
पहले शिक्षक, फिर बने नेता और पहुंचे मुख्यमंत्री-राज्यपाल की कुर्सी तक
विधानसभा अध्यक्ष डॉ.सीपी जोशी भी राजनीति में आने से पहले उदयपुर में थे शिक्षक
प्रदेश में ऐसे कई दिग्गज नेता थे और है, जिन्होंने अपना कैरिअर शिक्षक से शुरू किया और मुख्यमंत्री तथा राज्यपाल, विधानसभा अध्यक्ष, केन्द्रीय मंत्री और राजस्थान सरकार में मंत्री तक के पदों को सुशोभित किया।
जयपुर। प्रदेश में ऐसे कई दिग्गज नेता थे और है, जिन्होंने अपना कैरिअर शिक्षक से शुरू किया और मुख्यमंत्री तथा राज्यपाल, विधानसभा अध्यक्ष, केन्द्रीय मंत्री और राजस्थान सरकार में मंत्री तक के पदों को सुशोभित किया। वर्तमान में असम के राज्यपाल गुलाबचंद कटारिया और राजस्थान विधानसभा के अध्यक्ष डॉ. सीपी जोशी भी राजनीति में कदम रखने से पहले शिक्षक थे। एक बड़ा नाम और भी है, जिन्होंने अपनी पुत्री की याद में आजादी से 12 साल पहले एक झोपड़ी में शिक्षा कुटीर शिक्षण संस्था खोली, जो बाद में दुनियाभर में वनस्थली विद्यापीठ के नाम से विख्यात हुई। इस शांति भाई शिक्षा कुटीर के संस्थापक पंडित हीरालाल शास्त्री स्वतंत्र राजस्थान के पहले मुख्यमंत्री बने। जयपुर जिले के जोबनेर में 24 नवम्बर 1889 को जन्मे शास्त्री का जीवनकाल देखें, तो वह 1921 में राज्य सेवा में आ गए थे, लेकिन विभिन्न पदों में रहने के बाद उन्होंने राज्य सेवा को त्याग दिया और 6 अक्टूबर 1935 को शिक्षा के क्षेत्र में कदम रखा और शिक्षक की भूमिका निभाते हुए राजनीति से जुड़े। वे सात अप्रैल 1949 से 30 मार्च 1948 तक मुख्यमंत्री रहे।
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