गांवों में उपलब्ध होगा पतंजलि दुग्धामृत पशुआहार
सीएससी एसपीवी के बीच एक समझौते पर हस्ताक्षर हुए
कार्यक्रम के दौरान सीएससी एसपीवी के प्रबंध निदेशक संजय राकेश और पतंजलि ग्रामोद्योग (न्यास) हरिद्वार के महामंत्री डॉ. यशदेव शास्त्री उपस्थित थे। पशुपालन भारतीय कृषि की रीढ़ रहा है।
नई दिल्ली। पतंजलि ग्रामोद्योग (न्यास) और सीएससी एसपीवी के बीच एक समझौते पर हस्ताक्षर हुए, समझौते के मुताबिक, देश के कोने-कोने में मौजूद साढ़े 5 लाख से अधिक केंद्रों के जरिए पतंजलि के संतुलित पशु आहार उत्पाद, फीड सप्लीमेंट्स एवं आयुर्वेदिक पशु औषधियों को न्यूनतम दरों पर देश के प्रत्येक किसानों तक उपलब्ध कराए जाएंगे। कार्यक्रम के दौरान सीएससी एसपीवी के प्रबंध निदेशक संजय राकेश और पतंजलि ग्रामोद्योग (न्यास) हरिद्वार के महामंत्री डॉ. यशदेव शास्त्री उपस्थित थे। पशुपालन भारतीय कृषि की रीढ़ रहा है। भारत में खेतीबाड़ी के साथ पशुपालन सहायक व्यवसाय के रूप में पुराने समय से ही ग्रामीणों और किसानों की आजीविका का एक जरूरी हिस्सा है। ग्रामीण अंचल में पशुओं का लालन-पालन खेतीबाड़ी के अभिन्न हिस्से के तौर पर मौजूद है। पतंजलि दुग्धामृत पशुआहार इन्हीं जरूरतों को ध्यान में रखकर तैयार किया गया है। सीएससी भागीदारी के बारे में विस्तार से बताते हुए, सीएससी एसपीवी के प्रबंध निदेशकऔर सीईओ संजय राकेश ने कहा कि सीएससी ने हमेशा विभिन्न पहलों के जरिए ग्रामीण क्षेत्रों में नागरिकों के जीवन को बेहतर बनाने का प्रयास किया है। पहले से ही हम किसानों को टेली-परामर्श, फसल बीमा, ई-पशु चिकित्सा, किसान क्रेडिट कार्ड और पीएम किसान योजनाओं के जरिए विभिन्न सेवाएं प्रदान कर रहे हैं। पतंजलि ग्रामोद्योग (न्यास) से समझौते के बाद हमारे वीएलईदेश भर के पशुपालकों और किसानों को संतुलित पशु आहार उत्पाद उपलब्ध कराने में सक्षम होंगे। पतंजलि ग्रामोद्योग (न्यास) के महामंत्री डॉ. यशदेव शास्त्री ने कहा कि पतंजलि के यूरिया मुक्त, शुद्ध सात्विक उत्पाद पशुओं की उत्पादन क्षमता में वृद्धि करने में मददगार हैं। सीएससी और पतंजलि ग्रामोद्योग के बीच इस समझौते के बादकिसानों की आर्थिक समृद्धि का मार्ग प्रशस्त होगा।
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