
गहलोत समर्थक विधायकों ने खोला पायलट के खिलाफ मोर्चा, लगाए कई आरोप
गहलोत-पायलट समर्थकों के जारी बयानों से दिल्ली तक राजनीति गरमा गई है
प्रदेश कांग्रेस प्रभारी सुखजिंदर सिंह रंधावा इस संबंध में अपनी रिपोर्ट कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे को सौंपने की तैयारी कर चुके हैं।
जयपुर। पूर्व डिप्टी सीएम सचिन पायलट के तीन मांगों पर सरकार को 15 दिन का अल्टीमेटम देने के बाद मुख्यमंत्री अशोक गहलोत समर्थक कई मंत्री-विधायकों ने पायलट के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। मंत्री महेश जोशी, रामलाल जाट, सुभाष गर्ग और विधायक चेतन डूडी ने पायलट पर पलटवार किए हैं।
सचिन पायलट के जनसंघर्ष यात्रा के बाद गहलोत-पायलट समर्थकों के जारी बयानों से दिल्ली तक राजनीति गरमा गई है। प्रदेश कांग्रेस प्रभारी सुखजिंदर सिंह रंधावा इस संबंध में अपनी रिपोर्ट कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे को सौंपने की तैयारी कर चुके हैं। फिलहाल इस ताजा विवाद के चलते कांग्रेस में राजनीतिक और संगठन नियुक्तियों पर पेच फंस गया है। खड़गे फिलहाल कर्नाटक सीएम मामले में व्यस्त होने के कारण राजस्थान पर कोई चर्चा नहीं कर पाए हैं, लेकिन रंधावा जल्दी ही उनसे मिलकर पूरे मामले की रिपोर्ट सौपेंगे। सूत्रों के अनुसार रंधावा ने पायलट की रैली के बाद एक रिपोर्ट तैयार कर ईमेल के जरिए खड़गे के पास भिजवाई है। लेकिन अन्य नेताओं के भी बयान सामने आने के बाद अब वे पूरी रिपोर्ट खड़गे से मिलकर ही सौपेंगे।
कांग्रेस के तीनों राजस्थान सहप्रभारी काजी निजामुद्दीन, वीरेन्द्र सिंह राठौड़ और अमृता धवन राजस्थान दौरे पर पहुंच चुके हैं। अपने-अपने प्रभार जिलों में फीडबैक लेने पहुंचे नेताओं की राजस्थान के ताजा घटनाक्रमों पर भी निगाहें बनी हुई हैं। सहप्रभारी काजी निजामुद्दीन ने मंगलवार को खासा कोठी में कांग्रेस नेताओं और कार्यकर्ताओं से वन टू वन संवाद किया। मीडिया से बात करते हुए निजामुद्दीन ने कहा कि पिछले विधानसभा चुनाव और इस चुनाव के हालात अलग हैं। पायलट मामले में कहा कि खड़गे का कार्यालय इस मामले पर पैनी निगाहें हैं। कर्नाटक पर फैसला होने के बाद जल्दी ही राजस्थान को लेकर फैसला लिया जाएगा। पायलट पार्टी के मजबूत स्तंभ हैं।
अत्यंत आश्चर्यजनक और खेदजनक है कि कुछ जिम्मेदार लोग अपनी ही सरकार पर भ्रष्टाचार के आरोप लगा रहे हैं। अपनी ही सरकार पर आरोप लगाने से पहले उन्हें ये सोचना था कि वे ये आरोप खुद पर भी लगा रहे हैं। आरोप लगाने वालों को ये अच्छे से पता है कि जब कभी भी भ्रष्टाचार की बात सामने आई तो मुख्यमंत्री ने भ्रष्टाचार पर जीरो टॉलरेंस नीति अपनाते हुए सशक्त चोट की।
- डॉ.महेश जोशी, जलदाय मंत्री
राजस्थान में भ्रष्टाचार और पेपरलीक के खिलाफ ऐतिहासिक कार्रवाईयां हुई हैं। पूर्ववर्ती सरकार के गलत फैसलों के खिलाफ राज्य सरकार हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट तक लड़ी और सभी मामलों का निस्तारण हुआ और कार्रवाई की गई। वसुंधरा सरकार के समय में खनन आवंटन, बजरी खनन और ईरानी कालीन प्रकरण पर कोर्ट का फैसला आ चुका है। ललित मोदी का मामला ईडी के पास लंबित है। पेपरलीक में आरपीएससी सदस्य तक को जेल में डाला गया।
- रामलाल जाट, राजस्व मंत्री
प्रदेश में सबसे बड़ा संजीवनी घोटाला है, जिसमें लाखों लोगों के घर लुट गए। पायलट ने रैली में संजीवनी आरोपी का नाम भी नहीं लिया और रैली के बाद प्रमुख आरोपी ने पायलट की तारीफ में ट्वीट किया। यही पायलट की रैली की सच्चाई है,क्योंकि दोस्ती तो मानेसर के समय से ही है।
- चेतन डूडी, विधायक
क्या ये बात आलाकमान जानता है या नहीं कि सरकार रिपीट न हो, इस बात की सुपारी किस किस ने ली है। प्रदेश में जो बजट व महंगाई राहत कैम्प अभियान के बाद जो माहौल बना है, वो सुपारी लेने वालों के गले नहीं उतर रहा है।
- डॉ.सुभाष गर्ग, तकनीकी शिक्षा राज्यमंत्री
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