कुत्तों के हमले में घायल गौवंश को नहीं मिला गौशाला में ठोर

गौ सेवक दो बछड़ों को लेकर दिनभर भटकते रहे, एसडीएम का पत्र भी रहा बेअसर

कुत्तों के हमले में घायल गौवंश को नहीं  मिला गौशाला में ठोर

स्वामी रामानन्द ने एसडीएम के नाम लिखे पत्र में कहा कि हमारी गौशाला में वर्तमान में पचास सेअधिक गौवंश हैं। यहां उपचार की व्यवस्था नहीं है। इसलिए गौरवंश को अन्यंत्र भेजने की व्यवस्था करें।

बांदीकुई। हिन्दू धर्म में अहम सावन के अंतिम सोमवार को आदिकाल से मां के रूप मे पुकारे जाने वाली गाय रूपी बछड़े-बछड़ियों पर कयामत टूट पड़ी। श्वान के हमले में बुरी तरह घायल हुए इन बेजूबान जानवरों से राम के साथ साथ राज भी रूठ गया। मूर्छित दोनोंगौ वंश तीन गौर सेवकों के साथ दिनभर सिर छिपाने के लिए आसरा ढूढ़ते रहे लेकिन राम के रूठने के बाद राज ने भी उन्हें सिर छिपाने के जगह मुहैया नहीं कराई। हदय झंझोड़ देने वाला यह मामला सोमवार को गोलाडा गांव से शुरू हुआ था। गोलाडा गांव में आवारा कुत्तों ने दो मासूम गोवंश पर हमला कर उन्हें घायल कर दिया था। जिसकी सूचना गांव के सरकारी स्कूल में अध्यापन का प्रशिक्षण ले रहे मनीष सैनी को मिली तो सैनी ने अपने दो अन्य साथी रणजीत सिंह व अंगद सिंह के सहयोग से पशु चिकित्सक को मौके पर बुलवाकर उनका उपचार कर दिया। उपचार के बाद तीनोंं मित्रों ने ग्राम पंचायत गोलाडा के ग्राम विकास अधिकारी सहित सरपंच सीमा सैनी व प्रभारी पशुधन विकास से एक संयुक्त पत्र प्रबंधक गौसेवा सदन बांदीकुई के नाम लिखवा दिया। पत्र में उन्होंने दोनोंं गोवंश को गौशाला में रखने का अनुराध किया था। जिसके तहत तीनों गो-सेवक मेटाडोर में गोवंश को लेकर गौ शाला पहुंचे तो गौशाला में दोनोंं गोवंश को जगह नहीं मिली। श्री गणेश गौशाला सेवा समिति के स्वामी ने पत्र का जवाब पत्र से दे दिया। स्वामी रामानन्द ने एसडीएम के नाम लिखे पत्र में कहा कि हमारी गौशाला में वर्तमान में पचास सेअधिक गौवंश हैं। यहां उपचार की व्यवस्था नहीं है। इसलिए गौरवंश को अन्यंत्र भेजने की व्यवस्था करें। ऐसे में तीनो गो सेवक मेटाडोर मय गौवंश को लेकर उपजिला कलेक्टर नीरज कुमार मीना के कार्यालय पहुंचे लेकिन मीना वहां नही मिले। जिसपर युवको ने दूरभाष पर एसडीएम को मामले की जानकारी दी। इस पर एसडीएम से दूरभाष पर मिले निर्देश पर उनके अधीनस्थ ने दो गोवंश को नगर पालिका के सुपुर्द करने का पत्र बनाकर युवकों को थमा दिया। गौ सेवक मनीष सैनी ने बताया कि पत्र लेकर हम नगर पालिका कार्यालय पहुंचे तो अधिशाषी अधिकारी नृसिंह मीना नहीं मिले और कर्मचारियों ने भी गोवंश को स्थान मुहैया नहीं करवाया। देर सांय करीब 7 बजे मनीष ने दूरभाष पर नव योति को बताया कि सभी जगह निराश होने के बाद दोनों गोवंश को वापस गोलाडा गांव ले जा रहा हंू।

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