Solar Investors का अगले साल जून तक ट्रांसमिशन शुल्क माफ, चार साल बाद पूरा देना पड़ेगा

Solar Investors का अगले साल जून तक ट्रांसमिशन शुल्क माफ, चार साल बाद पूरा देना पड़ेगा

सोलर एनर्जी में देशभर में नंबर वन राजस्थान में भारत सहित कई देशों की नामी कंपनियां करोड़ों का निवेश कर चुकी हैं और करोड़ों के निवेश प्रस्ताव पर एमओयू हो चुका है।

जयपुर। राजस्थान में विदेशी और अन्य राज्यों के सोलर निवेशकों को केवल जून 2025 तक ट्रांसमिशन शुल्क में छूट मिलेगी। इसके बाद अगले चार साल तक छूट का दायरा हर साल 25 फीसदी कम होता चला जाएगा। निवेशक ट्रांसमिशन चार्ज में छूट को न्यूनतम दस साल तक चाहते हैं।
छूट पर केन्द्र सरकार ही फैसला ले सकती है। सोलर एनर्जी में देशभर में नंबर वन राजस्थान में भारत सहित कई देशों की नामी कंपनियां करोड़ों का निवेश कर चुकी हैं और करोड़ों के निवेश प्रस्ताव पर एमओयू हो चुका है। टाटा पावर, अडानी समूह की रिन्युएबल एनर्जी होल्डिंग फोर लिमिटेड, रिलायंस इडंस्ट्रीज की सहायक कंपनी रिलायंस न्यू एनर्जी सोलर लिमिटेड, ग्रीनको ग्रुप, जेएसडब्ल्यू के अलावा नेशनल थर्मल पावर कॉर्पोरेशन जैसी बडी कंपनिया राजस्थान में सोलर सेक्टर में करोड़ों का निवेश कर चुकी हैं। इसके अलावा नॉर्वे देश भी राजस्थान में बड़े निवेश के लिए भी एमओयू कर चुका है। निवेशकों की बदौलत ही राजस्थान में 2245 मेगावाट का भडला सोलर पार्क विश्व का सबसे बड़ा सोलर पार्क है। निवेशकों को आकर्षित करने के लिए राजस्थान में सोलर एनर्जी पॉलिसी में ट्रांसमिशन टैक्स, सस्ती जमीन आवंटन, बिजली-पानी, सड़कें और अन्य कई तरह के टैक्स में छूट दी जाती है। केन्द्रीय सोलर पॉलिसी में बडे़ निवेशकों के लिए ट्रांसमिशन शुल्क में जून 2025 तक ही छूट होने के कारण अब राज्य सरकार पर निवेशकों के लिए उनकी मांग अनुसार छूट का दायरा बढ़ाने का दबाव बढ़ गया है। 

पहले साल 75 फीसदी चार्ज माफ
सोलर निवेशकों को केन्द्रीय पॉलिसी के तहत जून 2025 तक ट्रांसमिशन चार्ज बिल्कुल फ्री है। इसके बाद जून 2025 से मई 2026 तक 75 प्रतिशत चार्ज माफ होगा। जून 2026 से मई 2027 तक 50 प्रतिशत, जून 2027 से मई 2028 तक 25 प्रतिशत ट्रांसमिशन चार्ज माफ होगा। जून 2029 के बाद निवेशकों को ट्रांसमिशन चार्ज पूरा देना होगा।

प्रदेश में इतना लगता है ट्रांसमिशन चार्ज
प्रदेश में विद्युत प्रसारण निगम की ट्रांसमिशन लाइनें ही सोलर निवेशक अपनी बिजली आगे पहुंचाने के उपयोग में लेते हैं। प्रसारण निगम चार्ज की दरें विद्युत विनियामक आयोग के माध्यम से तय करता है। प्रदेश में सोलर निवेशकों को फिलहाल करीब 176 रुपए प्रति मेगावाट प्रति माह के हिसाब से दरें तय हैं। छूट खत्म होने के बाद बड़े निवेशकों के लिए यह राशि महीनों में लाखों-करोड़ों तक पहुंच जाएगी। केन्द्रीय पॉलिसी में छूट का दायरा बढ़ाने के लिए राज्य सरकार को केन्द्र सरकार के पास प्रस्ताव मंजूरी के लिए भेजना होगा।

Post Comment

Comment List

Latest News