अमेरिका ने राजस्थान से चोरी की गई मूर्ति भारत को दी वापस
इस धरोहरों को बरामद किया गया
तस्कर सुभाष कपूर और दोषी तस्कर नैन्सी वीनर से बरामद धरोहरों को भारत के महावाणिज्य दूतावास के मनीष कुल्हारी और होमलैंड के समूह पर्यवेक्षक एलेक्जेंड्रा डीअर्मास के साथ एक समारोह में वापस किया गया।
न्यूयॉर्क। अमेरिका के मैनहट्टन जिला अटॉर्नी एल्विन एल ब्रैग जूनियर ने कहा है कि 10 मिलियन डॉलर मूल्य की कम से कम 1,440 प्राचीन धरोहर भारत को वापस दिए जाएंगे। उन्होंने कहा कि आपराधिक तस्करी नेटवर्क में चल रही कई जांचों के तहत इस धरोहरों को बरामद किया गया। एक न्यूज चैनल के अनुसार एल्विन ब्रैग ने कहा कि इन कलाकृतियों में राजस्थान के तनेसरा-महादेव गांव से लूटी गई मूर्ति भी शामिल है। इस क्षेत्र में तनेसरा-महादेव गांव के इस मंदिर की बहुत मान्यता है। तस्कर सुभाष कपूर और दोषी तस्कर नैन्सी वीनर से बरामद धरोहरों को भारत के महावाणिज्य दूतावास के मनीष कुल्हारी और होमलैंड के समूह पर्यवेक्षक एलेक्जेंड्रा डीअर्मास के साथ एक समारोह में वापस किया गया।
तस्करी नेटवर्कों की जांच जारी रखेंगे
उन्होंने कहा कि हम भारतीय सांस्कृतिक विरासत को निशाना बनाने वाले कई तस्करी नेटवर्कों की जांच करना जारी रखेंगे। इन प्राचीन धरोहरों में मध्य प्रदेश के एक मंदिर से लूटी गई एक दिव्य नर्तकी को दर्शाती मूर्ति, हरे-भूरे रंग की शिस्ट से बनाई गई तनेसर मातृ देवी और राजस्थान के तनेसरा-महादेव गांव से लूटी गई मूर्ति शामिल है। अटॉर्नी एल्विन एल ब्रैग ने कहा कि ये भारतीय मूर्तियां महज कलाकृतियां नहीं हैं, ये हिन्दू धर्म में अत्यंत पूजनीय हैं। जिन्हें करोड़ों लोग पूजते हैं। इन मूर्तियों के अपहरण से हिन्दुओं को लगने वाले आघात की कल्पना भी नहीं की जा सकती।
देशों से चुराई गई मूर्तियां शामिल
बयान में बताया गया कि ब्रैग के कार्यकाल में डिस्ट्रिक्ट अटॉर्नी की तस्करी इकाई ने 30 से अधिक देशों से चुराई गई 2,100 से अधिक प्राचीन धरोहरों को बरामद किया। इसकी कुल कीमत लगभग 230 मिलियन अमेरिकी डॉलर बताई गई है। बयान में कहा गया कि भारत से लूटी गई और इस साल की शुरुआत में बरामद की गई 600 से अधिक धरोहरों समेत लगभग एक हजार प्राचीन धरोहरों को आने वाले दिनों में वापस भेजा जाएगा।
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