प्रथम नंदा कामधेनु की ऐतिहासिक भव्य शोभायात्रा
हजारों भक्तों की उपस्थिति में नन्दा कामधेनु को दी समाधि
विश्व स्तरीय गो चिकित्सालय की प्रथम नन्दा कामधेनु जिन्होंने हजारों भक्तों की मनोकामना पूर्ण की वो आज हमारे बीच नहीं रही, मंगलवार को सुबह 7ः15 बजे महाआरती के बाद शरीर छोड़ दिया।
नागौर। नागौर विश्व स्तरीय गौ चिकित्सालय की प्रथम नन्दा कामधेनु जिन्होंने हजारों भक्तों की मनोकामना पूर्ण की वो आज हमारे बीच नहीं रही, मंगलवार को सुबह 07:15 बजे महाआरती के बाद शरीर छोड़ दिया।
गौ चिकित्सालय के मुख्य व्यवस्थापक श्रवणराम बिश्नोई ने बताया कि संस्थापक महामण्डलेश्वर स्वामी कुशालगिरी, प्रसिद्ध कथा वाचिका देवी ममता के सानिध्य में व हजारों गोभक्तों की उपस्थिति में नन्दा कामधेनु की ऐतिहासिक अन्तिम शोभायात्रा निकाली गई। नन्दा कामधेनु के अन्तिम दर्शन हेतु विभिन्न जगहों से गोभक्तों का जन सैलाब उमड़ा। पुष्प व गुलाल की वर्षा करते हुए शोभायात्रा समाधि स्थल पहुंची। इस दौरान नन्दा कामधेनु को पुष्प, पुष्पमाला अर्पित कर, विशेष पूजा-अर्चना व महाआरती की। इसके बाद गौ चिकित्सालय में संपूर्ण क्रिया विधि द्वारा नन्दा कामधेनु को समाधि दी गई। चूरू से आये पं. चन्द्रप्रकाश शास्त्री ने मन्त्रोच्चारण किया।
नन्दा कामधेुन ने हजारों भक्तों की अलग-अलग मनोकामनाएं पूर्ण की। किसी को पुत्र रत्न की प्राप्ति, किसी की शादी की मन्नत पूर्ण तो किसी को सरकारी नोकरी इत्यादि विभिन्न प्रकार के चमत्कार देकर लोगों की मन्नत पूर्ण की।
नन्दा कामधेनु से आशीर्वाद लेने हेतु मुख्यमंत्री, केन्द्रीय मंत्री, अन्य मंत्री,सांसद, विधायक व बड़े- बड़े पदाधिकारी भी आते थे और वे विधिवत पूजा-अर्चना करते थे। इस नन्दा कामधेनु को महामण्डलेश्वर कुशालगिरी महाराज 2008 को पाली से लेकर आये थे और प्रतिदिन सुबह व सायं को महाआरती होती थी। महामण्डलेश्वर ने बताया कि नन्दा कामधेनु ने लम्पी स्किन महामारी से नागौर व जोधपुर में भर्ती 2500 गोवंश को बचाकर यह जिम्मेवारी अपने ऊपर लेकर शरीर छोड़ दिया है। भारत की यह ऐसी पहली कामधेनु होगी। जिसकी 21 लाख रू. की भव्य समाधि बनाई जायेगी। नन्दा कामधेनु की समाधि पर प्रतिदिन महाआरती व पूजा-अर्चना होगी।
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