जेकेके में दर्शकों ने नाटक 'गुलिवर्स ट्रैवेल' और 'फ्लाइंग फ्लावर्स' का लिया आनंद
'गुलिवर्स ट्रैवल' स्वतंत्रता, दृढ़ संकल्प, ताकत, साजिश, करुणा, दोस्ती और स्वीकृति की कहानी है।
जयपुर। जवाहर कला केंद्र (जेकेके) के रंगयान में शनिवार को पपेटशाला आर्ट्स ग्रुप द्वारा नाटक 'गुलिवर्स ट्रैवल्स' और 'फ्लाइंग फ्लावर्स' प्रस्तुत किया गया।
जयपुर। जवाहर कला केंद्र (जेकेके) के रंगयान में शनिवार को पपेटशाला आर्ट्स ग्रुप द्वारा नाटक 'गुलिवर्स ट्रैवल्स' और 'फ्लाइंग फ्लावर्स' प्रस्तुत किया गया। दोनों नाटकों का मंचन सुबह चिल्ड्रंस थियेटर वर्कशॉप के प्रतिभागियों के लिए और शाम को आम जनता के लिए किया गया। नाटक बेहद ही इन्ट्रैक्टिव और मनोरंजक थे। थियेटर वर्कशॉप के बच्चों ने नाटकों का खूब आनंद लिया और ठहाके लगाए। दोनों नाटक, 'गुलिवर्स ट्रैवल' और 'फ्लाइंग फ्लावर्स' का निर्देशन और डिजाइन मोहम्मद शमीम द्वारा किया गया था।
'गुलिवर्स ट्रैवल' स्वतंत्रता, दृढ़ संकल्प, ताकत, साजिश, करुणा, दोस्ती और स्वीकृति की कहानी है। यह कोई प्रेम कहानी नहीं बल्कि प्रेम की कहानी थी। गुलिवर एक समुद्री तूफान से बहकर लिलिपुट की भूमि के तट पर पहुंच जाता है। उसे लिलिपुट्स पकड़ लेते हैं। वह एक कैदी बन जाता है, लेकिन विशाल होने की शक्ति के बावजूद, वह लिलिपुट्स का पोषण करता है। वह अपनी स्वतंत्रता के लिए बातचीत करता है। हालांकि उसे मारने की साजिश रची जाती है, पर वह बच निकलता है और सच्ची मित्रता की तलाश जारी रखता है और प्रेम की अपनी शक्ति को हल्के में नहीं लेते हुए, अपने सच्चे मित्रों को प्रदान करता है। पपेट डिजाइन और मेकिंग का कार्य शमीम और नीतू कुमारी ने किया था। स्क्रिप्ट शील, ज्योत्सना और शमीम द्वारा लिखी गई थी।
इसी प्रकार से, नाटक 'फ्लाइंग फ्लावर्स' एक गैर-मौखिक प्रस्तुति है, जिसमें एक लड़का अपने दोस्त को कुछ फूल उपहार में देना चाहता है और फूल उसे हास्यपूर्ण घटनाओं और झगड़ों के माध्यम से एक यात्रा पर ले जाते हैं। स्टेज पर अविनाश कुमार, शील, मोहम्मद शमीम, कुमाई यादव, उमेश कुमार और प्रदीप कुमार थे। वहीं लाइट डिजाइन शाहा दत्त द्वारा की गई।
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