अब फिर से उगाए जा सकेंगे दांत, जापान में शुरू हुआ क्रांतिकारी ह्यूमन ट्रायल
दांत हड्डियां नहीं होते हैं
दांतों में खुद को ठीक करने और फिर से उगाने की क्षमता नहीं होती है। अब इसी चीज को बदलने की उम्मीद है।
नई दिल्ली। एक आयु के बाद अगर किसी का दांत निकल गया, तो हमेशा के लिए गया। दांत दोबारा नहीं उगते। लेकिन अब एक क्रांतिकारी खोज के तहत दांत उगाने वाली दवा मिली है। जापानी शोधकर्ताओं ने दांत फिर से उगाने वाली दवा का ह्यूमन ट्रायल शुरू कर दिया है। पहले रोगियों को यह दवा नसों के माध्यम से दी जाएगी। यदि परीक्षण सफल होता है, तो शोधकर्ताओं को उम्मीद है कि यह दवा सभी प्रकार के दांतहीनता के लिए उपलब्ध हो जाएगी। दांत हड्डियां नहीं होते हैं। हालांकि वे कुछ समान चीजों से बने होते हैं और मानव शरीर में सबसे कठोर पदार्थ होते हैं, क्योंकि दांतों पर इनेमल की सुरक्षात्मक परत होती है। लेकिन दांतों में खुद को ठीक करने और फिर से उगाने की क्षमता नहीं होती है। अब इसी चीज को बदलने की उम्मीद है।
क्या हो रहा नया
जापानी शोधकर्ता एक प्रायोगिक दवा के साथ आगे बढ़ रहे हैं जिसके बारे में उम्मीद है कि इससे मानव दांतों को फिर से उगाने का काम किया जा सकेगा। ओसाका के किटानो अस्पताल में चिकित्सा अनुसंधान संस्थान में दंत चिकित्सा के प्रमुख कात्सु ताकाहाशी के अनुसार, हम उन लोगों की मदद करना चाहते हैं जो दांतों के नुकसान या दांत न होने से पीड़ित हैं। हमें लगता है दांतों के विकास को लेकर लोगों की उम्मीदें ज्यादा हैं।
बरसों तक किया अध्ययन
यह डेवलपमेंट गर्भाशय संवेदीकरण-संबंधित जीन-1 (यूएसएजी-1) नामक एक विशेष एंटीबॉडी के इर्द-गिर्द वर्षों के अध्ययन के बाद हुआ है। 2021 में क्योटो विश्वविद्यालय के वैज्ञानिकों ने एक मोनोक्लोनल एंटीबॉडी (आमतौर पर कैंसर से लड़ने में इस्तेमाल की जाने वाली तकनीक) की खोज की, जिसने यूएसएजी-1 और बोन मोर्फोजेनेटिक प्रोटीन या बीएमपी के रूप में जाने जाने वाले अणुओं के बीच बातचीत को बाधित कर दिया।
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