प्रोफ़ेसर तथा उपकुलसचिव के पदों हेतु चयन प्रक्रिया पूरी रद्द
लॉ यूनिवर्सिटी के बोम की विशेष बैठक में लिया फैसला
बोम ने दोनों सदस्यों के आचरण को बोम सदस्य के रूप में अमर्यादित मानते हुए राज्य सरकार से उनकी सदस्य समाप्त करने की भी संस्तुति की है।
जयपुर। डॉ. भीमराव अम्बेडकर लॉ यूनिवर्सिटी की बोम की बैठक में प्रोफेसर तथा उपसचिव के पदों की चयन प्रक्रिया पूरी तरह रद्द कर दी गई है। बोम के दो सदस्यों के अभ्यर्थी बनने तथा समय पर सूचना न देने के कारण यह फ़ैसला लिया गया है। बोम में राज्य सरकार के प्रतिनिधि डॉ. एस के सैनी के प्रोफ़ेसर पद हेतु तथा डॉ. कर्ण सिंह यादव के उपकुलसचिव पद हेतु आवेदन के चलते लिया यह निर्णय लिया गया। बोम ने दोनों सदस्यों के आचरण को बोम सदस्य के रूप में अमर्यादित मानते हुए राज्य सरकार से उनकी सदस्य समाप्त करने की भी संस्तुति की है।
राज्य सरकार ने इसे बहुत गम्भीरता से लेते हुए विश्वविद्यालय के बोम से इस पर उचित निर्णय लेकर राज्य सरकार को अवगत कराने हेतु पत्र लिखा था, ताकि आवश्यकता पड़ने पर राज्य सरकार द्वारा आवश्यक कार्यवाही की जा सके।
बोम ने माना की चयन प्रक्रिया से सम्बंधित मामलों में भिन्न भिन्न अवसरों पर लिए गए निर्णयों में उनकी मौजूदगी से प्रक्रिया दूषित हुई है, तथा ऐसी स्थिति में विश्वविद्यालय की प्रतिष्ठा पर प्रतिकूल प्रभाव पड सकता है। बोम द्वारा प्रोफ़ेसर तथा उप कुलसचिव के पदों की चयन प्रक्रिया को पूरी तरह से निरस्त करने का निर्णय लिया गया है। जिसकी सूचना राज्य सरकार तथा राजभवन को भेजी जाएगी तथा अन्य पदों पर भी नियुक्ति प्रक्रिया राजभवन की अनुमति के बाद ही हो सकेगी।
राजभवन को भी इस सम्बंध में शिकायत मिली थी, जिस पर राजभवन जाँच के बाद निर्णय लेगा। इस पर कुलपति डॉ. देव स्वरूप ने कहा कि विश्वविद्यालय में किए गए कार्य और लिए गए निर्णय नियमानुसार पूरी पारदर्शिता तथा ईमानदारी से किए गए हैं, और राजभवन को इस बारे में जानने का पूरा अधिकार है। उन्होंने यह भी कहा कि राजभवन से अनुमति मिलते ही अन्य सभी पदों पर भर्ती प्रक्रिया को पूर्ण किया जाएगा।
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