एक लाख करोड़ के हैंडीक्राफ्ट निर्यात का लक्ष्य: ईपीसीएच

ईपीसीएच के नए चेयरमैन बने दिलीप बैद

एक लाख करोड़ के हैंडीक्राफ्ट निर्यात का लक्ष्य: ईपीसीएच

सीओए की बैठक के बाद ईपीसीएच की ओर से एक सेमिनार का आयोजन भी किया गया जिसमें देशभर के 300 हैंडीक्राफ्ट निर्यातकों ने हिस्सा लिया।

जयपुर। दिलीप इंडस्ट्रीज के प्रमोटर दिलीप बैद ने गुरुवार को जयपुर में आयोजित कमेटी आफ एडमिनिस्ट्रेशन (सीओए) की बैठक के दौरान ईपीसीएच के चेयरमैन के रूप में दो साल के लिए कार्यभार ग्रहण किया। सीओए की बैठक के बाद ईपीसीएच की ओर से एक सेमिनार का आयोजन भी किया गया जिसमें देशभर के 300 हैंडीक्राफ्ट निर्यातकों ने हिस्सा लिया। सेमिनार में डिजाइनिंग और प्रोडक्शन प्रोसेस मैनेजमेंट को प्रभावी बनाने जैसे महत्वापूर्ण विषयों पर चर्चा की गई। देश के जानेमाने फैशन डिजाइनर तरुण ताहिलानी और सेंट गोबैन से टी के चक्रवर्ती ने हैंडीक्राफ्ट निर्यात क्षेत्र के विभिन्न मुद्दों पर बात रखी, जिन पर चेयरमैन दिलीप बैद ने समन्व यक के रूप में प्रकाश डाला था। बैद ने कहा फिलहाल भारत 30,000 करोड़ के हैंडीक्राफ्ट्स निर्यात करता है,  हमने वर्ष 2030 तक सालाना एक लाख करोड़ के सालाना हैंडीक्राफ्ट्स निर्यात का लक्ष्ये रखा है। हम इस लक्ष्य  पर पहुंचेंगे तो हमें उम्मीद है कि हैंडीक्राफ्ट इंडस्ट्री 70 लाख लोगों को रोजगार दे रही होगी। वर्तमान में हैंडीक्राफ्ट सेक्टर देशभर में 35 लाख लोगों को रोजगार दे रहा है, जिसमें राजस्थान की हिस्सेदारी 5 लाख है। ईपीसीएच के महानिदेशक डॉ राकेश कुमार ने कहा कॉउन्सिल विशेषज्ञों और सलाहकारों की मदद से जागरूकता पैदा करेगा ताकि वे निर्यातकों को बता सकें कि वे वेस्टेज में कितनी कमी ला सकते हैं। 

महानिदेशक ने कहा कि ढुलाई के खर्च में कमी के लिए कारखाने बंदरगाहों के नजदीक लगाता है। वे कच्चा माल भी आयात करते हैं, लेकिन जब यह कच्चाब माल हवाईअड्डों और बंदरगाहों के नजदीक कारखानें में काम आता है और वहां से फिर तैयार माल निर्यात होता है तो उनकी ढुलाई लागत में भारी कम आ जाती है।

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