अवकाश के बावजूद खुले निजी स्कूल, नहीं माने सरकारी आदेश
आदिवासी समाज के युवाओं में आक्रोश
सामाजिक कार्यकर्ता धारा सादपुरा, अभिषेक नारेड़ा आदि ने बताया कि सरकार के आदेश की अवज्ञा करने वाले निजी स्कूल संचालकों पर कठोर कार्रवाई अमल में लाई जानी चाहिए। स्कूल संचालकों के खिलाफ कठोर कार्रवाई नहीं की गई तो आगामी दिनों में उनका पुरजोर विरोध किया जाएगा। जैसे ही विद्यालय के खुले होने की सूचना आदिवासी समुदाय के युवाओं को लगी तो यहां विद्यालय के मुख्य द्वार पर प्रदर्शन कर रोष जताया।
टोडाभीम। विश्व आदिवासी दिवस पर राज्य सरकार द्वारा राजकीय अवकाश घोषित करने के बाद भी कई निजी विद्यालय सरकार के आदेशों की धज्जियां उड़ाते हुए संचालित होते नजर आए। प्राप्त जानकारी के मुताबिक सरकार के अवकाश घोषित करने के बाद भी कस्बे के आदर्श माध्यमिक विद्यालय नियमित रूप से सुचारू रहा, जिससे सरकार के आदेश की खुली धज्जियां उड़ती हुई नजर आई। ग्रामीण क्षेत्र में भी कई विद्यालय सरकार द्वारा अवकाश घोषित करने के बाद भी राजकीय आदेश की अवहेलना करते हुए नजर आए। क्षेत्र में निजी विद्यालयों द्वारा सरकारी आदेश को धता बताकर संचालित होने से शिक्षा विभाग के उच्च अधिकारियों कि बेहतर मॉनिटरिंग पर ही सवाल पैदा हो रहे हैं। इस संबंध में आदिवासी समाज के युवाओं में आक्रोश है। सामाजिक कार्यकर्ता धारा सादपुरा, अभिषेक नारेड़ा आदि ने बताया कि सरकार के आदेश की अवज्ञा करने वाले निजी स्कूल संचालकों पर कठोर कार्रवाई अमल में लाई जानी चाहिए। स्कूल संचालकों के खिलाफ कठोर कार्रवाई नहीं की गई तो आगामी दिनों में उनका पुरजोर विरोध किया जाएगा। जैसे ही विद्यालय के खुले होने की सूचना आदिवासी समुदाय के युवाओं को लगी तो यहां विद्यालय के मुख्य द्वार पर प्रदर्शन कर रोष जताया। युवा आसाराम मीणा ने बताया कि आदर्श विद्यालय प्रबंधन पर शिक्षा विभाग के द्वारा कोई कार्रवाई नहीं होती है युवाओं के द्वारा धरना दिया जाएगा। इस संबंध में भंवर सिंह मीना, मुख्य ब्लॉक शिक्षा अधिकारी टोडाभीम का कहना है कि जानकारी पर टोडाभीम के मुख्य ब्लॉक शिक्षा अधिकारी भंवर सिंह मीना ने बताया कि सरकार के आदेश की अवमानना करना गलत है। अवहेलना करने वाले निजी स्कूल संचालकों की जांच कराकर कठोर कार्यवाही अमल में लाई जाएगी।
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