दोनों निगमों में 7 माह से नहीं हुई बोर्ड बैठक
जनता के मुद्दे व मेले के सुझाव हुए गौण
दोनों नगर निगमों में बोर्ड की बैठकें फरवरी माह में हुई थी।
कोटा। नगर निगम आम जन से जुड़ा विभाग होने से यहां जनता के मुद्दे सबसे अधिक आते हैं। उसके बाद भी नगर निगम में पट्टे बनाने के अलावा जनता के मुद्दे गौण हो रहे हैं। दोनों नगर निगमों में करीब 7 माह से बोर्ड बैठक नहीं होने से जनप्रतिनिधि जनता के मुद्दों पर चर्चा ही नहीं कर पा रहे हैं। कोटा में वर्तमान में दो नगर निगम कोटा उत्तर व दक्षिण हैं। दोनों निगमों में कांग्रस के बोर्ड हैं। राज्य में सरकार भी कांग्रेस की ही है। उसके बाद भी नगर निगम में समय पर र्बो बैठकें तक नहीं हो पा रही है।
फरवरी में हुई थी बोर्ड बैठक
दोनों नगर निगमों में बोर्ड की बैठकें फरवरी माह में हुई थी। कोटा दक्षिण निगम की बैठक 4 फरवरी को व कोटा उत्तर की बैठक 8 फरवरी हो हुई थी। ये बैठकें भी मजबूरी में करवाई गई थी। दोनों निगमों में बजट पास करवाने के लिए बोर्ड बैठक करवाना आवश्यक होने से ये बैठकें हुई थी। उसके बाद 7 माह बीत चुके हैं लेकिन बोर्ड बैठक नहीं हुई।
हर दो माह में बैठक का नियम
राजस्थान नगर पालिका अधिनियम के तहत नगर निगम में हर दो माह में बोर्ड बैठक करवाना आवश्यक है। जिसके तहत निर्वाचित जनप्रतिनिधि पार्षद जनता से जुड़े मुद्दों को अधिकारियों व महापौर व उप महापौर के समक्ष रखते हैं। उन मुद्दों पर चर्चा होती है। उसके बाद उनका समाधान भी बोर्ड में किया जाता है। बोर्ड में लिए गए निर्णयों की पालना बाध्यता परक होती है। लेकिन बोर्ड बैठक नहीं होने से जनता के मुद्दों पर चर्चा ही नहीं हो रही है। हालांकि दोनों नगर निगमों में आने वाले आमजन का काम हो रहा है। लेकिन सामहिक रूप से सभी के लिए काम करने के नियम व समस्याओं पर चर्चा व निर्णय नहीं हो पा रहे हैं।
दशहरा मेले की बैठक भी नहीं
नगर निगम में हर साल दशहरा मेले के आयोजन से पहले उसका बजट पास करने व मेले को भव्यता प्रदान करने संबंधी विषयों पर सुझावों के लिए भी मेले से पहले एक बोर्ड बैठक होती रही है। पिछले बोर्ड में उसी तरह से काम हो रहा था। लेकिन वर्तमान में दोनों नगर निगमों कोटा उत्तर व दक्षिण में बोर्ड गठन के तीन साल होने वाले हैं। अभी तक एक बार भी मेले से पहले बैठक नहीं हुई है। पिछली बार भी आम बजट के साथ ही मेले का बजट भी पारित कर दिया गया था। इस बार के मेले के लिए भी 8 करोड़ का बजट 7 महीने पहले हुई बोर्ड बैठक में ही पारित कर दिया था।
नेता प्रतिपक्ष ने लिखा महापौर को पत्र
कोटा दक्षिण के नेता प्रतिपक्ष विवेक राजवंशी ने बताया कि उन्होंने हाल ही में महापौर को पत्र लिखा है। जिसमें बोर्ड बैठक शीघ्र करवाने की मांग की गई है। पत्र में बताया कि कोटा दक्षिण की बोर्ड बैठक 4 फरवरी को हुई थी। जिसे 7 माह का समय हो चुका है। दशहरा मेला आने वाला है। राज्य में आगामी विधानसभा चुनाव को देखते हुए शीघ्र ही आार संहिता लगने वाली है। ऐसे में भाजपा के सभी पार्षदों का आग्रह है कि बोर्ड बैठक शीघ्र बुलाई जानी चाहिए। कोटा उत्तर के नेता प्रतिपक्ष लव शर्मा ने बताया कि उन्होंने महापौर से इस संबंध में कई बार चर्चा की है। पूर्व में 6 सितम्बर को बोर्ड बैठक करवाना तय हो गया था। लेकिन विकास कार्यों के उद्घाटन से तारीख तय नहीं हो सकी थी। बोर्ड बैठक समय पर नहीं होने से पार्षदों का आक्रोेश अधिक नजर आता है। बोर्ड बैठक शीघ्र बुलाई जानी चाहिए।
ये हैं जनता के मुद्दे
भाजपा व कांग्रेस पार्षदों का कहना है कि बोर्ड बैठक समय पर होती रहती है तो जनता के मुद्दों पर चर्चा व समाधान होता है। जबकि बोर्ड बैठक नहीं होने से बिजली, पानी, सड़क, सफाई, लेबर के अलावा निर्माण संबंधी कार्य से जुड़े मुद्दों पर चर्चा ही नहीं हो पा रही है।
पालना रिपोर्ट ही नहीं आई
बोर्ड बैठक बुलाने के लिए आयुक्त को यू ओ नोट लिखा हुआ है। लेकिन अभी तक पिछली बोर्ड बैठक की ही पालना रिपोर्ट नहीं आई है। बिना पालना रिपोर्ट के अगली बोर्ड बैठक में चर्चा कैसे होगी। फिर भी आयुक्त से चर्चा कर शीघ्र ही बोर्ड बैठक करवाई जाएगी। बोर्ड बैठक हर हो माह में होती रहनी चाहिए।
- राजीव अग्रवाल, महापौर नगर निगम कोटा दक्षिण
इसी माह होगी बोर्ड बैठक
दशहरा मेले का बजट तो फरवरी में हुई आम बजट की बोर्ड बैठक में ही पारित करवा लिया था। मेले से पहले ही इसी माह 22 सितम्बर तक बोर्ड बैठक करवाने की योजना है।
- मंजू मेहरा, महापौर नगर निगम कोटा उत्तर
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