अतिक्रमण का दंश: भगवान की संपत्तियां भगवान भरोसे
सरकारी मंदिरों की जमीनों पर हो रहा अतिक्रमण
अब सरकार ने देवस्थान विभाग से मांगी रिपोर्ट।
कोटा। देवस्थान विभाग के अधीन आने वाले मंदिरों के नाम की बेशकीमती जमीनें भगवान भरोसे है। देवस्थान विभाग अपनी ही जमीनों की देखरेख नहीं कर पा रहा है। सरकारी मंदिरों की जमीनों पर लोगों ने कब्जे कर रखे हैं, लेकिन विभाग इन जमीनों को अतिक्रमण मुक्त नहीं करवा पा रहा है। यह स्थिति प्रदेश में देवस्थान विभाग के सभी मंदिरों की जमीनों की है। इनमें कोटा जिला भी शामिल है। यहां पर भी देवस्थान विभाग के अधीन वाले मंदिरों की जमीनों पर अतिक्रमियों ने कब्जा कर रखा है। पूरे प्रदेश में अतिक्रमण के बढ़ते मामलों को देखते हुए अब सरकार ने देवस्थान विभाग से सरकारी मंदिरों के नाम वाली जमीनों के सम्बंध में विस्तृत रिपोर्ट मांगी है।
अधिकांश जिलों में जमीनें हुई बेशकीमती
देवस्थान विभाग के अधिकारियों के अनुसार विभाग के अधीन प्रदेश के सभी जिलों में सरकारी मंदिर हैं। इसके अलावा कई स्थानों पर अनुदानित मंदिर भी है। प्रदेश के अधिकांश जिलों में सरकारी मंदिरों की जमीनें बेशकीमती हो गई है। इसका कारण यह है कि समय बदलने के साथ ही जिलों का विस्तार होता जा रहा है। ऐसे में जो जमीनें कुछ सालों से शहर से बाहर थी वो विस्तार होने के कारण उसकी जद में आ गई। इस कारण यह जमीनें बेशकीमती हो गई है। कई स्थानों पर प्राइम लोकेशन में आने के कारण इन जमीनों पर भूूमाफियाओं की निगाह पड़ गई और उन्होंने इन पर अतिक्रमण करना शुरू कर दिया।
रिपोर्ट में यह मांगी जानकारी
जानकारी के अनुसार सरकार ने देवस्थान विभाग के अधीन आने वाले मंदिरों की जमीनों के बारे में विस्तृत जानकारी मांगी है। वर्तमान में किस जिले में मंदिरों के नाम कितनी जमीन या संपत्ति है। इस समय उन जमीनों की स्थिति क्या है। जमीनों और संपत्तियों पर कितना अतिक्रमण हो रहा है। यदि अतिक्रमण हो रहा है तो अब तक क्या कार्रवाई की गई। यदि इस सम्बंध में कोई सर्वे नहीं कराया गया है तो सर्वे करवाकर मंदिरों की जमीनों के बारे में सम्पूर्ण जानकारी एकत्र की जाए, ताकि वस्तुस्थिति का पता लग सके।
फौज नहीं तो कैसे हटे अतिक्रमण
देवस्थान विभाग के अधिकारियों को मंदिरों की जमीनों पर हो रहे अतिक्रमण की जानकारी तो हैं, लेकिन वह अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई नहीं कर पा रहे हैं। इन जमीनों पर हो रहे अतिक्रमण पर कार्रवाई नहीं हो पाने की बड़ी वजह ये है कि विभाग के पास कार्मिकों की फौज नहीं है और जो है वे कार्रवाई करने के लिए सक्षम नहीं है। इस कारण सरकारी जमीनों से अतिक्रमण नहीं हट पा रहा है। इसी व्यवस्था का फायदा अतिक्रमी उठा रहे हैं और मंदिरों की जमीनों पर कब्जा करने में जुटे हुए हैं।
प्रदेश में विभागीय संपत्तियां
जिला संपत्तियां
कोटा 44
बारां 24
बूंदी 60
झालावाड़ 48
अजमेर 07
अलवर 32
करौली 34
उदयपुर 153
पाली 09
दौसा 16
सरकारी मंदिरों की जमीनों पर भूमाफिया कब्जे करते जा रहे हैं। कई जगहों पर जमीनें बेशकीमती हो गई है। इस कारण उन पर अतिक्रमण के मामले ज्यादा बढ़ते जा रहे हैं। अतिक्रमणों के कारण श्रद्धालुओं को आवाजाही में परेशानी होती है।
- मोहन कुमार गिरी, पुजारी
विभागीय रिकार्ड के अनुसार जो संपत्तियां हैं उनकों सुरक्षित किया जा रहा है। विभाग में कार्मिकों का अभाव होने से जमीनों पर हो रहे अतिक्रमण को हटाने को लेकर कार्रवाई करने में अड़चन आती है। अब जिले में जल्द ही मंदिरों की जमीनों को लेकर सर्वे शुरू किया जाएगा।
- राम सिंह, प्रबंधक, देवस्थान विभाग कोटा
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