर के पचपदरा में ना केवल पेट्रोलियम उत्पादन होगा, बल्कि यहां 7 हजार करोड़ के खर्च से विकसित हो रहे पेट्रोकैमिकल कॉम्पलेक्स में अन्य उत्पाद भी तैयार होंगे।
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