
कनाडा ने 121 साल में पहली बार किया डेविस कप पर कब्जा
फाइनल में 28 बार की चैंपियन ऑस्ट्रेलिया को हराया
दुनिया के छठे नंबर के खिलाड़ी फेलिक्स अगुर एलिसमी ने दूसरे एकल में ऑस्ट्रेलिया के एलेक्स डि मिनाउर को 6-3, 6-4 से हराकर टीम को 2-0 की अजेय बढ़त दिला दी। फेलिक्स ने 16 विनर्स लगाए जबकि एलेक्स पांच विनर्स ही लगा सके।
मेलबर्न। कनाडा ने पहली बार डेविस कप टेनिस खिताब अपने नाम कर लिया। 121 साल पुराने इस टूर्नामेंट में कनाडा को पहली बार खिताब जीतने का गौरव हासिल हुआ है। कनाडा ने 109 साल पूर्व पहली बार डेविस कप में हिस्सा लिया था कनाडा ने इस साल फाइनल में 28 बार की चैंपियन ऑस्ट्रेलिया को हराया। दुनिया के छठे नंबर के खिलाड़ी फेलिक्स अगुर एलिसमी ने दूसरे एकल में ऑस्ट्रेलिया के एलेक्स डि मिनाउर को 6-3, 6-4 से हराकर टीम को 2-0 की अजेय बढ़त दिला दी। फेलिक्स ने 16 विनर्स लगाए जबकि एलेक्स पांच विनर्स ही लगा सके। इससे पहले डेनिस शापोवालोव ने थानासी कोकानाकिस को 6-2, 6-4 से हराया था। एलिसमी ने डेविस कप जीत को सपना सच होना बताया। कनाडा इससे पहले 2019 में फाइनल में पहुंचा था तब राफेल नडाल की स्पेन टीम से हार गया था। शापोवालोव और फेलिक्स ने 2015 में कनाडा को जूनियर डेविस कप जिताने में भी मदद की थी।
1900 में हुई डेविस कप की शुरुआत
इस टूर्नामेंट के इतिहास पर नजर डालें तो इसकी शुरुआत ओलंपिक खेल शुरू होने के चार साल बाद 1900 में हुई थी। अब तक 16 टीमों ने इस प्रतिष्ठित टेनिस प्रतियोगिता का खिताब अपने नाम किया। इनमें अमेरिका ने सबसे ज्यादा 32 बार खिताब जीता है, जबकि ऑस्ट्रेलिया की टीम 28 बार चैंपियन बनी है। डेविस कप में इस बार भारत ग्रुप स्टेज से आगे नहीं बढ़ पाया। हालांकि भारतीय टीम का इस टूर्नामेंट में गौरवशाली इतिहास रहा है। भारत तीन बार इस प्रतियोगिता के फाइनल में पहुंचा है। 1966 में भारत उपविजेता रहा था। 1974 में भारत दूसरी बार फाइनल में पहुंचा लेकिन दक्षिण अफ्रीका की रंगभेद नीति के विरोध में भारत ने फाइनल खेलने से इनकार कर दिया था। इसके अलावा भारत 1987 में भी फाइनल तक पहुंचा था और तब स्वीडन से हार उपविजेता रहा।
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