विश्व मलेरिया दिवस आज: हजारों साल पुराना दंश, लाखों मौत, अब घट रहे केस, 5 साल में केवल 1 मौत

मलेरिया बीमारी का पता 1880 में लगा

विश्व मलेरिया दिवस आज: हजारों साल पुराना दंश, लाखों मौत, अब घट रहे केस, 5 साल में केवल 1 मौत

मादा एनाफिलीज मच्छर के शरीर में रहने वाले पैरासाइट से होने वाली मलेरिया बीमारी का पता 1880 में लगा, लेकिन वैज्ञानिक इसका दंश दुनिया में 2500 ईसा पूर्व यानी करीब 4 हजार 500 साल से पुराना मानते हैं।

जयपुर। मादा एनाफिलीज मच्छर के शरीर में रहने वाले पैरासाइट से होने वाली मलेरिया बीमारी का पता 1880 में लगा, लेकिन वैज्ञानिक इसका दंश दुनिया में 2500 ईसा पूर्व यानी करीब 4 हजार 500 साल से पुराना मानते हैं। पांच साल पहले तक भारत में 20 लाख से अधिक लोग साल में इसके शिकार हो रहे थे। डारेक्ट्रेट ऑफ नेशनल वैक्टर बोर्न डिजीज कन्ट्रोल प्रोग्राम के डेटा के अनुसार राहत यह है कि इसके बाद से मलेरिया कम होता जा रहा है। देश में बीते साल केवल 1.58 लाख केस आए। मौतें केवल 80 ही हुई। प्रदेश में यह है कि 871 लोगों को बीमार किया। मौतें तो पांच साल में केवल एक ही हुई है। दुनिया में 4 लाख लोगों की जान अभी भी इससे जा रही है। मलेरिया की खोज के 141 साल बाद पिछले साल इसकी पहली वैक्सीन मोक्सक्यूरिस नाम से आई है। इम्यूनिटी, पैरासाइट की पूरा होता जीवन-चक्र, बारिश के मौसम में सावधानियां, साफ-सफाई, बेहतर ड्रेनेज सिस्टम से इसे हराने वाले दुनिया के 100 से अधिक देशों की तरह उम्मीद है कि भारत भी इससे जल्द मुक्त होगा।

जानलेवा रूप कम, इसलिए मौतें भी कम
एसएमएस अस्पताल के मेडिसिन विभाग के सीनियर प्रोफेसर डॉ. सीएल नवल ने बताया कि प्लाज्मोडियम वाइवेक्स, प्लाज्मोडियम फेलसिफेरम और प्लाज्मोडियम मलेरी पैरासाइट मच्छर के शरीर में रहते हैं। मच्छर के काटने से हम संक्रमित होते हैं। जानलेवा पैरासाइट प्लाज्मोडियम फैलसिफेरम होता है। राहत यह है कि मच्छरों में इसकी संख्या घट रही है। केवल 5 फीसदी मरीज ही अब इससे संक्रमित हो रहे हैं। बाकी 95 फीसदी भारत में प्लाज्मोडियम वाइवैक्स के केस आ रहे हैं। इसके चलते मौतें लगातार कम हो रही है।

मलेरिया पर फैक्ट फाइल
- राजस्थान में 83 हजार पर एक व्यक्ति को मलेरिया हुआ।  भारत में अब मलेरिया के 1 हजार आबादी पर 1 से कम केस आ रहे हैं, जबकि देश में 2001 में प्रति हजार 2 केस आया करते थे। प्रदेश में यह आंकड़ा 5 केस प्रति हजार था, लेकिन 2021 में 83237 लोगों पर केवल एक व्यक्ति ही शिकार हुआ।
- आजादी के वक्त 75 लाख लोग संक्रमित हुए थे। मलेरिया से 1947 में 75 लाख लोग संक्रमित हुए थे। तब जनसंख्या 33 करोड़ थी। अब 135 करोड़ आबादी पर केवल मात्र 1.58 लाख ही संक्रमित हुए।
- अमेरिका के दो राज्य 1962 में ही मलेरिया मुक्त हुए, अब पड़ोसी चीन भी। दुनिया में सबसे पहले अमेरिका के दो स्टेट ग्रेनेडा, सेंट ल्यूसिया 1962 में मलेरिया मुक्त हुए थे। इसके बाद 100 से अधिक देश मलेरिया मुक्त हो चुके। पिछले साल चीन को भी डब्ल्यूएचओ ने मलेरिया मुक्त घोषित किया है।
- बीते साल सबसे ज्यादा  केस व मौतें छत्तीसगढ़ में हुई। देश में बीते साल सबसे ज्यादा केस 92455 और सबसे ज्यादा 34 मौतें छत्तीसगढ़ में हुई। राजस्थान समेत 27 राज्यों में कोई मौत नहीं हुई।

Post Comment

Comment List

Latest News

अवैध ऑर्गन ट्रांसप्लांट रोकने के लिए हाईटेक बनेगा सिस्टम अवैध ऑर्गन ट्रांसप्लांट रोकने के लिए हाईटेक बनेगा सिस्टम
ऑनलाइन सिस्टम में डोनर और रिसीवर की आईडी, उनकी पहचान और रिलेशन आदि का पूरा ब्योरा अपलोड होगा ताकि डोनर...
वर्ष 2023 की अंतिम तिमाही में इंटरनेट उपभोक्ताओं की संख्या बढ़कर 93.61 करोड़ रही
दलित और अल्पसंख्यक वोटों को साधने में जुटी कांग्रेस
बगरू में तीन दिवसीय जुगलदरबार लक्खी मेला आगाज, ड्रोन और सीसीटीवी से निगरानी
विवाह से चंद घंटों पहले मेनाल रेजीडेंसी में करंट से दूल्हे की मौत
तेलंगाना में तेज हवा से ढहा 8 साल से बन रहा पुल
प्लांटेशन की दीवार चोरी करवाने वालों को बचा रहा वन विभाग