मांगों को लेकर लामबंद हुए सरपंच, आंदोलन का ऐलान
सरकार ने मांगें नहीं मानी तो आगामी दिनों में आंदोलन को आक्रामक करेंगे
हमारी मांग है कि सरकार समय पर चुनाव कराए, अगर चुनाव नहीं कराती है और प्रशासक लगती है तो विरोध करेंगे।
जयपुर। सरपंचों के चुनाव समय पर कराने और चुनाव में देरी होने पर प्रशासक नहीं लगाकर सरपंचों का कार्यकाल बढ़ाने की मांग को लेकर सोमवार को प्रदेश भर के सरपंच जयपुर में लामबंद हुए। सरपंचों की मांगे नहीं मानने पर सरकार के खिलाफ बड़े आंदोलन का ऐलान कर दिया है। प्रदेशभर के सरपंच 6 दिसम्बर को जयपुर को इकट्ठे होंगे। राष्ट्रीय सरपंच संघ अध्यक्ष जयराम पलसानिया और सरपंच संघ राजस्थान अध्यक्ष बंशीधर गढ़वाल ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि सरपंच संघ राजस्थान के पदाधिकारी जयपुर में एकजुट हुए हैं। सरपंचों की मांगों को लेकर मंत्रियों को ज्ञापन दिया है। हमारी मांग है कि सरकार समय पर चुनाव कराए, अगर चुनाव नहीं कराती है और प्रशासक लगती है, तो विरोध करेंगे। प्रतिनिधयों को कार्यभार दिया जाएं। मांगों को लेकर लामबंद सरपंच 6 दिसम्बर को जयपुर में एकत्रित होंगे। सरकार ने मांगें नहीं मानी, तो आगामी दिनों में आंदोलन को आक्रामक करेंगे।
पलसानिया और गढ़वाल ने कहा कि राज्य वित्त आयोग का बजट का 4200 करोड़ नरेगा के बजट बकाया है। मुख्यमंत्री से मिलने का समय मांगा अभी नहीं दिया। अगर 6 दिसम्बर से पहले वार्ता होती है, तो आंदोलन स्थगित किया जएगा। साथ ही यह भी कहा कि राइजिंग राजस्थान का समर्थन करेंगे। यह अच्छा काम है इसका विरोध नहीं किया जाएगा। पूर्ववर्ती सरकार में भी सरपंचों की मांगों की उपेक्षा हुई। मेटेरियल, एफएफसी की राशि बकाया है। मानदेय के लिए पंचायतों के पास पैसा नहीं है। पिछली सरकार ने बजट मोबाइलों में खर्च किया। इस सरकार में बजट अन्य मुद्दों में काम मे लिया जा रहा है।
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