सिद्दारमैया ने आरक्षण नीतियों में मोदी के दावों का किया खंडन, ज्ञान की कमी का लगाया आरोप
देश से माफी मांगने की अपील की
कांग्रेस ने आरक्षण कोटा पिछड़े वर्गों और दलितों से मुसलमानों को स्थानांतरित कर दिया है, एक झूठ है। उन्होंने प्रधानमंत्री से इन आरोपों को सबूतों के साथ साबित करने या देश से माफी मांगने की अपील की।
बेंगलुरु। कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्दारमैया ने राज्य में आरक्षण नीतियों के संबंध में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के हालिया दावों का खंडन करते हुये उसे सरासर झूठ करार दिया और इस मुद्दे पर ज्ञान की कमी का उन पर आरोप लगाया। राजस्थान के टोंक में हाल ही में एक चुनावी रैली में मोदी ने आरोप लगाया कि कांग्रेस पार्टी ने आरक्षण कोटा पिछड़े वर्गों और दलितों से मुसलमानों को हस्तांतरित कर दिया है। उन्होंने दावा किया कि कांग्रेस ने दलित कोटे से मुसलमानों को आरक्षण देने का प्रयास किया और पार्टी पर वोट बैंक की राजनीति के लिए गहरी साजिश को अंजाम देने का आरोप लगाया।
इन आरोपों का जवाब देते हुए सिद्दारमैया ने कर्नाटक में पिछड़ा वर्ग श्रेणी के तहत मुसलमानों के लिए चार प्रतिशत आरक्षण का बचाव किया। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि यह आरक्षण दशकों से लागू है और भारतीय जनता पार्टी(भाजपा) सहित किसी भी पिछली सरकार ने इसे चुनौती नहीं दी है। सिद्दारमैया ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का यह दावा कि कांग्रेस ने आरक्षण कोटा पिछड़े वर्गों और दलितों से मुसलमानों को स्थानांतरित कर दिया है, एक झूठ है। उन्होंने प्रधानमंत्री से इन आरोपों को सबूतों के साथ साबित करने या देश से माफी मांगने की अपील की।
सिद्दारमैया ने इस बात पर भी प्रकाश डाला कि संवैधानिक आरक्षण में किसी भी बदलाव के लिए संसद के दोनों सदनों की मंजूरी की आवश्यकता होती है और इसमें मनमाने ढंग से संशोधन नहीं किया जा सकता है। उन्होंने इस मुद्दे पर ज्ञान की कमी और मुसलमानों के लिए चार प्रतिशत आरक्षण रद्द करने पर सुप्रीम कोर्ट की रोक जैसी महत्वपूर्ण जानकारी को नजरअंदाज करने के लिए प्रधानमंत्री की आलोचना की। मुख्यमंत्री ने अपने कार्यकाल के दौरान प्रधानमंत्री की उपलब्धियों पर भी सवाल उठाया और सुझाव दिया कि वह एक असफल नेता हैं।
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