अब के समय की जरूरत है अग्निपथ

रशिक्षण पैटर्न और परिचालन उपयोग शामिल

अब के समय की जरूरत है अग्निपथ

रक्षा सेवाएं राष्ट्रीय सुरक्षा की अंतिम ठिकाना हैं और किसी को भी सेना प्रमुखों की दृष्टि और योजना पर कोई संदेह नहीं होना चाहिए। सर्विसेज ने अब तक नई योजना के सभी आयामों पर विचार-विमर्श किया होगा, जिसमें प्रशिक्षण पैटर्न और परिचालन उपयोग शामिल हैं।

रक्षा सेवाएं राष्ट्रीय सुरक्षा की अंतिम ठिकाना हैं और किसी को भी सेना प्रमुखों की दृष्टि और योजना पर कोई संदेह नहीं होना चाहिए। सर्विसेज ने अब तक नई योजना के सभी आयामों पर विचार-विमर्श किया होगा, जिसमें प्रशिक्षण पैटर्न और परिचालन उपयोग शामिल हैं। किसी भी स्तर पर किसी प्रकार की शिथिलता नहीं की जाएगी। भारत के सभी नागरिकों को निश्चिंत होना चाहिए कि रक्षा बल हर बार और हर पहलू में खुद को साबित करेंगे, जब भी उन्हें ऐसा करने के लिए कहा जाएगा। अग्निवीर योजना राष्ट्रीय रक्षा की यात्रा में एक नए युग की शुरुआत है, जिसका सीधा असर रक्षा बलों के साथ-साथ राष्ट्र के युवाओं पर पड़ेगा। ये दोनों ही राष्ट्र के दो अभिन्न स्तंभ हैं। रक्षा मंत्रालय द्वारा एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान जब इस योजना की घोषणा हुई तो रक्षा मंत्री इसकी अध्यक्षता कर रहे थे और मंच को तीनों सेना प्रमुखों द्वारा साझा किया गया था। हमेशा विकास करती दुनिया में, परिवर्तन ही एकमात्र पहलू हैं जो निरंतर है। साथ ही परिवर्तन का प्रतिरोध मानव स्वभाव का एक अभिन्न हिस्सा है जिसे ध्यान में रखने की आवश्यकता है। आइए योजना की व्यापक रूपरेखा पर एक नजर डालते हैं। सरकारी घोषणाओं के अनुसार अग्निवीर योजना तीनों सेनाओं (नौसेना, थल सेना और वायु सेना) में आॅफि सर्स रैंक से नीचे सिपाही (पीबीओआर) श्रेणी में सभी भर्तियों के लिए नया भर्ती मार्ग होगा। 17.5 वर्ष से आरंभ आयु वर्ग के योग्य उम्मीदवारों की भर्ती 4 वर्ष की निश्चित अवधि के लिए की जाएगी। चार साल के बाद सभी अग्निवीरों को अपने संबंधित बलों में नियमित रूप से शामिल होने के लिए आवेदन करने का विकल्प दिया जाएगा। नियमित तौर पर केवल 25 प्रतिशत अग्निवीरों को ही शामिल किया जाएगा।

सबसे पहले, आइए रक्षा सेवाओं पर योजना के संभावित प्रभाव पर विचार करें, क्योंकि अग्निवीरों के उपयोग और इससे सेवाओं की परिचालन क्षमता और युद्ध क्षमता पर इसके प्रभाव पर सवाल उठाए गए हैं। भारतीय वायुसेना एक प्रौद्योगिकी-केंद्रित आधुनिक वायु सेना है, जिसमें सभी लड़ाकू प्लेटफार्मों, उपकरणों के साथ-साथ एक नेटवर्क वातावरण में काम करने वाली हथियार प्रणालियां हैं। भारतीय वायुसेना को समकालीन प्रौद्योगिकी ज्ञान के साथ युवा और अनुकूलनीय लोगों की आवश्यकता है, ताकि उन्हें कम से कम समय में उभरती प्रौद्योगिकियों में प्रशिक्षित किया जा सकें। इसके अलावा, जैसे-जैसे उभरती प्रौद्योगिकियां बेहद जल्दी आउटडेटेड भी हो रही हैं और हर गुजरते दिन के साथ इनका दायरा सिकुड़ जाता है, ऐसे में छोटी अवधि के लिए लगातार इंडक्शन लंबी प्रतिबद्धताओं के साथ इंडक्शन की तुलना में अधिक तार्किक हैं। एक छोटी चार साल की अवधि के बाद उम्मीदवारों के साथ्-साथ सर्विसेज को भी निर्णय लेने का विकल्प देती है।

पूर्ववर्ती व्यवस्था में ऐसा कोई विकल्प उपलब्ध नहीं था। नतीजन, एक ओर युवाओं का एक वर्ग 15-20 साल की न्यूनतम प्रतिबद्धता के कारण सर्विसेज में शामिल होने के विकल्प का उपयोग करने से आशंकित था और दूसरी ओर सर्विसेज को उभरती प्रौद्योगिकियों में वरिष्ठ उम्रदराज लोगों को फिर से कौशल देने में कुछ चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा था। युवा लोगों को बार-बार शामिल करना और लड़ाकों की औसत आयु में कमी सर्विसेज के लिए अच्छी होगी। सैनिकों की औसत आयु में कमी, जिन्हें आमतौर पर भारतीय वायुसेना में वायु योद्धा कहा जाता है, सर्विसेज के लिए एक बड़ा लाभ होगा। वास्तव में प्रशिक्षण की अवधि, पैटर्न और साथ ही मौजूदा प्रणाली की तुलना में अग्निवीरों के पोस्टिंग प्रोफाइल में बदलाव करने की आवश्यकता होगी।

आइए युवाओं की आकांक्षाओं के साथ-साथ रुचियों पर भी विचार करें। सरकार द्वारा घोषित वित्तीय पैकेज 10वीं या 12वीं पास युवा वयस्कों के लिए सर्वोत्तम कॉरपोरेट्स की पेशकश की तुलना में बहुत अधिक है। नई भर्ती के लिए 30,000 रुपए प्रति माह और इसके अतिरिक्त 9000 रुपए प्रति माह सरकार द्वारा उनकी सेवा निधि के लिए योगदान दिया जाएगा। इसके अतिरिक्त हर साल वेतन में लगभग 10 प्रतिशत की वृद्धि होगी। यह रेखांकित करना उचित है कि बोर्डिंग, लॉजिंग, चिकित्सा सुविधाओं आदि अधिकांश दैनिक आवश्यकताओं की देखभाल सर्विसेज द्वारा की जाती है, इसलिए अग्निवीर को इन पहलुओं पर कोई पैसा खर्च करने की आवश्यकता नहीं होगी। चूंकि आय का कम हिस्सा जीवन यापन की लागत की ओर जा रहा होगा, इसलिए वेतन के अधिकांश हिस्से को बचाया जा सकता है। साथ ही चार साल पूरे होने पर प्रत्येक अग्निवीर को 11 लाख रुपये से अधिक की राशि उसके सेवा निधि खाते के मैच्योर होने पर मिलेगी। आर्थिक लाभ के अलावा यह योजना युवाओं की अन्य आकांक्षाओं को भी पूरा करेगी। जिसमें गर्व, स्वाभिमान और कौशल विकास के साथ-साथ नई, एनईपी 2020 के अनुरूप शैक्षिक योग्यताएं शामिल हैं। यूजीसी और इग्नू इसके जरिए अग्निवीरों के लिए उनकी शैक्षिक योग्यता को उन्नत करने की व्यवस्था और विकल्प तैयार करेंगे। इससे उन लोगों की दूसरी पारी सुगम बनेगी, जो सर्विसेज द्वारा नियमित नियुक्ति प्रक्रिया से बाहर हो जाएंगे। केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों में इन युवाओं को शामिल करने के लिए गृह मंत्रालय पहले से ही एक योजना शुरू करने की प्रक्रिया में है। उनके पास सरकारी क्षेत्र, उद्योग, आईटी क्षेत्र के साथ-साथ कॉर्पोरेट जगत में एक अच्छी नौकरी की तलाश करने या अपनी सेवा निधि का उपयोग कर के स्वयं का उद्यम शुरू करने के विकल्प भी होंगे।  

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