देश में कठोर जनसंख्या नियंत्रण कानून बनाने की मांग को लेकर प्रधानमंत्री के नाम का सौंपा ज्ञापन
फाउंडेशन के जिला संरक्षक सुरेंद्र सिंह शेखावत ने बताया देश की आबादी 145 करोड़ से अधिक हो चुकी है जबकि हमारे संसाधन सीमित है। असंतुलित सामाजिक जनसंख्या भारत को विकसित राष्ट्र बनाने में बड़ा रोड़ा है।
अजमेर। विश्व जनसंख्या दिवस के अवसर पर देश में कठोर जनसंख्या नियंत्रण कानून बनाने की मांग को लेकर जनसंख्या समाधान फाउंडेशन के कार्यकर्ताओं, पदाधिकारियों ने अतिरिक्त जिला कलेक्टर को प्रधानमंत्री के नाम का ज्ञापन सौंपा।
फाउंडेशन के जिला संरक्षक सुरेंद्र सिंह शेखावत ने बताया देश की आबादी 145 करोड़ से अधिक हो चुकी है जबकि हमारे संसाधन सीमित है। असंतुलित सामाजिक जनसंख्या भारत को विकसित राष्ट्र बनाने में बड़ा रोड़ा है। बढ़ती आबादी के कारण देश में गृह युद्ध की स्थिति बन रही है। जिला अध्यक्ष डॉ. राजू शर्मा ने कहा कि हम दो हमारे दो, तो सभी के दो हो। विभिन्न सामाजिक वर्गों के बीच बढ़ती असंतुलित जनसंख्या देश के ताने-बाने के लिए अत्यंत विनाशकारी साबित हो सकती है। फाउंडेशन के कार्यकर्ता देश के यशस्वी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी से मांग करते हैं की जाति, धर्म, क्षेत्र और भाषा बंधनों से ऊपर उठकर राष्ट्रीय हित को सर्वोपरि मानते हुए एक कठोर जनसंख्या नियंत्रण कानून बनाये। कानून अधिसूचित होने के बाद कानून तोड़कर अधिक संतान पैदा करने वाले नागरिकों को मताधिकार से वंचित किया जाए। सरकार से मिलने वाले सभी प्रकार की सहायता, अनुदान समाप्त किए जाएं। एक से अधिक पत्नियों से होने वाली संतानों की भी कुल संख्या दो से अधिक होने पर जनसंख्या नियंत्रण कानून के अंतर्गत कार्यवाही हो।
विश्व हिंदू परिषद के धर्म प्रसार प्रांत सहप्रमुख लेखराज सिंह ने कहा कि जनसंख्या का सामाजिक संतुलन न केवल भारत की प्रतिभा को अवसर प्रदान करेगा अपितु संपूर्ण विश्व एवं समस्त मानवता के लिए अत्यंत आवश्यक है। बहुपत्नी और बहुपतित्व प्रथा पर भी समान नागरिक कानून लागू कर रोक लगानी चाहिए। महिला विंग अध्यक्ष आभा भारद्वाज ने कहा कि संसाधन सीमित है, बढ़ती जनसंख्या ही महंगाई, बैरोजगारी और अपराधों की जननी है।
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