बाजार पोर्टल बने तो छा जाएगा कोटा

बाजार पोर्टल बने तो छा जाएगा कोटा

वैश्विक महामारी कोरोना के चलते काफी समय से बाजार के हाल बिगड़े हुए थे। बाजार ठंडा पड़ा था। व्यापारिक चेन प्रभावित होने से उसका सीधा असर अर्थव्यवस्था पर पड़ रहा था।

 कोटा। वैश्विक महामारी कोरोना के चलते काफी समय से बाजार के हाल बिगड़े हुए थे। बाजार ठंडा पड़ा था।  व्यापारिक चेन प्रभावित होने से उसका सीधा असर अर्थव्यवस्था पर पड़ रहा था। पिछले कुछ दिनों से कोरोना संक्रमण के मामलों में कमी आने से एक बार फिर से बाजारों में रौनक छाने लगी और कोरोना से बाजार उबरने लगे है। व्यापार को बढ़ावा देने के लिए दिल्ली सरकार ने दिल्ली बाजार वेब पोर्टल (वेबसाइट) को शुरू किया है। इससे दिल्ली के व्यापारियों की आय में वृद्धि होगी। व्यापारी अपने प्रोडक्ट न केवल दिल्ली बल्कि देश-दुनिया में बेच सकेंगे। जिससे दिल्ली की घरेलू उत्पादन क्षमता और अर्थव्यवस्था को सुधारने में मदद मिल सकेगी। इस पोर्टल के माध्यम से बिजनेस-टू-बिजनेस ट्रांजेक्शन भी किया जा सकता है। स्टार्टअप के द्वारा भी अपने उत्पाद को इस पोर्टल के माध्यम से बेचने का मौका मिलेगा। यह पोर्टल रोजगार बढ़ाने के लिए भी कारगर साबित हो सकेगा। 

 
इस पोर्टल पर दिल्ली के सभी बाजार होंगे।  उनमें उन बाजारों की सभी दुकानें शामिल होगी। दिल्ली बाजार पोर्टल पर छोटे-छोटे बाजार भी शामिल होंगे। हर छोटा-बड़ा कारोबारी अपने प्रोडक्ट डिस्प्ले कर सकेगा। घर बैठे ही अपने कंप्यूटर या मोबाइल फोन पर किसी भी बाजार की किसी भी दुकान के अंदर जाकर सारी दुकान विजिट की जा सकती है, और अपनी पसंद की दुकान से सामान खरीदा जा सकेगा। इस पोर्टल पर वर्चुअल प्रदर्शनी भी लगाई जा सकेगी। दिल्ली बाजार पोर्टल के आने से दिल्ली की जीडीपी, आर्थिक गतिविधियां, रोजगार, टैक्स रेवेन्यू तेजी से बढ़ेगा। दिल्ली सरकार की तर्ज पर इस तरह का पोर्टल यदि कोटा शहर के कारोबारियों के लिए भी शुरू किया जाए तो शहर के बाजारों का प्रोडक्ट भी देश-दुनिया तक पहुंचेगा और सुदूर  बैठे लोग भी खरीददारी कर सकेगें। शहर के खास प्रोडक्ट जिनकी शहर के बाहर डिमांड है उसे खरीददार अपनी मनपसंद की दुकान व बाजार से खरीद सकेंगे। यहां के व्यापारियों को नई पहचान मिलेगी। बेरोजगारी की दर में भी कभी आएगी। इस प्लेटफॉर्म के जरिए व्यापारी देश-दुनिया में कहीं भी किसी को भी अपना सामान दिखा कर उन्हें बेच सकेंगे। 
 
यह प्लेटफॉर्म व्यापारियों को नई पहचान दिलाएगा। इससे घरेलू और ग्लोबल बिजनेस को बढ़ावा मिलेगा। छोटे बाजारों को भी वर्चुअल बाजार के रूप में शामिल होने का अवसर मिलेगा। छोटा व्यापारी भी दुनिया के नक्शे पर आ जाएगा। व्यापार को बढ़ावा मिलेगा। कोविड महामारी के बाद से लोग आॅनलाइन खरीदारी को ही महत्व देने लगे है। ऐसे में अगर इस तरह के बाजार पोर्टल की शुरुआत की जाती है तो शहर का राजस्व बढ़ाने में भी मदद मिल सकती है। दिल्ली बाजार पोर्टल की तरह कोटा में भी ऐसी ही शुरूआत की जाए तो कैसा रहेगा? इससे कारोबारियों को  कितना फायदा होगा? इस बारे में शहर के कारोबारियों, दुकानदारों व शहरवासियोंं से दैनिक नवज्योति ने चर्चा की।
 
पोर्टल क्या है?
वेबसाइट्स के समूह को पोर्टल कहा जाता है। पोर्टल स्वयं भी एक वेबसाइट होती है, जिससे दूसरे कई अन्य संबंधित वेबसाइट पर पहुंचा जा सकता है। इंटरनेट से जुड़ने पर कई प्रकार के पोर्टल मिलते है। पोर्टल्स पर विभिन्न स्त्रोतों से जानकारियों जुटाकर व्यवस्थित रूप से उपलब्ध करायी जाती है। पोर्टल पर सर्च इंजन, सब्जेक्ट डायरेक्ट्री  और अन्य सर्विस जैसे-एंटरटेनमेंट , स्टॉक, मार्केट, शॉपिंग आदि की लिंक होती है। इन लिंक के द्वारा उस वेबसाइट तक पहुंच सकते है। वेब पोर्टल्स के कुछ उदाहरण - गूगल , याहू! , फेसबुक , यूट्यूब, अमेजॉन , फ्लिपकार्ट , पेटीएम , नौकरी आदि। 
 
इस तरह का बाजार पोर्टल बनाया जाता है तो कारोबारियों को शत प्रतिशत फायदा होगा। कोटा शहर में बहुत सारे ऐसे इन्फ्रास्ट्रक्चर के प्रोडक्ट हैं जिनको हाईलाइट किया जा सकता है। इसमें  जीआई सिस्टम के बहुत सारे प्रोडक्ट हमारे यहां है जैसे कोटा साड़ी, कोटा कचौरी, बासमती चावल, कोटा स्टोन आदि कई चीजें है जो इसके अंतर्गत आती है। जीआई से फर्क नहीं पड़ता पर यह महसूस होता है कि ये हमारी धरोहर है। हमारे यहां से यह चीज निकली है। इस तरह के पोर्टल से बहुत अच्छे रिजल्ट आएंगे प्रशासन को इस तरह के पोर्टल बनाने चाहिए। हर प्रदेश, हर शहर, हर व्यापार को  हर एक पर्टिकुलर सेक्टर को अपना पोर्टल जारी करना चाहिए और उसे पोर्टल के माध्यम से न  केवल देश में ही नहीं बल्कि विदेश में भी उसकी जानकारी पूछ कर ऐसा काम करना चाहिए।
- गोविंद राम मित्तल, संस्थापक अध्यक्ष , एसएसआई एसोसिएशन 
 
इस तरह की पहल शुरु की जानी चाहिए। सरकार को भी इसमें जुड़ना चाहिए। ताकि भारत ही नहीं इंटरनेशनल स्तर पर भी कोटा के कई प्रोडक्ट है जैसे सैंड स्टोन, कोटा स्टोन आदि जो सिर्फ कोटा में ही है, इससे कोटा या राजस्थान के जो भी प्रोडक्ट है उनके बारे में जानकारी मिलेगी। यह अच्छी चीज है इसे शुरु किया जाना चाहिए ताकि देश और दुनिया के बाजारों से हम जुड़ सके। इससे रेवेन्यू के साथ रोजगार भी बढ़ेगा।
- अशोक माहेश्वरी, महासचिव, कोटा व्यापार महासंघ
 
यह नई सोच है। शत प्रतिशत ऐसा होना चाहिए। नई तकनीक है ये चीजे तो धीरे धीरे लागू करनी भी पड़ेगी और करनी भी चाहिए। कॅम्पटीशन के बाजार में सरवाइव  करना है, अपने प्रोडक्ट को रखना है तो यह सब चीजें करनी ही पड़ेगी। सरकार अगर इसमें मदद कर रही है तो बहुत अच्छी बात है और बहुत अच्छी पहल है। किसी भी नई सोच के साथ नया काम करना चाहिए। इसके फायदे का अनुमान नहीं लगा सकते कि कितना फायदा हो सकता है। आज सारा बिजनेस ऑनलाइन हो रहा है। 18 से 35 साल का युवक अपना सारा बिजनेस ऑनलाइन कर रहा है। अगर यहां का प्रोडक्ट ऑनलाइन जाता है तो सभी को सहूलियत रहेगी। लोकल व्यापारियों को भी इससे बहुत लाभ मिलेगा। यह अच्छी सोच है। इसके साथ काम करते है तो नई लाइन मिलेगी और इसमें खर्चे भी नहीं है एक कम किराए वाली शॉप से भी इसे कर सकते है। आदमी की रिक्वायरमेंट भी कम हो जाएगी। व्यापार में मैनपावर सैलेरी ,किराया आदि भी बहुत इफेक्ट करती है। इसमें भी रियायत मिलेगी।
- जम्बू कुमार जैन, अध्यक्ष एसएसआई एसोसिएशन कोटा
 
इस तरह के बाजार पोर्टल से फायदा तो मिलेगा। कोटा बहुत सालों पहले राजस्थान का इंडस्ट्रियल हब हुआ करता था। इसकी पहचान दिन प्रतिदिन खत्म होती जा रही है। वापस इसकी पहचान को बनाने के लिए राज्य केन्द्र सरकार की तरफ से कुछ वर्षो से कोई प्रयास नहीं हुए। अगर इस तरह के वेब पोर्टल की शहर में पहल होती है या किसी वेबसाइट की या सरकारी तौर पर या व्यापार महासंघ की तरफ से भी निजी व्यापारी भी व्यवस्था कर सकते है। इस तरह के वेबसाइट या प्रचार होता है तो खास तौर पर कोटा में ऐसी चीजें है जो पूरे विश्व में प्रसिद्ध हैं और जा रही है। खासकर यहां का सैंड स्टोन, कोटा स्टोन, धनिया कुछ चीजें है जो आज भी विदेशों में कोटा से जा रही है। अच्छे स्तर पर यदि एक प्लेटफॉर्म मिलता है तो और उन्नती होगी। नई  इंडस्ट्री के आने का भी अवसर रहेगा। यदि इस तरह का पोर्टल शहर में बनता है तो  कोटा की जनता, उद्यमियों और छोटे व्यापारियों के लिए बहुत अच्छी बात है।
- घनश्याम गुप्ता, सीए एवं संरक्षक, स्टोन मर्चेन्ट विकास समिति
 
कोटा शहर में इस तरह का बाजार पोर्टल का सुझाव बहुत अच्छा है । ऐसा करना चाहिए ।  व्यापारी भी इसमें इंटरेस्ट दिखाएंगे। व्यवस्थित तरीके से पोर्टल बने तो कई चीजें है जो सिर्फ कोटा में बनती है इन्हें फायदा मिलेगा और पहचान बनेगी।
-अमित कंछल, प्रोपराइटर रूपवर्षा
 
आने वाले समय में हर चीज ऑनलाइन हो जाएगी और  ऑनलाइन होती जा रही है। ग्रोसरी ,दवाओं से लेकर प्लॉट तक सब ऑनलाइन होता जा रहा है। कमी यह है कि व्यापारियों में या किसी भी क्षेत्र में यूनिटी नहीं है इस कारण भी कोई भी चीज फुलफिल नहीं हो पाती। किसी भी चीज को इम्प्लीमेंट करने के लिए आगे आते है तो रिजल्ट तक नहीं पहुंच पाते। ये एक मुख्य समस्या है अगर ऑनलाइन हो जाएगा तो कई कस्टमर्स कोटा साड़ी खरीदना चाहते हैं लेकिन उनको फेथ डवलप नहीं हो पाता कि वह ऑनलाइन मंगा रहे हैं तो कोई ऑथोरिटिक पोर्टल हो तो गडबड़ के चांस नहीं हो। यदि सरकारी होगा तो इससे अच्छा तो कुछ नहीं है। हर वेंडर स्वयं का पोर्टल खोल कर उसको पॉपुलर  नहीं कर सकता। ये भी एक बड़ी समस्या है। जब पोर्टल बनेगा तो उसके कारण इतना स्टफ उपलब्ध होगा तो उसकी वेल्यूएशन बढ़ जाएगी। बड़ी संख्या में लोग विजिट करेंगे। निश्चत ही भविष्य में इसका रिजल्ट बहुत अच्छा आएगा। आने वाले समय में हर चीज डिजिटल होने वाली है।
-अजय गर्ग, उद्यमी, कोटा साड़ी   
 
कोटा में भी बाजार पोर्टल बनाने के लिए व्यापारियों को पहल करनी चाहिए। यह अच्छा प्रयास है।  वैश्विक महामारी के चलते जहां व्यापार उद्योग प्रभावित हुआ है। इस बाजार पोर्टल के बनने से उसे बल मिलेगा। इसमें प्रशासन का जो भी सहयोग बन सकेगा किया जाएगा। 
-उज्जवल राठौड़, जिला कलक्टर कोटा
 



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