प्रदेश के आधे से ज्यादा किसानों को मिल रही है मुफ्त में बिजली: भंवर सिंह भाटी

ऊर्जा राज्यमंत्री का बिजली की स्थिति पर जवाब

प्रदेश के आधे से ज्यादा किसानों को मिल रही है मुफ्त में बिजली: भंवर सिंह भाटी

भाटी ने कहा कि देशव्यापी कोयला संकट एवं राज्य में बिजली की मांग अप्रत्याशित रूप से बढ़ने के बावजूद उपभोक्ताओं को सुचारू रूप से बिजली उपलब्ध कराने के पूरे प्रयास किए जा रहे हैं।

जयपुर। ऊर्जा राज्यमंत्री भंवर सिंह भाटी ने कहा कि मुख्यमंत्री की बजट घोषणा के अनुरूप किसान मित्र ऊर्जा योजना के तहत प्रदेश के 12 लाख 76 हजार कृषि उपभोक्ताओं को बिलों में एक हजार 324 करोड़ रुपए का अनुदान दिया है। 7 लाख 49 हजार किसानों का बिजली बिल शून्य हुआ है। प्रदेश के 50 प्रतिशत किसानों को बिजली नि:शुल्क मिल रही है। भाटी ने कहा कि देशव्यापी कोयला संकट एवं राज्य में बिजली की मांग अप्रत्याशित रूप से बढ़ने के बावजूद उपभोक्ताओं को सुचारू रूप से बिजली उपलब्ध कराने के पूरे प्रयास किए जा रहे हैं। भाटी  विधानसभा में प्रदेश में बिजली की स्थिति पर हुई चर्चा का जवाब दे रहे थे। उन्होंने सदन को बताया कि कृषि उपभोक्ताओं के साथ-साथ घरेलू उपभोक्ताओं को बिजली बिलों में अनुदान देकर बड़ी राहत पहुंचाई है। उन्होंने बताया कि बजट घोषणा के अनुसार अगस्त, 2022 तक 1 करोड़ 20 लाख घरेलू उपभोक्ताओं को दो हजार 174 करोड़ रुपए का अनुदान दिया है। इससे 37 लाख 97 हजार घरेलू उपभोक्ताओं का बिजली बिल शून्य हुआ है। 

38 लाख घरेलू उपभोक्ताओं का बिजली बिल हुआ शून्य
प्रदेश के सभी घरेलू उपभोक्ताओं को 600 से 750 रुपए प्रतिमाह तक का अनुदान दिया जा रहा है। वर्तमान सरकार के कार्यकाल में दिसम्बर, 2018 से सितम्बर, 2022 तक 2 लाख 92 हजार 471 कृषि कनेक्शन जारी किए हैं, जबकि पूर्ववर्ती सरकार के 5 साल में 2 लाख 68 हजार 522 कृषि कनेक्शन जारी किए गए। मुख्यमंत्री की तरफ से की गई बजट घोषणा के अनुसार हमारी सरकार आगामी 2 वर्षों में शेष लंबित कृषि कनेक्शन जारी करने का लक्ष्य हासिल करेगी। ऊर्जा राज्यमंत्री ने बताया कि फ्यूल सब चार्ज एवं अमानत राशि की वसूली के लिए नोटिस राजस्थान विद्युत नियामक आयोग के नियमानुसार ही जारी किया जा रहा है। अमानत राशि के लिए उपभोक्ताओं को नोटिस देना एक सतत प्रक्रिया है, जो कि 2004 से प्रभावी है। वर्ष 2015-16 में भी अतिरिक्त अमानत राशि वसूल करने के लिए नियामक आयोग के निर्देश पर नोटिस दिए थे।

कोयले पर केन्द्र का नियंत्रण
ऊर्जा राज्यमंत्री ने कहा कि कोयले पर पूरा नियंत्रण केन्द्र सरकार का है। केन्द्र द्वारा ही राज्यों को कोल ब्लॉक आवंटित किए जाते हैं। राजस्थान को पहले से आवंटित खान में कोयला खत्म हो चुका है। दूसरी आवंटित खानों में स्थानीय लोगों के आंदोलन की वजह से कोयला उत्पादन नहीं हो पा रहा है। महानदी कोल्स से कोयला लाना काफी महंगा और असुविधाजनक है। इन सभी परिस्थितियों के बीच केन्द्र सरकार से समन्वय कर कोयले की कमी को दूर करने का प्रयास किया जा रहा है। वह स्वयं विभागीय उच्च अधिकारियों के साथ 2 दिन पहले केन्द्रीय कोयला मंत्री से इस संबंध में चर्चा कर कोयला आपूर्ति बढ़ाने का आग्रह कर चुके हैं। उन्होंने विपक्ष के सदस्यों से आग्रह किया कि वे भी केन्द्र से कोयला आवंटन बढ़ाने में सहयोग करें। 10 प्रतिशत आयातित कोयला खरीदने की बाध्यता संबंधी केन्द्र सरकार के निर्देश के कारण राज्य को 4 गुणा महंगी दरों पर कोयला खरीदना पड़ा। 

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