पुलिस के हत्थे चढ़े नकल गिरोह के दो गुर्गे

प्रतियोगी परीक्षाओं में बड़ी रकम लेकर नकल कराने व सलेक्शन के नाम पर ठगी के मामले में नागौर पुलिस को मिली बड़ी कामयाबी

पुलिस के हत्थे चढ़े नकल गिरोह के दो गुर्गे

प्रतियोगी परीक्षाओं में बड़ी रकम लेकर नकल कराने व सलेक्शन कराने के नाम पर ठगी करने वाले को नागौर कोतवाली पुलिस ने पकड़कर बड़ी कामयाबी हासिल की हैं। पुलिस ने मामले में दो आरोपियों को पकड़ा हैं।

नागौर। प्रतियोगी परीक्षाओं में बड़ी रकम लेकर नकल कराने व सलेक्शन कराने के नाम पर ठगी करने वाले को नागौर कोतवाली पुलिस ने पकड़कर बड़ी कामयाबी हासिल की हैं। पुलिस ने मामले में दो आरोपियों को पकड़ा हैं। वहीं राजस्थान पशुधन सहायक परीक्षा 2022 की शनिवार को जयपुर में होने वाली भर्ती परीक्षा का पेपर लीक करने के आरोप में पकड़े गए कोचिंग संचालक व लाइब्रेरी संचालक से पूछताछ में खुलासा हुआ है कि नागौर में चल रहे नकल गिरोह का असली मास्टरमाइंड सीकर का रहने वाला है। जिसकी गिरफ्तारी के लिए पुलिस टीमें जुटी हुई हैं। नागौर में पकडेगए दो युवक प्रतियोगी परीक्षाओं में 6 लाख की राशि की मांग कर काम को अंजाम दे रहे थे। पुलिस मामले से जुड़े शेष आरोपियों की तलाश में जुटी हुई हैं। 

मामले की मीडिया को जानकारी देते हुए अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक राजेश मीणा ने बताया कि राजस्थान पशुधन सहायक भर्ती परीक्षा 2022 की शनिवार को जयपुर में होने वाली परीक्षा का पेपर लीक करने की योजना बनाने के आरोप में जिले के डेरवा निवासी 25 वर्षीय ओमाराम पुत्र ताजूराम जाट व जिले के गढरिया निवासी 26 वर्षीय सरजन सिंह पुत्र जगदीश सिंह राजपूत को गिरफ्तार किया गया हैं। जिसमें ओमाराम बीकानेर रोड पर तेजस्वी एज्युकेशन के नाम से कोचिंग व लाइब्रेरी चलाता हैं। वहीं सुरजन सिंह डीडवाना रोड स्थित चौधरी पेट्रोल पंप के सामने महादेव लाइब्रेरी का संचालन करता है। जांच में पता चला है कि ओमाराम की सीकर निवासी योगेश से सेटिंग थी। वो उसी के कहने पर स्टूडेंट्स से रकम लेता और योगेश को व्हाट्सएप पर स्टूडेंट्स के एडमिट कार्ड भेजता था। वहीं सुरजन सिंह ने बताया कि हीराराम उर्फ हितेश पुत्र खींयाराम जाट निवासी राजापुरा, महेंद्र उर्फ भोमाराम पुत्र छोटूराम जाट निवासी धीजपुरा उसे रकम लेकर हूबहू पेपर भेजने और ओएमआर शीट में गोले भरवाकर पेपर क्लियर कराने का कहते थे। वे उन दोनों के कहने पर स्टूडेंट्स से रुपए ले रहा था। एडीशनल एसपी मीणा ने बताया कि फिलहाल सीकर निवासी योगेश, हीराराम उर्फ हितेश पुत्र खींयाराम जाटव महेंद्र उर्फ भोमाराम पुत्र छोटूराम जाट की तलाश जारी है। सभी आरोपी अभ्यर्थी व उनके परिजनों को प्रतियोगी परीक्षा में पास कराने का झांसा देकर ठगी करने का काम ये काफी समय से कर रहे थे।

पुलिस को शिकायत मिलने पर खुलासा

एडीशनल एसपी मीणा ने बताया कि मानासर स्थित त्रिवेणी लाइब्रेरी संचालक गौरीशंकर पुत्र भंवरलाल भाटी निवासी ने पुलिस को बताया उसका दोस्त ओमाराम पुत्र ताजुराम जाट निवासी खारी डेरवा भी बीकानेर रोड पर तेजस्वी एज्युकेशन नाम से कोचिंग व लाइब्रेरी चलाता है। कुछ दिनों पहले ओमाराम गौरीशंकर उसके पास आया और उसे बताया कि उसकी प्रतियोगी परीक्षाओं में पेपर की ओएमआर शीट भरवाने तक ऊपर तक सेटिंग है और वह किसी की भी नौकरी लगवा सकता है। इसके बाद ओमाराम ने गौरीशंकर की नौकरी लगाने के नाम पर साढ़े 7 लाख रुपए मांगे। इसके बाद ओमाराम ने गौरीशंकर के मार्फत पशुधन सहायक भर्ती परीक्षा में पास कराने के लिए सुरेंद्र से 1 लाख 30 हजार व मनीष बसवाना से डेढ़ लाख, ग्राम सेवक भर्ती के पहले पेपर के दौरान संतोष सारण से एक लाख 90 हजार व अमरचंद प्रजापत से 80 हजार रुपए ले लिए। इनमें से सुरेंद्र व मनीष के रुपए गौरीशंकर के पास ही है। ओमाराम ने गौरीशंकर को बताया कि डीडवाना रोड स्थित महादेव लाइब्रेरी संचालक सरजन सिंह निवासी गढरिया भी इसमें शामिल है। सरजन सिंह हीराराम राजापुरा व महेंद्र धीजपुरा का एजेंट है। ये लाइब्रेरी में आने वाले स्टूडेंट्स को प्रतियोगी परीक्षाएं क्लियर कराने के नाम पर रुपए लेते हैं। रुपए लेने के बाद नौकरी नहीं लगवाने पर गौरीशंकर द्वारा जानकारी जुटाने पर सामने आया हैं कि यह लोग परीक्षार्थियों को गुमराह कर राशि लेते हुए ठगी का रैकट चला रहे हैं।

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अन्य भर्तियों में की गई ठगी की होगी जांच

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एडीशनल एसपी मीणा ने बताया कि पकड़े गए आरोपियों तथा गिरोह में शामिल मास्टरमाइंड अन्य भर्तियों में भी बेरोजगारों से पैसे लेकर ठगी का शिकार कर रहे थे। पूर्व में भी ग्राम सेवक, पटवारी, विद्युत विभाग की भर्तियों में इसी तरह लोगों को सरकारी नौकरी लगवाने के नाम पर रुपए लेने की प्रारंभिक जानकारी सामने आई है। फिलहाल महेंद्र, हीराराम तथा योगेश को पकड़ने के लिए टीम में जुटी हुई है। शीघ्र ही आरोपियों को पकड़ा जाएगा तथा इस मामले में बड़ा खुलासा किया जाएगा।

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साइबर टीम का भी ले रहे हैं सहयोग

प्रतियोगी परीक्षाओं में पैसे लेकर नकल कराने के रैकेट को पकड़ने के लिए सोशल मीडिया पर आरोपियों तथा बेरोजगारों के साथ आपस में हुई चैटिंग का अनुसंधान साइबर सेल की टीम द्वारा करवाया जा रहा है। मामले के खुलासे में कोतवाली थानाधिकारी बृजेंद्र सिंह, कांस्टेबल नरेंद्र, रामकुमार, साइबर एक्सपर्ट माधाराम तथा डीएसटी टीम के अलावा साइबर टीम के रूप में हेड कांस्टेबल मूलाराम, श्याम प्रताप तथा पूनाराम मामले के गहन अनुसंधान में जुटे हुए हैं।

 

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