सड़कें सूनी, छतें गुलजार, संगीत की धुनों पर इठलाई पतंगें

वो काटा, वो मारा से गूंजा शहर

सड़कें सूनी, छतें गुलजार, संगीत की धुनों पर इठलाई पतंगें

सुबह के चाय-नाश्ते का लुत्फ छत पर ही लिया आकाश पतंगों से अटा और शाम को आतिशी नजारों से हुआ रोशन

जयपुर। मकर संक्रांति का पर्व धूमधाम से मनाया गया। सुबह से खिली धूप में लोगों ने दिनभर पतंगबाजी की और रात को आतिशबाजी का लुत्फ  उठाया। उत्साहित लोगों ने दीपावली की तरह आतिशबाजी कर आसमान को सतरंगी कर दिया। पतंगबाजों ने सूर्योदय से पहले ही छतों पर डेरा जमा लिया। शाम ढलने तक लोग अपनी छतों पर डटे रहे। डीजे की धुनों पर नाचते गाते लोगों ने जमकर पतंगबाजी का लुफ्त उठाया। देर शाम तक लोग छतों पर डटे रहे। कुछ लोगों ने तो सुबह का नाश्ता और दोपहर का भोजन तक छत पर किया। हर मकान की छत पर रौनक देखने लायक थी। वो काटा, वो मारा का शोर और डीजे की धुनों पर बजता संगीत, हर किसी को थिरकने पर मजबूर कर रहा था। आसमान में पतंगें थिरक रही थी, छतों पर लोग खुशी से झूमते हुए नजर आए। मोबाइल में खोए रहने वाले युवा और बच्चों में सबसे ज्यादा पतंगबाजी का उत्साह देखने को मिला। हर उम्र के लोग दिनभर पतंगबाजी में व्यस्त नजर आए। बच्चे भी पतंगबाजी करने से पीछे नहीं रहे। बच्चों ने छोटी पतंग और गुब्बारे उड़ाए। इसके चलते आसमान भी रंग-बिरंगी पतंगों से सजा दिखाई दिया। महिलाओं ने भी नाश्ते और भोजन से फुर्सत मिलते ही बच्चों के संग पतंगबाजी की। कॉलोनियों में कई घरों पर सामूहिक पतंगबाजी भी की गई। कई घरों के बच्चे एक ही बड़ी छत पर एकत्र हो गए और जमकर पतंगबाजी की।

शाम को आतिशबाजी से रंगीन हुआ आसमान
दिनभर पतंगबाजी के बाद शाम होते ही बड़ी संख्या में लोग अपने घरों की छतों पर पहुंच गए। इस दौरान डीजे की धुनों पर नाचते लोगों ने आतिशबाजी शुरू कर दी जिससे आसमान रंगीन रोशनी से सराबोर हो गया। अंधेरा होने के साथ जुगनू से टिमटिमाते विशिंग लैंप जयपुर के आसमान में तारों से चमकने लगे। रात होते-होते जयपुर के आसमान में तारों की संख्या में विशिंग लैंप नजर आए।

चारदीवारी के बाहर भी जमकर चले पटाखे
चारदीवारी ही नहीं, बल्कि बाहरी क्षेत्र में भी जमकर आतिशबाजी हुई। शहर की विभिन्न लोकेशंस पर बड़ी संख्या में लोग अपने घरों पर पटाखे चलाते नजर आए जिसके बाद दीपावली सी रोशनी से जगमग हो उठा। गुलाबी शहर जयपुर पीली रोशनी से रोशन हो गया। जिसे नाहरगढ़ से देखने से ऐसा लग रहा था, जैसे पूरे जयपुर ने सोने की चादर ओढ़ ली है।

दान कर कमाया पुण्य
लोगों ने और स्वयंसेवी संस्थाओं ने जयपुर शहर की विभिन्न कच्ची बस्तियों के बच्चों को बिस्कुट, तिल के लड्डू का वितरण किया। दान दाताओं ने बाल सुधार गृहों में खेल सामग्री, तिल के लड्डू का दान किया। इससे बच्चों में खुशी का ठिकाना नहीं रहा। सुबह से शाम तक पर्व का पुण्यकाल रहने से लोगों को दान-पुण्य करने का पूरा समय मिला। 

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मांझे ने 11 बार रोकी जयपुर मेट्रो की रफ्तार
जयपुर में हुई चाइनीज मांझे से पतंगबाजी के चलते 11 बार मेट्रो ट्रेनों को रोका गया। हालांकि इससे कोई बड़ी जनहानि नहीं हुई। जानकारी के अनुसार मेट्रो प्रशासन ने आमजन से मेट्रो ट्रैक के पास पतंगबाजी नहीं करने की अपील की थी। इसके बावजूद भी लोगों ने जमकर पतंगबाजी की। इस दौरान मांझे से शाम 7 बजे तक करीब 11 बार मेट्रो ट्रेन को रोका गया। 

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