असर खबर का - माइनर के टेल क्षेत्र में पहुंचने लगा नहरी पानी
किसानों को मिली राहत
क्षेत्र में नहरी पानी की समस्या को अवगत करवाने के लिए दैनिक नवज्योति को मिली प्रशंसा।
भण्डेड़ा। क्षेत्र में गोठड़ा बांध की मुख्य केनाल के टेल क्षेत्र की दोनों माइनरों में नहरी पानी नहीं पहुंचने की समस्या से क्षेत्रीय धरतीपुत्र परेशान थे। टेल क्षेत्र पर बनी बांसी व मूण्डली माइनर को नहरी पानी नहीं मिल रहा था। क्षेत्रीय किसान रोजमर्रा ही उम्मीद लेकर माइनर पर पहुंचते थे, पर नहरी पानी खेतों में नहीं पहुंच रहा था। रबी फसलों की समय पर सिंचाई नहीं होने से फसलें सूखने की कगार पर थे। जलसंसाधन विभाग को अवगत करवाने के बाद भी जिम्मेदार अनदेखी कर रहे थे। क्षेत्रवासियों की इस समस्या को दैनिक नवज्योति ने गंभीरता से लेकर इस संबंध में 12 दिसंबर को नहरी पानी नहीं मिलने से धरतीपुत्र परेशान शीर्षक से प्रमुखता से समाचार प्रकाशित करके संबंधित जलसंसाधन विभाग को अवगत करवाया। तब जाकर टेल क्षेत्र में नहरी पानी पहुंचा है। अब जाकर टेल क्षेत्रीय किसानों को राहत मिली है। जानकारी के अनुसार भण्डेड़ा क्षेत्र में गोठड़ा मुख्य केनाल के टेल क्षेत्र में बांसी व मूण्डली माइनर बनी हुई है। दोनों माइनरों में जल संसाधन विभाग द्वारा निर्धारित समय तक नहरी पानी का प्रवाह किया जाता है। जो लगभग 35 से 40 दिन तक नहरी पानी से क्षेत्रीय धरतीपुत्र लाभान्वित होते है। पर इस बार समय नजदीक आता जा रहा था, एवं माइनर के टेल क्षेत्र में किसानों के खेतों में पानी नहीं पहुंच रहा था।
इस समस्या को लेकर किसानों ने संबंधित विभागीय अधिकारियों को अवगत करवाने के बाद भी अनदेखी हो रही थी। क्षेत्रीय धरतीपुत्रों की इस समस्या को दैनिक नवज्योति ने गंभीरतापूर्वक लेकर प्रमुखता से समाचार प्रकाशित करके क्षेत्रीय किसानों की समस्या को उजागर किया। तब जाकर विभाग ने सुध लेते हुए नहरी पानी का प्रवाह तेज किया है। अब जाकर माइनर के टेल क्षेत्र में किसानों के खेतों में नहरी पानी पहुंच पाया है। क्षेत्रीय किसानों की भी नहरी पानी के लिए माइनर से खेत तक भागादौड़ी खत्म हुई है। अब जाकर उनको भी राहत मिली है।
क्षेत्रवासियों ने प्रशंसा की
क्षेत्र में नहरी पानी की समस्या को प्रमुखता से लेकर संबंधित विभाग को अवगत करवाने के लिए दैनिक नवज्योति को प्रशंसा मिली है। जो समय रहते संबंधित विभागीय जिम्मेदारों ने सुध लेकर टेल क्षेत्र के किसानों के खेतों में नहरी पानी पहुंचाया है। अब जाकर रबी फसलों को पहला पानी मिल पाएगा। खरीफ फसल अतिवृष्टि की भेट चढ़ने के बाद क्षेत्रीय धरतीपुत्रों की उम्मीद रबी फसल पर टिकी है।
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