फैक्ट्रियों की जगह खड़े हो रहे मलबे के ढेर

जहां जगह मिली वहीं फैंक रहे कचरा, श्रमिकों को हो रही दिक्कत

फैक्ट्रियों की जगह खड़े हो रहे मलबे के ढेर

कोटा-रायपुरा मार्ग पर स्थित लघु औद्योगिक क्षेत्र में सड़क किनारे पर खाली जगह पड़ी हुई है, जहां पर अब कचरे व मलबे के ढेर नजर आ रहे हैं।

कोटा । शहर में खाली जगह नजर आते ही कचरे व मलबे के ढेर लगने शुरू हो जाते हैं। यही स्थिति कोटा-रायपुरा मार्ग पर स्थित लघु औद्योगिक क्षेत्र में नजर आ रही है। इस क्षेत्र में सड़क किनारे पर खाली जगह पड़ी हुई है, जहां पर अब कचरे व मलबे के ढेर नजर आ रहे हैं। सड़क के किनारे पर सटी हुई यह जगह कचरे व मलबे से अट चुकी है। तेज हवा चलने के दौरान कचरा व मलबा उड़कर सड़क पर आ जाता है। जिससे दुपहिया वाहन सवारों को परेशानी का सामना करना पड़ता है।

रोजाना बढ़ रहा ढेर
लघु औद्योगिक क्षेत्र में स्थित संस्थानों के श्रमिकों ने बताया कि सड़क के एक तरफ लघु उद्योग संस्थान हैं और दूसरी तरफ कचरे के ढेर लगे हुए हैं। रोजाना यहां पर कुछ गाड़ियां आती है और कचरे के ढेर को डालकर चली जाती है। इस कारण इस स्थान पर कचरे का ढेर बढ़ता ही जा रहा है। कुछ वाहन तो मलबा लेकर भी आते हैं। इससे अब कचरा व मलबा सड़क के किनारे तक आ गया है।

दुर्गंध से हो रही परेशानी
सड़क किनारे पड़े कचरे व मलबे के कारण अब चारों तरफ दुर्गंध फैल रही है। इससे यहां पर काम करने वाले श्रमिकों को परेशानी हो रही है। श्रमिकों ने बताया कि दिनभर यहां पर दुर्गंधभरा वातावरण बना रहता है। कई बार दुर्गंध इतनी तेज हो जाती है कि मुंह पर रुमाल लगाकर काम करना पड़ता है।

लघु उद्योग संचालक जता चुके आपत्ति
यहां पर कचरे व मलबे का ढेर काफी समय से डाला जा रहा है। इस सम्बंध में पूर्व में लघु उद्योग संचालकों ने कचरा व मलबा डालने पर आपत्ति जताई थी और इस सम्बंध में जिला प्रशासन से शिकायत भी की थी। इसके बावजूद इस पर रोक नहीं लग पाई।

उद्यमी बोले, समाधान जरूरी
लघु उद्यमी रामकिशोर अग्रवाल का कहना है कि फैक्ट्री के सामने पड़े मलबे व कचरे के ढेर के कारण परेशानी होती है। मलबे के ढेर से इतनी दुर्गंध आती है कि कई बार तो फैक्ट्री में बैठना तक मुश्किल हो जाता है। फैक्ट्री में काम करने वाले श्रमिक भी दुर्गंध से परेशान हैं। शिकायत करने के बावजूद समस्या का समाधान नही हो पा रहा है। लघु उद्यमी दौलतराम रावतानी ने बताया कि अगर यहां पर मलबा डालना बंद हो जाए तो काफी राहत मिल सकती है। रोजाना मलबे के ढेर बढ़ते ही जा रहे हैं। कई बार दुर्गंध की वजह फैक्ट्री में काम करना मुश्किल हो जाता है। यहां की समस्या का समाधान जरूरी है।

यहां पर कचरा व मलबा डालने से मना कर रखा है। दिन के समय तो यहां पर कोई कचरा नहीं डालता है। रात के समय यहां कचरे व मलबे को डाल जाते हैं। कुछ दिन पहले एक जने को कचरा डालते हुए पकड़ा था। इस पर उसका चालान बनाया गया था। अब फिर से यहां पर निगाह रखी जाएगी।
- नासिर, सफाई निरीक्षक, कोटा दक्षिण

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