ERCP राजस्थान का भाग्य बदलने की परियोजना है। मुख्यमंत्री व शेखवत राजनीति नहीं करें : मिश्रा

आम आदमी पार्टी के कार्यकर्ता कांग्रेस- बीजेपी की नूरा कुश्ती का पर्दाफाश करने जनता में जाएंगे: मिश्रा

ERCP राजस्थान का भाग्य बदलने की परियोजना है। मुख्यमंत्री व शेखवत राजनीति नहीं करें : मिश्रा

जयपुर। राजस्थान की प्रस्तावित पूर्वी नहर परियोजना (ERCP) को लेकर आम आदमी पार्टी ने सरकार को सलाह दी है कि वे केंद्र की बीजेपी सरकार की तरह थोथे कागजी बयानों की राजनीति छोड़े और परियोजना को लागू करने के लिए ठोस कदम उठाएं। आम आदमी पार्टी ERCP को लेकर जनता में जाएगी और कांग्रेस- बीजेपी की नूरा कुश्ती का पर्दाफाश करेगी।

जयपुर। राजस्थान की प्रस्तावित पूर्वी नहर परियोजना (ERCP) को लेकर आम आदमी पार्टी ने सरकार को सलाह दी है कि वे केंद्र की बीजेपी सरकार की तरह थोथे कागजी बयानों की राजनीति छोड़े और परियोजना को लागू करने के लिए ठोस कदम उठाएं।  आम आदमी पार्टी ERCP को लेकर जनता में जाएगी और कांग्रेस- बीजेपी की नूरा कुश्ती का पर्दाफाश करेगी।

आप पार्टी के प्रदेश चुनाव प्रभारी विनय मिश्रा ने मुख्यमंत्री को ERCP को लेकर एक विस्तृत पत्र लिखा है। मिश्रा ने पत्र में कहा है कि यह परियोजना न केवल सीधे तौर पर प्रभावित 13 जिलों के लोगों का जीवन बदल देगी, बल्कि पूरे प्रदेश में पेयजल, सिंचाई और कृषि उत्पाद के माध्यम से व्यापारिक गतिविधियों को भी कई गुना बढ़ा देगी। इसको लागू करने में टालमटोल की राजनीति करना उचित नहीं है। उन्होंने पत्र में लिखा है कि पूर्वी नहर परियोजना को चुनावी व राजनीतिक मुद्दा न बनाएं और इसको व्यवहारिक स्वरूप देकर लागू करें। आप ने परियोजना में देरी के लिए केंद्र को दोषी ठहराते हुए कहा कि मोदी सरकार के मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत राजस्थान के होते हुए भी राजस्थान के जायज कानूनी हक की रक्षा करने में पूरी तरह असफल रहे हैं और लगातार इस परियोजना के काम व प्लान पर सवाल उठा रहे हैं। शेखावत पर  मिश्रा ने आरोप लगाया है कि वो ERCP को राष्ट्रीय परियोजना घोषित करने के लिए शर्तें लगा रहे हैं, जो दुर्भाग्यपूर्ण है।

पत्र में राज्य सरकार की मंशा पर भी सवाल उठाए गए हैं। श्री मिश्रा ने कहा है कि  डिपेंडिबिलिटी के तकनीकी मसले पर केंद्र सरकार आपत्ति कर रही है. ऐसे में राज्य सरकार को चाहिए कि वह केंद्र से चर्चा करके इस विवाद को समाप्त करें। सच यह है कि केंद्र सरकार की आपत्तियों पर बुलाई गई बैठकों में प्रदेश की टीम हिस्सा लेने में आनाकानी करती रही हैं। पत्र में लिखा है, पूर्वी नहर परियोजना 2016-17 में वसुंधरा राजे सरकार ने घोषित की थी। इसके बाद 2018 में सरकार बदल कई और गहलोत मुख्यमंत्री बने, लेकिन तीन साल तक इस परियोजना पर कोई काम नहीं हुआ। अब चुनाव नजदीक आ गए हैं तो अशोक गहलोत ने सीधे 9500 करोड़ रुपये का बजट प्रावधान कर के परियोजना लागू करने की घोषणा कर दी। ना तो उन्होंने केंद्र की तकनीकी आपत्तियों को समाप्त करने पर कोई प्रयास नहीं किया, न ही फिजिबिलिटी चेक करवाई। इसके अलावा डिपेंडिबिलिटी विवाद को समाप्त करने के लिए कोई प्रयास नहीं करने के साथ ही  पाइपलाइन, ट्रीटमेंट प्लांट और लिफ्ट प्लांट के लिए जरूरी जमीनों का ठीक से सर्वे करवाने पर भी कोई ध्यान नहीं दिया है।पत्र में मिश्रा ने कहा है कि मुख्यमंत्री जी ने बड़ी घोषणा तो कर दी कि राष्ट्रीय परियोजना घोषित नहीं होती है तो भी इस नहर परियोजना को पूरा करेंगे। पर बिना ग्राउंड तैयारी के चुनाव से डेढ़ साल पहले उनकी घोषणा प्रदेश की जनता को वोट के लिए बेवकूफ बनाने के सिवाय कुछ नहीं है।

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