
कांग्रेस के लिए मुफीद ‘हनुमान’, मुश्किल में भाजपा की उड़ान
आरएलपी ने पिछली बार 57 सीटों पर चुनाव लड़ा, 3 पर जीती 27 विधानसभा क्षेत्रों में 4500 से 50 हजार तक वोट हासिल किए
आरएलपी ने कुल 57 सीटों पर पिछली बार चुनाव लड़ा था। इनमें से 27 सीटों पर आरएलपी 4500 से 50 हजार तक वोट लेकर गई। 21 सीटों भाजपा की जीत की गणित बिगाड़ दी।
ब्यूरो/नवज्योति, जयपुर। राजस्थान में भाजपा-कांग्रेस की रणभेरी के स्वर सुनाई देने लगे हैं। पिछले चुनाव में भाजपा से निष्कासित विधायक हनुमान बेनीवाल ने अपनी अलग पार्टी आरएलपी (राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी) बनाकर जाट बेल्ट में असरदार घुसपैठ की थी। हालांकि तब माना जा रहा था कि वे कांग्रेस को भारी नुकसान देंगे, क्योंकि जाट-किसान वर्ग कांग्रेस का परम्परागत वोट बैंक माना जाता है, लेकिन हुआ उलट, गत चुनावी परिणामों को देखें तो वे कांग्रेस के लिए मुफीद साबित हुए। भाजपा की जीत में बड़ा रोड़ा बने। भाजपा ने यह भांप कर लोकसभा में आरएलपी से गठबंधन किया। नागौर आरएलपी को एलायंस में दी, उन्हें सांसद बनवा दिया। आएलपी के अभी तीन विधायक हैं। खींवसर से उपचुनाव में हनुमान बेनीवाल के भाई नारायण बेनीवाल उपचुनाव जीत विधायक बन थे। भोपालगढ़ में पुखराज गर्ग और मेड़ता में इंदिरा देवी बावरी।
मोदी के चेहरे पर युवा साथ, लेकिन बेनीवाल ने गणित बदला
पीएम नरेन्द्र मोदी भले ही उम्रदराज हों, लेकिन युवाओं के सबसे पसंदीदा चेहरे माने जाते हैं जो भाजपा की जीत का बड़ा फैक्टर है। जाट-किसान वैसे तो कांग्रेस का परम्परागत वोट बैंक हैं, लेकिन बेनीवाल के साथ पिछले चुनावों में बड़ा वोट बैंक युवा ही था। ऐसे में भाजपा को वोटों का काफी नुकसान हुआ।
भाजपा के लिए चिंता की वजह क्यों
सीटों पर बिगाड़े समीकरण: आरएलपी ने कुल 57 सीटों पर पिछली बार चुनाव लड़ा था। इनमें से 27 सीटों पर आरएलपी 4500 से 50 हजार तक वोट लेकर गई। 21 सीटों भाजपा की जीत की गणित बिगाड़ दी। 19 सीटों पर वोट लेने से कांग्रेस की जीत का बड़ा कारण बना। आरएलपी यहां तीसरे नंबर पर रही। वहीं 2 सीटों पर भाजपा को जीतते-जीतते रोका। एक पर बसपा, दूसरी पर निर्दलीय के सिर जीत का सेहरा बंधा। हालांकि उन्होंने कांग्रेस को भी झटका दिया, लेकिन केवल 6 सीटों पर। इनमें से अधिकांशत: सीटों पर कम अंतर से भाजपा जीती।
नागौर आरएलपी का गढ़, शाह खुद रणनीति बना रहे, महरिया के बाद मिर्धा परिवार पर नजर
आरएलपी का मुख्य गढ़ नागौर जिला है। उच्चस्थ सूत्रों की मानें तो इस बार केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह खुद क्षेत्र की चुनावी मॉनिटरिंग में लगे हैं। हाल ही भरतपुर दौरे के समय शाह ने नागौर को लेकर बैठक की थी। जाट बेल्ट की मजबूती के लिए हाल ही में सीकर से पूर्व सांसद सुभाष महरिया की वापसी इसी रणनीति का एक हिस्सा है।
चर्चा है कि कांग्रेस के मिर्धा परिवार से भी जल्द बड़ा चेहरा भाजपा में लाया जा सकता है। हाल ही में भाजपा की प्रदेश कार्यसमिति की बैठक लाडनूं में रखी गई। नागौर अजमेर संभाग में है। ऐसे में 31 मई को पीएम मोदी की प्रस्तावित सभा में सर्वाधिक भीड़ नागौर इलाके से लाने की तैयारी है।
गठबंधन टूटा तो भाजपा को 2 उपचुनाव में झटका
गठबंधन टूटने के बाद दो उपचुनावों में वे भाजपा की हार का कारण बने। वल्लभनगर में आरएलपी के उदयलाल डांगी 45107, सरदारशहर में लालचंद मूंड 46628 वोट ले गए। कांग्रेस के उम्मीदवार जीत गए, भाजपा यहां चुनाव हार गई।
19 सीटें, वोट शेयर और भाजपा के लिए जहां घातक बने
शिव में 50252, जायल में 49265, बायतू में 43900, बिलाड़ा में 37252, लूणी में 30497, सीकर में 28711, कोटपूतली में 28221, नीमकाथाना में 25366, चौहटन में 23795, लाडनूं में 19963, सिवाना में 19000, चाकसू में 16665, बगरू में 15728, शेरगढ़ में 11156, कठूमर में 10714, सरदारशहर में 10030, खाजूवाला में 9742, पचपदरा में 6850, गुढामलानी में 4449 वोट लिए। इन सभी सीटों पर भाजपा को हार का सामना करना पड़ा।
2 सीटें जहां 1 पर बसपा, 1 पर निर्दलीय के लिए फायदमंद बने
नदबई में बसपा के जोगिंदर सिंह अवाना 4094 वोट से भाजपा की कृष्णेन्द्र कौर दीपा को हराया था। यहां आरएलपी के हिमांशु कटारा 38136 वोट ले गए। दूदू में निर्दलीय बाबूलाल नागर ने भाजपा के प्रेम चंद बैरवा को 14779 वोटों से हराया था, जबकि आरएलपी उम्मीदवार शंकरलाल चौथे नंबर पर रहे लेकिन 18948 वोट ले गए।
6 सीटें भाजपा जीती, कांग्रेस का गणित बिगड़ा
-आसींद में भाजपा कें झब्बर सिंह सांखला कांग्रेस से केवल 145 वोट से ही जीते। आरएलपी 42070 वोट ले गई।
-चौंमू में भाजपा के रामलाल शर्मा 1288 वोटों से जीते। आरएलपी के छुट्टन 39042 वोट ले गए।
-कपासन में भाजपा के अर्जुनलाल जींनगर 7002 वोट से जीते। आरएलपी के शांतिलाल 27464 वोट ले गए।
-नोखा में भाजपा के बिहारी लाल 8663 वोटो से जीते। आरएलपी की इंदु देवी 4546 वोट ले गई।
-फुलेरा में भाजपा के निर्मल कुमावत 1132 वोटों से जीते। आरएलपी की स्पुर्धा चौधरी 9942 वोट ले गई।
-पुष्कर में भाजपा के सुरेश सिंह रावत 9381 वोटो से जीते, जबकि आरएलपी उम्मीदवार शाहबुद्दीन 4073 वोट ले गए।
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