चंडीगढ़ में आप
चंडीगढ़ नगर निगम के चुनावों में आम आदमी पार्टी (आप) पहली बार ही चुनाव मैदान में उतरी और सबसे ज्यादा सीटों पर जीत हासिल करने में कामयाब रही।
चंडीगढ़ नगर निगम के चुनावों में आम आदमी पार्टी (आप) पहली बार ही चुनाव मैदान में उतरी और सबसे ज्यादा सीटों पर जीत हासिल करने में कामयाब रही। इस नतीजे से देश के बड़े राजनीतिक दलों विशेष कर भाजपा व कांग्रेस को बड़ा झटका लगा है। इन चुनावों में सत्तारूढ़ कांग्रेस को जीत की बड़ी उम्मीद थी, लेकिन कांग्रेस तीसरे नंबर पर रही जबकि भाजपा दूसरे नंबर पर रही। चंडीगढ़ नगर निगम की कुल 35 सीटों में से 14 आप की झोली में गई और भाजपा को 12 और कांग्रेस को 8 सीटें मिलीं, जबकि अकाली दल- बसपा गठबंधन को मात्र एक सीट पर संतोष करना पड़ा। इसके पहले वहां निगम पर भाजपा का कब्जा था। हालांकि वहां के लोगों ने भाजपा को इस बार सिरे से खारिज तो नहीं किया, लेकिन इस बार लोगों ने आप पर ज्यादा भरोसा जताया है। इससे पंजाब में विधानसभा चुनावों को लेकर नए समीकरण बनने की संभावना बन गई है। वैसे ये चुनाव एक ऐसे समय में हुए हैं जब राज्य में विधानसभा चुनाव की गहमा-गहमी चल रही है। राजनीतिक इससे लिए पहले से अपने समीकरण बना चुके हैं और उनमें बदलाव की भी संभावना बनी हुई है। निगम चुनाव के नतीजे कांग्रेस के लिए चुनौती साबित होते दिख रहे हैं। आम आदमी पार्टी ने पंजाब में अचानक चुनाव लड़ने का फैसला नहीं किया है, बल्कि पिछले आम चुनावोें से ही उसने तैयारियां शुरू कर दी थीं। पंजाब में जब अकाली दल भाजपा का गठबंधन टूटा और अकाली दल बसपा गठबंधन बना तो उसमें दलित मतों को लेकर एक नया समीकरण दिखाई देने लगा। इसकी काट में कांग्रेस नेतृत्व ने एक दलित को मुख्यमंत्री बना दिया, तो अकाली दल का समीकरण कमजोर पड़ गया। इसी बीच आम आदमी पार्टी अपने दिल्ली मॉडल को आधार बनाकर लोकलुभावन घोषणाएं शुरू कर दीं और दलितों के लिए बनाई योजनाओं की भी घोषणा कर दी। पंजाब में दलित मतदाताओं की काफी अहमियत है। अब तक अकाली, भाजपा व कांग्रेस ही अपना दबदबा मानकर चलती थी लेकिन अब आम आदमी पार्टी ने मैदान में उतर कर पंजाब में सभी दलों के लिए चुनौती खड़ी कर दी है। अगली सरकार किसकी बनेगी, लेकिन चंडीगढ़ में आप ने अपना प्रभाव दिखा दिया है।
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