मोबाइल और लैपटॉप लोगों को बना रहा न्यूरॉलजिया का शिकार

80 फीसदी लोग न्यूरॉलजिया का शिकार हो चुके

मोबाइल और लैपटॉप लोगों को बना रहा न्यूरॉलजिया का शिकार

यह खुलासा जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज के आॅर्थोपेडिक और एनेस्थीसिया विभाग की स्टडी में हुआ है।   

जयपुर। मोबाइल और लैपटॉप ने भले ही कार्यो को आसान बना दिया हो, लेकिन इसके अत्यधिक प्रयोग ने चिंता में डाल दिया है। ज्यादा मोबाइल का प्रयोग करने वाले लगभग 80 फीसदी लोग न्यूरॉलजिया का शिकार हो चुके हैं। यह खुलासा जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज के ऑर्थोपेडिक और एनेस्थीसिया विभाग की स्टडी में हुआ है।   

न्यूरॉलजिया के लक्षण
कोरोना काल के दौरान पिछले दो साल से लैपटॉप और मोबाइल का प्रयोग लगभग दस गुना बढ़ गया है। वर्क फ्रॉम होम का चलन भी काफी बढ़ गया। इसका अत्यधिक प्रयोग करने वालों की गर्दन से लेकर दर्द शुरू हो गया। बड़ी संख्या में ऐसी दिक्कतों को लेकर डॉक्टरों के पास भीड़ पहुंचने लगी, जिसके बाद डॉक्टरों ने रिसर्च शुरू की। ऐसे मरीजों को पहले पेन किलर और अन्य दवाएं दी गईं। इसके बावजूद एक महीने तक दर्द खत्म नहीं हुआ। सभी का एमआरआई और सीटी स्कैन कराया गया तो पता चला कि मोबाइल और लैपटॉप में घंटों काम करने से गर्दन की डिस्क बल्ज की वजह से विभिन्न नर्व रूटों पर दबाव पाया गया।  सबसे ज्यादा दबाव गर्दन की  नर्व रूटों पर मिला। अहम बात है कि मोबाइल का ज्यादा इस्तेमाल करने वाले लोगों के कंधों और कोहनी में पीड़ा का ग्राफ हर दिन बढ़ा मिला। 80 फीसदी में न्यूरॉलजिया की बीमारी सामने आई। डॉक्टरों के मुताबिक जब पॉश्चर बदलने और मोबाइल.लैपटॉप के इस्तेमाल पर कुछ पाबंदी की गई तो नसों की लोकेशन भी कुछ ठीक पाई गई। 

युवतियां-महिलाएं 
अध्ययन में 37 फीसदी में गंभीर सर्वाइकल डिजेनेरेटिव डिस्क और सर्वाइकल डिस्क प्रोलैप्स बीमारी भी मिली।70 फीसदी युवा और छह फीसदी किशोरों के अलावा 11 फीसदी युवतियां-महिलाएं भी इसी बीमारी से पीड़ित मिलीं। स्टडी में यह भी सामने आया कि कई रोगी गर्दन के दर्द या जकड़न से प्रभावित थे, जिनमें टेक्स्ट नेक सिंड्रोम मिला। मोबाइल और लैपटॉप का अत्यधिक प्रयोग करने के कारण सीधे या टेढ़े बैठने पर गर्दन के ऊपर पांच किलो का वजन पड़ता है, जो वयस्क के सिर के वजन के बराबर है पर जैसे-जैसे गर्दन को आगे की तरफ झुकाया जाता है यह वजन कई गुना तक बढ़ जाता है। मोबाइल पर सिर झुकाकर अधिक देर तक काम करने से गर्दन की हड्डियों पर अप्राकृतिक दबाब पड़ता है जिसके कारण आसपास की मांसपेशियां थकान महसूस करती हैं। कभी-कभी सिर दर्द, कंधे में दर्द,जबड़े में दर्द या सर्वाइकल स्पांडिलाइटिस जैसे लक्षण भी मिल जाते हैं। गर्दन के पीछे की तरफ उभार भी हो जाता है।  

 

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