स्मार्ट टच स्क्रीन पर महीनों से छाया अंधेरा, पर्यटकों को नहीं मिल रही सही जानकारी

स्मार्ट टच स्क्रीन पर महीनों से छाया अंधेरा, पर्यटकों को नहीं मिल रही सही जानकारी

टिकट निकालने वाली मशीने हांफने लग गई हैं, ऐसे में कई स्मारकों में मेनुअल टिकट व्यवस्था करनी पड़ रही है।

 जयपुर। शहर के स्मारकों में इन दिनों हजारों की संख्या में पर्यटकों की आवाजाही देखने को मिल रही है। हालात ये हैं कि टिकट निकालने वाली मशीने हांफने लग गई हैं, ऐसे में कई स्मारकों में मेनुअल टिकट व्यवस्था करनी पड़ रही है। पर्यटन स्थलों पर विजिट के दौरान पर्यटकों को अन्य जगहों की जानकारी आसानी से मिले। इसके लिए स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के तहत वर्ष 2016-17 में जयपुर विकास प्राधिकरण की ओर से पुरातत्व विभाग के अधीन आने वाले स्मारकों पर लगाए इंटर एक्टिव स्मार्ट टच स्क्रीन कियोस्क धूल फांक रहे हैं। आलम ये है कि कियोस्क लोगों को जानकारी तो नहीं दे पा रहे, लेकिन उनके बिखरे बाल को संवारने में मददगार साबित हो रहे हैं।

यहां लगाए गए कियोस्क
जानकारी के अनुसार शहर के अल्बर्ट हॉल संग्रहालय में 2, जंतर-मंतर स्मारक के व्याख्यान केन्द्र पर एक, हवामहल स्मारक परिसर में 2 और आमेर महल परिसर में 2 स्मार्ट टच स्क्रीन कियोस्क लगाए गए हैं। पुरातत्व विभाग के अधिकारियों का कहना है कि इन्हें सही करने के संबंध में कई बार जेडीए के संबंधित अधिकारियों को कहा जा चुका है, लेकिन अभी तक इन्हें फिर से शुरू नहीं किया गया है।

पर्यटकों को मिलती है ये जानकारियां
    विभिन्न पर्यटन स्थलों के वर्चुअल टूर
    शहर में ट्रेवल और स्टे 
    फूड और बेवरेज
    कैब बुकिंग
    सिटी में शॉपिंग सेंटर्स 
    जनरल अवेयरनेस
    जरूरी टेलीफोन नम्बर्स
    नेविगेशन
    मोबाइल रिचार्ज
    मूवी टिकट बुकिंग

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