धरने के बाद कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने राजभवन का सांकेतिक घेराव किया और गिरफ्तारी दी। प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा ने कहा कि हम केंद्र सरकार से डरने वाले लोग नहीं है।
लोकसभा और राज्यसभा की कार्यवाही शुरू होने से पहले कांग्रेस और कई अन्य विपक्षी दलों के नेता महात्मा गांधी की मूर्ति के समक्ष एकत्र हुए और महंगाई के खिलाफ नारे लिखे बैनर तथा तख्तियां हाथों में लेकर सरकार विरोधी नारे लगाते हुए प्रदर्शन करने लगे।
नई दिल्ली। कांग्रेस ने महंगाई को लेकर सरकार के खिलाफ संसद के भीतर तथा बाहर मोर्चा खोलते हुए पार्टी सांसदों ने मंगलवार को संसद भवन परिसर में राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की प्रतिमा के सामने प्रदर्शन किया और सरकार विरोधी नारे लगाए।
आवश्यक वस्तुओं पर जीएसटी लगाने से व्यापारियों में आक्रोश है। खाद्य पदार्थ व्यापार संघ के प्रदेश अध्यक्ष गुप्ता ने बताया कि कोरोना से व्यापार कमजोर हुआ है और अब आवश्यक वस्तुओं पर भी जीएसटी लगाने से कारोबार चौपट हो जाएगा।
कांग्रेस प्रवक्ता ने पार्टी मुख्यालय में कहा कि मोदी सरकार सिर्फ केन्द्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) और प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) को अपने राजनीतिक विरोधियों के खिलाफ हथियार के तौर पर इस्तेमाल करने में लगी है और राजनीतिक ध्रुवीकरण तथा सामाजिक सौहार्द बिगाडऩे के एकमात्र एजेंडे पर काम कर रही है।
दुबई। संयुक्त राष्ट्र विकास कार्यक्रम (यूएनडीपी) ने बृहस्पतिवार को एक रिपोर्ट में कहा कि यूक्रेन पर रूसी हमले के बाद खाद्य पदार्थों और ऊर्जा की कीमतों में भारी वृद्धि के कारण दुनिया भर में 7.1 करोड़ से अधिक लोग गरीबी रेखा के नीचे चले गए हैं। यूएनडीपी का अनुमान है कि युद्ध शुरू होने के बाद पहले तीन महीनों में 5.16 करोड़ से अधिक लोग गरीबी रेखा के नीचे आ गए और वे प्रति दिन 1.90 डॉलर या उससे भी कम पैसे में जीवन यापन कर रहे हैं।
मकान निर्माण सामग्री के दामों में बेतहाशा बढ़ोतरी ने आमजन का बजट गड़बड़ा दिया है। बजरी की अवैध यूनियन वालों और के्रशर संचालकों ने बजरी व गिट्टी के दाम बढ़ा दिए हैं, वहीं अब सरिये के भाव भी आसमान छू रहे हैं।
रिजर्व बैंक के गवर्नर ने कहा है कि आर्थिक सुधारों की दिशा में सकारात्मक कदम उठाने और नीतिगत दरों में दो बार किए गए बदलावों के बावजूद मुद्रास्फीति की दर ऊंची बनी हुई है, जो बड़ी चिंता का कारण बनी हुई है।
देश का थोक मूल्य सूचकांक पर आधारित मुद्रास्फीति मई 2022 में और बढ़कर 15.88 प्रतिशत पहुंच गयी। सरकारी आंकड़ों के अनुसार थोक मूल्य सूचकांक पर आधारित मुद्रास्फीति लगातार चौदह महीने से 10 प्रतिशत के ऊपर चल रही है।