बाजार में चाइना की राइस लाइट की चमक बरकरार, गुजरात की एलईडी से मिल रही टक्कर
दिवाली की डेकोरेटिव लाइट्स से जगमगा रहे हैं
यहां झालर लाइट्स, निवार पट्टी लाइट्स, लाइट लैंप्स, कलरफुल बल्ब्स, राउंड दीपक, कलश लाइट्स, और दस बाई दस की लाइट्स की बड़ी रेंज उपलब्ध है।
जयपुर। दीपोत्सव की जगमगाहट के बीच चाइना की राइस एलईडी लाइट्स की चमक भारतीय बाजार में अब भी बरकरार है। हालांकि इस बार 'मेड इन इंडिया' गुजराती एलईडी लाइट्स ने भी अपनी खास जगह बनाई है। जयपुर के जयंती बाजार, नेहरू बाजार, इंद्रा बाजार, एमआई रोड समेत शहर के बाहरी बाजार दिवाली की डेकोरेटिव लाइट्स से जगमगा रहे हैं। यहां झालर लाइट्स, निवार पट्टी लाइट्स, लाइट लैंप्स, कलरफुल बल्ब्स, राउंड दीपक, कलश लाइट्स, और दस बाई दस की लाइट्स की बड़ी रेंज उपलब्ध है।
गुजरात में बनने लगी हैं एलईडी लाइट्स
चाइना की लाइट्स का अब भी 80% बाजार पर कब्जा है, लेकिन गुजरात में बनने वाली एलईडी लाइट्स ने इस हिस्सेदारी को चुनौती दी है। इस साल बाजार में इन लाइट्स की कीमतें पिछले साल की तुलना में 20% से 50% तक कम हो गई हैं। जहां पहले सिर्फ कुछ ही लोग इनका निर्माण कर रहे थे, वहीं अब भारत में एलईडी लाइट्स का उत्पादन बढ़ा है और इसकी मांग भी फेस्टिव सीजन में बढ़ रही है।
चाइना की राइस लाइट्स का बाजार में अब भी दबदबा है, लेकिन गुजराती 'मेड इन इंडिया' लाइट्स ने भारतीय ग्राहकों को किफायती विकल्प दिया है। इनकी कीमतें कम होने और स्थानीय स्तर पर बनने से लोगों के बीच इनका आकर्षण बढ़ा है। दिवाली के सीजन में, जहां चाइना की लाइट्स से मुकाबला जारी है, वहीं भारतीय लाइट्स ने भी अपना अलग स्थान बना लिया है, जो आत्मनिर्भर भारत की दिशा में एक बड़ा कदम साबित हो सकता है।
Comment List