सेल्फ स्टडी करने वाले छात्रों की जिम्मेदारी प्रशासन की

नीट की तैयारी करने वाले छात्र का आत्मदाह का प्रयास प्रकरण

सेल्फ स्टडी करने वाले छात्रों की जिम्मेदारी प्रशासन की

सेल्फ स्टडी कर रहे एक छात्र द्वारा आत्मदाह का प्रयास करने के बाद यह मामला सवाल बनता जा रहा है, कि सेल्फ स्टडी करने वाले ऐसे छात्रों की जिम्मेदारी किसकी है। हाल ही नीट की तैयारी करने वाले एक छात्र ने आत्मदाह का प्रयास किया। इसके बाद यह सवाल उठने लगा कि आखिर ऐसे छात्रों की जिम्मेदारी किसकी है।

कोटा। कोचिंग सिटी कोटा में रहकर नीट आईआईटी एक्जाम के लिए सेल्फ स्टडी करने वाले छात्रों का मामला अचानक मुद्दा बन गया है। अभिभावकों के मन में सवाल उठने लगा है कि बाहर से आकर सेल्फ स्टडी करने वाले  छात्रों का आखिर कोई धणी-धोरी भी है या यह लोग भगवान भरोसे शहर में रह रहे हैं। इन्हें कोचिंग छात्रों की तरह प्र्रशासन द्वारा दी जा रही  रही सुविधाएं मिलती है अथवा नहीं। मसलन इनके साथ कोई घटना होती है तो यह हेल्प लाइन का उपयोग कर सकते हैं अथवा नहीं, यह छात्र तनाव में आ जाएं तो इन्हें काउंसलर की सुविधा मिलेगी या नहीं।  सेल्फ स्टडी कर रहे  एक छात्र द्वारा आत्मदाह का प्रयास करने के बाद यह मामला सवाल बनता जा रहा है, कि सेल्फ स्टडी करने वाले ऐसे छात्रों की जिम्मेदारी किसकी है। हाल ही नीट की तैयारी करने वाले एक छात्र ने आत्मदाह का प्रयास किया। इसके बाद यह सवाल उठने लगा कि आखिर ऐसे छात्रों की जिम्मेदारी किसकी है।  हालात यह हैं कि शिक्षा क्षेत्र से जुड़े लोग ही नहीं प्रशासन के अधिकारी भी मानते हैं कि इस मामले में झोल है। सेल्फ स्टडी करने वाले छात्र-छात्राओं की संख्या की जानकारी  किसी के पास नहीं है। माना जा रहा है कि 2.25 लाख से ज्यादा स्टूडेंट बाहर से आकर कोटा में कोचिंग कर रहे हैं। इनमें से सेल्फ स्टडी करने वाले छात्रों की संख्या कितनी है इसका अधिकृत आंकड़ा किसी के पास नहीं है। कोचिंग एक्सपर्ट का मानना है कि अमूमन छात्र दो से तीन साल में अपनी पढ़ाई पूरी कर चले जाते हैं। कुछ स्टूडेंट यदि एक दो बार एक्जाम देने के बाद भी पास नहीं होते हैं तो वह जरूर एक और चांस लेने की दृष्टि से कभी-कभार यहां रुक जाते हैं। लेकिन इनकी संख्या बहुत कम होती है। सवाल उठता है कि सेल्फ स्टडी करने वाले छात्र यहां क्या भगवान भरोसे हैं?

 मामले को लेकर राज्य सरकार के निर्देश पर कोचिंग छात्रों की समस्याओं के निष्पादन के लिए बनी कमेटी के अध्यक्ष अतिरिक्त जिला कलक्टर (प्रशासन) राजकुमार सिंह से बातचीत की प्रस्तुत हैं उसके अंश...

- नवज्योति के सवाल- बाहर से आकर नीट-आईआईटी की सेल्फ स्टडी से  तैयारी करने वाले  कितने स्टूडेंट वर्तमान में कोटा में हैं
- एडीएम प्रशासन का जवाब- ऐसे छात्रों का हमारे पास कोई फिगर नहीं है। म्ुाझे नहीं लगता कि कोई छात्र ऐसे एक्जाम की प्रिपरेशन सेल्फ स्टेडी से करता हो। ऐसा हो सकता है कि एक बार कोचिंग लेने के बाद नोट्स आदि आ जाने पर छात्र सेल्फ स्टडी के लिए यहां रुक सकता है। यहां का एटमोसफियर उसे पढ़ाई के अनुकूल लगता है तो वह रुक सकता है। लेकिन इनकी संख्या बहुत कम होगी। बिना किसी उद्देश्य के यहां कोई क्यों रुकेगा।  

- नवज्योति के सवाल- ऐसे छात्र कितने हो सकते हैं, क्या इनका कोई डाटा किसी के पास हो सकता है
- जवाब- जो स्टूडेंट हॉस्टल में रहकर पढ़ाई कर रहे हैं या कोचिंग में पढ़ाई कर रहे हैं उनका डाटा है। इनकी संख्या कोटा में लगभग 2.25 लाख है। यदि कोई किसी घर में रहकर सेल्फ स्टडी कर रहा है और वह हमारे पास आया भी नहीं है तो उसकी जानकारी कैसे होगी?

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- नवज्योति के सवाल- प्रशासन द्वारा कोचिंग छात्रों को दी जाने वाली सुविधा मसलन हेल्प लाइन, मेडिकल, काउंसलिंग आदि इनको मिलती है या नहींं।
- जवाब- इस मामले को लेकर आपको वाइफरगेट कर देखना पड़ेगा , जो स्टूडेंट हॉस्टल या कोचिंग में हैं उन्हें तो यह सुविधाएं स्वत: मिल रही हैं। अन्य को नहीं मिल रही।  किसी घर में रहकर सेल्फ स्टडी कर रहा कोई स्टूडेंट यदि  परेशानी में है तो वह हमारे पास आ सकता है। हम उसकी पूरी मदद करेंगे। 

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- नवज्योति के सवाल- अर्थात सेल्फ स्टडी करने वाले स्टूडेंट भगवान के भरोसे हैं, इनकी जिम्मेदारी किसी की नहीं है। 
- जवाब- कोटा में आने वाले हर नागरिक की जिम्मेदारी हमारी है। आपकी है, इस शहर की है। चाहे वह स्टूडेंट हो या कोई और। यदि उसे किसी तरह की परेशानी है तो वह बेधडक हमारे  पास आ सकता है। यदि स्टूडेंट है तो उसे हम विशेष द्ृष्टि से देख रहे हैं और उसकी समस्या का निष्पादन करते हैं। 

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- नवज्योति के सवाल- बताया जा रहा है कि हाल ही आग लगाकर आत्मदाह करने वाला स्टूडेंट यहां सेल्फ स्टडी से  नीट की तैयारी कर रहा था। 
- जवाब- परिजन उसे ले गए हैं। ज्यादा जानकारी नहीं मिल सकी है। वह कोटा में कोचिंग नहीं कर रहा था। इस मामले में पुलिस अपनी कार्रवाई कर रही है।

- नवज्योति के सवाल- सेल्फ स्टडी करने वाले छात्रों को भी सभी सुविधाएं मिलें, इसके क्या कुछ प्रयास किए जा रहे हैं? यदि इस छात्र को भी पूर्व में सहायता मिलती तो हो सकता है वह आत्मदाह जैसा प्रयास नहीं करता?
- जवाब- प्रशासन के पोर्टल पर कोई भी अपनी बात, परेशानी बता सकता है, हम उसपर कार्रवाई करते हैं। प्रशासन की सुविधाएं सभी नागरिकों के लिए हैं। अगर कोई सेल्फ स्टडी कर रहा है तो वह हमारे पास आएगा तो हम उसकी पूरी सहायता करेंगे। आप कह रहे हैं तो सेल्फ स्टडी करने वाले छात्रों का भी पता करवाते हैं।   

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