जुलाई में 13.93% पर आई थोक मुद्रास्फीति
अभी भी दोहरे अंक में बनी हुई है
जुलाई, 2022 में थोक मूल्य पर खाद्य मुद्रास्फीति एक माह पहले के 14.39 प्रतिशत से घट कर 10.77 प्रतिशत रही। सब्जियों की थोक मुद्रास्फीति सालाना आधार पर 18.25 प्रतिशत रही जो इससे पिछले महीने वार्षिक आधार पर 56.75 प्रतिशत थी।
नई दिल्ली। खाद्य और विनिर्मित माल के थोक भाव में नरमी के चलते जुलाई 2022 में थोक मुद्रास्फीति घटकर 13.93 प्रतिशत पर आ गयी। सरकार और भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा खाद्य तेल, अन्य जरूरी वस्तुओं और कच्चे माल की आपूर्ति में सुधार और कर्ज महंगा करने की दिशा हाल में उठाए गए कदमों के बाद मुद्रास्फीति पर अंकुश लगा है पर यह अब भी दोहरे अंक में बनी हुई है। इससे पिछले माह थोक मुद्रास्फीति 15.18 प्रतिशत और एक साल पहले जुलाई में 11.57 प्रतिशत थी। मई, 2022 में थोक मुद्रास्फीति 15.88 प्रतिशत थी। जुलाई, 2022 में थोक मूल्य पर खाद्य मुद्रास्फीति एक माह पहले के 14.39 प्रतिशत से घट कर 10.77 प्रतिशत रही। सब्जियों की थोक मुद्रास्फीति सालाना आधार पर 18.25 प्रतिशत रही जो इससे पिछले महीने वार्षिक आधार पर 56.75 प्रतिशत थी।
इसी माह ईंधन और बिजली वर्ग की थोक भाव वाली महंगाई दर बढ़कर 43.75 प्रतिशत थी जो एक माह पहले 40.38 प्रतिशत थी। यूक्रेन-रूस युद्ध के बाद कच्चे तेल और अन्य जिंसों की कीमतों में उछाल का महंगाई पर काफी असर पड़ा है। विनिर्मित वस्तुओं की थोक महंगाई दर एक माह पहले की तुलना में नरम हो कर जुलाई में 8.16 प्रतिशत रही। इस वर्ग में थोक मूल्य सूचकांक मासिक स्तर पर 0.42 प्रतिशत नीचे रहा। थोक मुद्रास्फीति पिछले साल अप्रैल से दस प्रतिशत से ऊपर चल रही है।जुलाई में खुदरा मुद्रास्फीति 6.71 प्रतिशत थी। यह सात माह से आरबीआई के स्वीकार्य ऊपरी सीमा छह प्रतिशत से ऊपर बनी हुई है।
भारतीय रिजर्व बैंक ने मुद्रास्फीति पर अंकुश लगाने के लिए अपनी नीतिगत ब्याज दर रेपो को इस साल तीन बार बढ़ाते हुए 5.40 प्रतिशत पर पहुंचा दिया है।
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