इंग्लैंड दौरे पर रवाना होने से पहले बोले कप्तान विराट, मानसिक स्वास्थ्य बड़ा फैक्टर, इसकी उपेक्षा नहीं होनी चाहिए
भारतीय कप्तान विराट कोहली ने एक बार फिर खेल में मानसिक स्वास्थ्य के महत्व पर जोर दिया है, क्योंकि उनकी टीम एक और लंबे दौरे के लिए बायो-बबल में प्रवेश करने वाली है। उन्होंने कहा है कि क्रिकेट में इस समय मानसिक स्वास्थ्य एक बड़ा फैक्टर है, इसलिए इसकी उपेक्षा नहीं की जानी चाहिए।
मुंबई। भारतीय कप्तान विराट कोहली ने एक बार फिर खेल में मानसिक स्वास्थ्य के महत्व पर जोर दिया है, क्योंकि उनकी टीम एक और लंबे दौरे के लिए बायो-बबल में प्रवेश करने वाली है। उन्होंने कहा है कि क्रिकेट में इस समय मानसिक स्वास्थ्य एक बड़ा फैक्टर है, इसलिए इसकी उपेक्षा नहीं की जानी चाहिए। भारतीय टीम को इंग्लैंड में न्यूजीलैंड के खिलाफ 18 जून से विश्व टेस्ट चैंपियनशिप फाइनल और इसके बाद इंग्लैंड के खिलाफ टेस्ट सीरीज खेलने के लिए गुरुवार को इंग्लैंड रवाना होना है। विराट ने बुधवार को प्रेस कान्फ्रेंस में कहा कि कोरोना महामारी के कारण लंबे दौरों पर होटल के कमरों और मैदान के बीच बंद होने के कारण खिलाड़ियों के लिए प्रेरित रहना मुश्किल होता है। केवल एक क्षेत्र में सीमित रहना और दिन भर एक ही चीज करना बहुत मुश्किल होता है।
चुनौती बड़ी लेकिन दबाव नहीं
विराट ने कहा कि न्यूजीलैंड के खिलाफ फाइनल मुकाबला बिल्कुल भी आसान नहीं होगा। चुनौती बड़ी है लेकिन हालात नए हैं। इंग्लैंड में मौसम भी काफी अलग होगा लेकिन टीम पर किसी भी तरह का कोई दबाव नहीं है और टीम हर चुनौती से निपटने के लिए तैयार है।
बेस्ट ऑफ थ्री फॉर्मेट में हो फाइनल : शास्त्री
टीम के हैड कोच रवि शास्त्री ने फाइनल के फॉर्मेट पर सवाल खड़े किए। शास्त्री ने कहा कि फाइनल बेस्ट ऑफ थ्री फॉर्मेट में होना चाहिए, जबकि यहां सिर्फ एक ही मैच से विजेता का फैसला किया जाएगा। इतने बड़े टूर्नामेंट के विजेता का फैसला एक फाइनल से नहीं होना चाहिए। एक खराब या अच्छा मैच आपकी प्रतिभा का परिचायक नहीं हो सकता। डब्ल्यूटीसी फाइनल एक बड़ा मुकाबला है, क्योंकि यह क्रिकेट का सबसे मुश्किल प्रारूप है। फाइनल में जगह बनाने लिए दो से भी ज्यादा वर्ष लगे हैं।
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