शिक्षा के नाम पर हंगामा कर रही है अरविंद केजरीवाल की सरकार : कांग्रेस
कांग्रेस ने सरकार पर हंगामा करने का आरोप लगाया
कांग्रेस के नेता संदीप दीक्षित ने पार्टी मुख्यालय में कहा कि दिल्ली में पहले की तुलना में नए स्कूलों की संख्या बढ़ी है, ना छात्रों की संख्या बढ़ी है और ना ही अध्यापकों की नियुक्ति हुई है।
नई दिल्ली। कांग्रेस ने दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के नेतृत्व वाली सरकार पर शिक्षा के नाम पर सिर्फ हंगामा करने का आरोप लगाया। कांग्रेस के नेता संदीप दीक्षित ने पार्टी मुख्यालय में कहा कि दिल्ली में पहले की तुलना में नए स्कूलों की संख्या बढ़ी है, ना छात्रों की संख्या बढ़ी है और ना ही अध्यापकों की नियुक्ति हुई है। परीक्षा के परिणाम पहले की तुलना में कम बढ़े है। छात्रों की संख्या बढ़ नहीं रही है, तो दिल्ली सरकार फिर किस शिक्षा मॉडल की बात करती है। यह बड़ा सवाल है। दीक्षित ने कहा कि केजरीवाल सरकार ने 500 स्कूल बनाने की बात की थी, लेकिन उसका 10 प्रतिशत बना लिए होते, तो बड़ा बदलाव आता। हालात यह है कि दिल्ली में हर स्कूल में कम से कम 20 अध्यापकों की कमी है। यदि 8 साल में शिक्षा के क्षेत्र में बदलाव हुआ है, तो फिर दिल्ली के स्कूलों में छात्रों की संख्या उस हिसाब से क्यों नहीं बढ़ी, जबकि दावा किया जा रहा है कि दिल्ली के प्राइवेट स्कूलों के बच्चे भी सरकारी स्कूलों में पढऩे के लिए आ रहे है। दिल्ली में स्कूल छोडऩे वाले बच्चों के आंकड़े भी चौकाने वाले है।
सरकार ने संसद में कहा है कि यहां में 14 से 15 प्रतिशत ड्रॉपआउट है। यह आंकड़ा देश मे सबसे ज्यादा है, लेकिन सरकार यह आंकड़ा कभी नहीं देती। उनका कहना था कि जब दिल्ली में कांग्रेस की सरकार थी, तो हर साल 4-5 लाख बच्चे सरकारी स्कूलों में पढ़ रहे थे और इस तरह से इस समय 22 लाख से ज्यादा बच्चे दिल्ली के स्कूलों में होनी चाहिए थी, लेकिन ऐसा नहीं हुआ और इस वर्ष 16 लाख 10 हजार बच्चे दिल्ली के स्कूलों में है। इससे सिद्ध होता है कि सारी शिक्षा प्रणाली का हंगामा किया जा रहा है। यदि इस शिक्षा मॉडल में कुछ होता, तो दिल्ली के स्कूलों में 22 लाख बच्चे होते, 16 लाख बच्चे क्यों है।
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