असर खबर का - नहरी पानी की राह में बने बाधक तो होगी कार्रवाई

माइनरों पर पहुंचने लगे अधिकारी, बढ़ाई निगरानी

असर खबर का - नहरी पानी की राह में बने बाधक तो होगी कार्रवाई

टेल क्षेत्र के खेतों तक नहरी पानी पहुंचाने में जुटा विभाग।

कोटा। सीएडी विभाग ने रबी फसलों के लिए पूरी क्षमता से दोनों नहरों में जलप्रवाह शुरू कर दिया है। इसके बावजूद अभी तक टेल क्षेत्र के खेतों तक नहरी पानी नहीं पहुंचा है। सिंचाई के लिए किसानों की नहरी पानी की मांग बढ़ती जा रही है, लेकिन उन्हें पानी नहीं मिल पा रहा है। इस कारण अब सीएडी विभाग ने जलप्रवाह की मॉनीटरिंग शुरू कर दी है। विभाग के अभियंता टेल क्षेत्र तक पानी पहुंचाने में जुट गए हैं। इसके लिए नहरी तंत्र की निगरानी शुरू कर दी गई है। हेड क्षेत्र के खेतों में पर्याप्त मात्रा में पानी पहुंच चुका है। इसलिए अब हेड की माइनरों में जलप्रवाह कर करके टेल क्षेत्र में पानी पहुंंचाया जा रहा है। रोजाना विभाग के अभियंता माइनरों पर पहुंच कर जलप्रवाह का जायजा ले रहे हैं।

तो पुलिस की लेंगे मदद 
विभाग के अधिकारियों ने बताया कि रबी फसलों को सिंचाई की सुविधा उपलब्ध कराने के उद्देश्य से दोनों नहरों में पूरी क्षमता से जलप्रवाह किया जा रहा है। हेड क्षेत्र के अधिकांश क्षेत्रों में नहरी सिंचाई के लिए नहरी पानी पहुंंच चुका है। अब टेल क्षेत्र में पानी पहुंचाने में जुट गए हैं। हेड क्षेत्र में रोजाना पानी की उपलब्धता का आंकलन किया जा रहा है और जहां पर पर्याप्त पानी पहुंच चुका है उन माइनरों में प्रवाह कम करवाया जा रहा है। अब सारा फोकस टेल क्षेत्र तक पानी पहुंचाने पर है। यदि किसी किसान ने सुचारू जलप्रवाह  में बाधा उत्पन्न की तो पुलिस के सहयोग से उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। उच्च अधिकारियों ने पुलिस का सहयोग लेने के निर्देश दिए हैं।

जलप्रवाह को लेकर बैठक में हुई थी चर्चा
क्षेत्रीय विकास आयुक्त की अध्यक्षता में चम्बल कमाण्ड क्षेत्र की नहरों में जल संचालन के संबंध में गत दिनों बैठक आयोजित की गई थी। बैठक में अधीक्षण अभियन्ताओं एवं अधिशासी अभियन्ताओं को नहरों पर नियमित भ्रमण करने एवं मौके पर ही काश्तकारों की समस्या सुनकर निराकरण करने के निर्देश प्रदान किए गए थे। इसके अलावा नहरों के संचालन में किसी प्रकार की बाधा आने पर पुलिस प्रशासन का सहयोग लेने को कहा था, ताकि टेल क्षेत्र पर पानी पहुंचाने में कोई दिक्कत नहीं आए। क्षेत्रीय विकास आयुक्त के निर्देश के बाद विभाग के अभियंताओं ने जलप्रवाह की मॉनीटरिंग शुरू कर दी है। इसके लिए रोजाना माइनरों पर जाकर जायजा लिया जा रहा है।

नवज्योति ने उठाया मामला तो हरकत में आए अधिकारी
सीएडी विभाग ने रबी फसलों के लिए पूरी क्षमता से दोनों नहरों में जलप्रवाह शुरू कर दिया है। इसके बावजूद अभी तक टेल क्षेत्र के खेतों तक नहरी पानी नहीं पहुंचा है। सिंचाई के लिए किसानों की नहरी पानी की मांग बढ़ती जा रही है, लेकिन उन्हें पानी नहीं मिल पा रहा है। पूरी क्षमता से नहरें चलाने के बाद भी पानी सभी जगह पर नहीं पहुंच पा रहा है। इससे किसानों को परेशानी हो रही है। अब रबी फसलों की बुवाई का कार्य गति पकड़ने लगा है। इस कारण फसलों में सिंचाई के लिए पानी की आवश्यकता होने लगी है। समाचार प्रकाशित होने के बाद अधिकारी हरकत में आए और जलप्रवाह की मॉनीटरिंग शुरू कर दी गई। 

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फैक्ट फाइल
2.29 लाख हैक्टेयर जमीन सिंचित होती है हाड़ौती की
6600 क्यूसेक है दार्इं मुख्य नहर की जल प्रवाह क्षमता
124 किमी दायीं मुख्य नहर राजस्थान में जल प्रवाहित
248 किमी मध्यप्रदेश की सीमाओं में जल प्रवाह।
1.27 लाख हैक्टेयर भूमि राजस्थान में सिंचित
3.70 लाख हैक्टेयर भूमि मध्यप्रदेश में सिंचित
1500 क्यूसेक है बार्ईं मुख्य नहर की जल प्रवाह क्षमता
178 लाख हैक्टेयर भूमि राजस्थान में सिंचित
1.02 लाख हैक्टेयर भूमि सिंचित

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दायीं और बायीं नहर में पूरी क्षमता से जलप्रवाह किया जा रहा है। जलप्रवाह की मॉनीटरिंग के लिए अभियंताओं को मौके पर भेजा जा रहा है। जलप्रवाह में आ रही हर बाधा को हटाया जाएगा। इसके लिए पुलिस की मदद लेंगे। जल्द टेल क्षेत्र तक पानी पहुंंच जाएगा। 
- लखनलाल गुप्ता, अधीक्षण अभियंता, सीएडी कोटा 

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