राष्ट्रीय भर्ती एजेंसी किस कारण हुई निष्क्रिय, मोदी सरकार ने धारण किया मौनव्रत : खड़गे
देश के करोड़ों युवाओं के लिए वरदान बता रहे थे
वह किस वजह से निष्क्रिय हुई है। इस बारे में सरकार को स्पष्टीकरण देना चाहिए। खड़गे ने कहा कि नरेंद्र मोदी मुंबई में नौकरियाँ देने पर झूठ का मायाजाल बुन रहे थे।
नई दिल्ली। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने राष्ट्रीय भर्ती एजेंसी (एनआरए) को लेकर मोदी सरकार को कटघरे में खड़ा करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 4 साल पहले जिस एजेंसी को देश के करोड़ों युवाओं के लिए वरदान बता रहे थे। वह किस वजह से निष्क्रिय हुई है। इस बारे में सरकार को स्पष्टीकरण देना चाहिए। खड़गे ने कहा कि नरेंद्र मोदी मुंबई में नौकरियाँ देने पर झूठ का मायाजाल बुन रहे थे। मैं आपको पुन: याद दिलाना चाहता हूँ कि (एनआरए) राष्ट्रीय भर्ती एजेंसी की घोषणा करते हुए आपने क्या कहा था। अगस्त 2020 में आपने कहा था कि एनआरए करोड़ों युवाओं के लिए वरदान साबित होगा। सामान्य पात्रता परीक्षा के माध्यम से यह कई परीक्षाओं को समाप्त कर देगा और कीमती समय के साथ-साथ संसाधनों की भी बचत करेगा। इससे पारदर्शिता को भी बड़ा बढ़ावा मिलेगा। उन्होंने इसे लेकर मोदी से सवाल करते हुए कहा कि हमारे तीन सवाल है।
एनआरए ने पिछले चार वर्षों से एक भी परीक्षा क्यों नहीं कराई। क्यों एनआरए को 1,517.57 करोड़ रुपए का फंड मुहैया कराने के बावजूद चार वर्षों में अब तक केवल 58 करोड़ रुपए ही खर्चा किया गया है। एनआरए सरकारी नौकरियों की भर्ती के लिए संस्था बनी थी। क्या इसे निष्क्रिय रखा गया, ताकि एससी, एसटी, ओबीसी, ईडब्ल्यूएस युवाओं से उनके आरक्षण का अधिकार छीना जा सके। एनटीए से धाँधली, पेपर लीक तथा घोटाला कराया गया और एनआरए से परीक्षा ही नहीं करवाई गई। शिक्षा प्रणाली को तहस-नहस करने का और युवाओं के भविष्य को तंग-तबाह करने का बीड़ा भाजपा-आरएसएस ने उठाया है। उन्होंने कहा की उनकी तरफ से एनआरए का मुद्दा पहले भी उठाया गया था, लेकिन मोदी सरकार मौनव्रत धारण कर के बैठी हुई है।
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