चार किलोमीटर लम्बी सड़क दो माह में ही उखड़ी, ग्रामीणों में रोष

धंस गई सड़क, हो गए गड्ढें, पेचवर्क करके कर रहे खानापूर्ति

चार किलोमीटर लम्बी सड़क दो माह में ही उखड़ी, ग्रामीणों में रोष

दो महीने में ही सड़क पूरी तरह से उखड़ गई और जगह-जगह गड्ढे हो गए। सड़क जगह-जगह से टूट गई है। डामर उखड़ने से सड़क में गड्ढे बन गए हैं। सड़क के किनारों की हालत तो सबसे ज्यादा खराब हो रही है। किनारों से गिट्टी निकल रहीं है।

समरानियां। समरानियां से नारायणखेड़ा के लिए बनी चार किलोमीटर लंबी सड़क दो माह भी नहीं टिक पाई पिछले कई सालों से सड़क की हालत बेहद जर्जर थी। यह सड़क मध्यप्रदेश की सीमा से जुड़कर मध्यप्रदेश के कई गांवों को जोड़ती है। इस सड़क के माध्यम से स्थानीय लोगों के साथ साथ मध्य प्रदेश के लोगों का समरानियां कस्बे में अधिकतर आना जाना रहता है। जिससे सड़क पर वाहनों का आवागमन ज्यादा रहता है। दर्जनों गांवों के लोग इसी सड़क का रोजाना इस्तेमाल करते हैं। काफी शिकायतों के बाद करीब पांच माह पूर्व सड़क का निर्माण कार्य शुरू हुआ। सड़क निर्माण के बाद लोगों ने कुछ राहत महसूस की,परंतु लोगों को यह राहत ज्यादा दिन नसीब नहीं हुई। दो महीने में ही सड़क पूरी तरह से उखड़ गई और जगह-जगह गड्ढे हो गए। सड़क जगह-जगह से टूट गई है। डामर उखड़ने से सड़क में गड्ढे बन गए हैं। सड़क के किनारों की हालत तो सबसे ज्यादा खराब हो रही है। किनारों से गिट्टी निकल रहीं है। गिट्टी के कारण दुपहिया वाहन सवार राहगीर जख्मी हो सकते हैं। अब इस सड़क पर पैचवर्क किया जा रहा है। निर्माण के पांच महीने बाद पैचवर्क होने से ग्रामीणों में रोष फैल रहा है। उनका आरोप है कि सड़क बनाने में गुणवत्ताहीन निर्माण सामग्री का इस्तेमाल किया गया है। इस कारण निर्माण के दो महीने बाद ही सड़क उखड़ गई। अब उसे छिपाने के लिए अधिकारी पैचवर्क करा रहे हैं। इस मामले की उच्च स्तरीय जांच होनी चाहिए।

ग्रामीण आशु मेहता ने बताया कि यह सड़क निर्माण के कुछ दिन बाद ही जगह जगह उखड़ गई। आरोप लगाया कि सड़क का निर्माण निर्धारित मापदंडों पर नहीं हुआ है। इस मामले की उच्चस्तरीय जांच होनी चाहिए। कस्बेवासी बंटी मेहता ने बताया कि बरसात से पहले जल्दबाजी में सड़क का निर्माण किया। जिसमें तालाब की मिट्टी डाल दी गई जिसकी वजह से पूरी सड़क धंस गई और जगह-जगह गड्ढों में तब्दील हो गई ग्रामीणों ने विरोध किया तो ठेकेदार द्वारा रात में मिट्टी डालकर सड़क बना दी और अब नई सड़क पर पेचवर्क संदेह पैदा करता है। निवासी करतार मेहता ने बताया कि पांच महीने पहले बनी सड़क पर पैचवर्क का कार्य निर्माण सामग्री की गुणवत्ता पर सवालिया निशान है। सड़क में इस्तेमाल निर्माण सामग्री की जांच होनी चाहिए। जिससे दूध का दूध और पानी का पानी स्पष्ट हो जाएगा। 

सड़क दो माह में जगह-जगह से उखड़ गई एवं दरारें पड़ गई है। हमारी मांग है सड़क का पुन: निर्माण कार्य किया जाए, अन्यथा सड़क के दोबारा उखड़ने की संभावना बनी रहेगी और इस तरह की लापरवाह ठेकेदारों के प्रति कार्यवाही अमल में लाई जाए ताकि अन्य जगह इस तरह से गुणवत्ताहीन निर्माण नहीं हो।
-सर्वेश मेहता, कस्बेवासी।  

जहां-जहां सड़क खराब हुई है। वहां वहां पेचवर्क किया गया है, अगर अब सड़क खराब होती है, तो सड़क को दोबारा बनवाया जाएगा।
-अभिषेक गुप्ता, सहायक अभियंता, सार्वजनिक निर्माण विभाग, केलवाड़ा। 

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