शहीद के नाम खेल स्टेडियम व सड़क बनाने की मांग को लेकर ग्रामीण लामबंद
ग्रामीणों व समिति के कार्यकर्ताओं ने प्रशासन व सरकार के खिलाफ विरोध में, टूटी सड़क के गड्डों में मिट्टी डालकर नारेबाजी की।
जिले के ग्राम घरड़ाना खुर्द में सड़क संघर्ष समिति व तीन गांवों के ग्रामीणों का संयुक्त तत्वावधान में शहीद के नाम खेल स्टेडियम व क्षतिग्रस्त सड़क को दुबारा बनाने के मांग को लेकर गुरुवार को तीसरे दिन भी अनिश्चितकालीन धरना रहा जारी।
झुंझुनूं। जिले के ग्राम घरड़ाना खुर्द में सड़क संघर्ष समिति व तीन गांवों के ग्रामीणों का संयुक्त तत्वावधान में शहीद के नाम खेल स्टेडियम व क्षतिग्रस्त सड़क को दुबारा बनाने के मांग को लेकर गुरुवार को तीसरे दिन भी अनिश्चितकालीन धरना जारी रहा। तीसरे दिन महिलाओं ने भी शामिल होकर धरने का समर्थन करते हुए प्रशासन से जल्द से सड़क व स्टेडियम बनाने की मांग की। संघर्ष समिति व ग्रामीणों ने प्रशासन के खिलाफ विरोध जताते हुए नारेबाजी कर टूटी सड़क के गड्डो में मिट्टी डालकर विरोध जताया। समिति के संयोजक संदीप राव ने बताया कि टूटी सड़क को बनाने का काम सरकार व पीडब्लूडी विभाग का काम है लेकिन ग्रामीण परेशान होकर धरना-प्रदर्शन करने पर मजबूर है।
बार-बार अवगत कराने के बाद भी नहीं हुआ समाधान
ग्रामीणों व समिति के कार्यकर्ताओं ने प्रशासन व सरकार के खिलाफ विरोध जताते हुए टूटी सड़क के गड्डों में मिट्टी डालकर सरकार व प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी कर विरोध जताया। सरपंच उम्मेद सिंह राव ने कहा कि ग्रामीण भीषण गर्मी में शहीद के नाम से खेल स्टेडियम व क्षतिग्रस्त सड़क बनाने की मांग को लेकर धरना प्रदर्शन कर रहे है लेकिन प्रशासन की आंख तक नहीं खुल रही है। इस संबंध में कई बार अधिकारियों को अवगत करवा चुके है लेकिन अभी तक कोई समाधान नहीं हुआ।
कलेक्ट्रेट पर प्रदर्शन की चेतावनी
अखिल भारतीय किसान महासभा के राष्ट्रीय सचिव रामचंद्र कुलहरी ने आंदोलन का समर्थन कर सभा को संबोधित करते हुए कहा कि पिछले 9 साल से सड़क गड्ढों में तब्दील होकर पूरी तरह से क्षतिग्रस्त हो चुकी है। पिछली भाजपा सरकार व वर्तमान कांग्रेस सरकार के किसी भी जन प्रतिनिधि ने सुध नहीं ली। संघर्ष समिति व ग्रामीणों ने शुक्रवार को जिला कलेक्ट्रेट के सामने धरना प्रदर्शन करने की चेतावनी दी। इस मौके पर सरपंच उम्मेद राव, सरजीत राव, पूर्व सरपंच निहाल सिंह, प्रीतम राव, राजेन्द्र राव, रमेश कुमार घरड़ाना कलां, हवासिंह, धर्मपाल, अनूप, सियाराम, रामसिंह, रणदीप, रोहिताश, आनंदपाल, उमराव सिंह, अंकित, संजय, विधाधर, उम्मेद सिंह हवलदार, हवा सिंह, राजेन्द्र पूनिया सहित अनेक ग्रामीण मौजूद थे।
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