नाहरगढ़ बायोलॉजिकल पार्क: मां से बिछड़े लेपर्ड शावक और लोमड़ी के बच्चों को न्यू निटेल केयर में मिला दुलार
वन्यजीव पर्यटकों के लिए खासे आकर्षण का केन्द्र रहते हैं
रेस्क्यू सेंटर स्थित न्यू निटेल केयर में अब तक मां से बिछड़े 3 लेपर्ड शावक, 2 पाम सिवेट के बच्चे, एक जंगल कैट, हाइना का एक और लोमड़ी के एक बच्चे को यहां रेस्क्यू कर लाया गया है।
जयपुर। नाहरगढ़ बायोलॉजिकल पार्क में करीब 28 विभिन्न प्रजातियों के वन्यजीव रहवास कर रहे हैं। इनमें प्योर एशियाटिक शेर, टाइगर, बघेरे सहित अन्य वन्यजीव पर्यटकों के लिए खासे आकर्षण का केन्द्र रहते हैं। इसके अलावा नाहरगढ़ बायोलॉजिकल पार्क स्थित रेस्क्यू सेंटर में बनाई न्यू निटेल केयर वन्यजीवों के शावकों के लिए लाइफ लाइन साबित हो रही है। जहां मां से बिछडे शावकों को मां का दुलार तो नहीं मिल पा रहा, लेकिन वन विभाग का स्टाफ उन्हें इसकी कमी भी नहीं होने देता है। जानकारी के अनुसार रेस्क्यू सेंटर स्थित न्यू निटेल केयर में अब तक मां से बिछड़े 3 लेपर्ड शावक, 2 पाम सिवेट के बच्चे, एक जंगल कैट, हाइना का एक और लोमड़ी के एक बच्चे को यहां रेस्क्यू कर लाया गया है। इसके बाद रणथम्भौर टाइगर रिजर्व से बाघिन टी-79 के शावक को अच्छे इलाज के लिए यहां लाया गया है, जहां इसकी 24 घंटे मॉनिटरिंग करने के साथ ही आवश्यक दवाइयां भी दी जा रही है।
दिया जाता है प्राकृतिक वातावरण
आधुनिक सुविधाओं से लैस न्यू निटेल केयर में मां से बिछडेÞ या रेस्क्यू कर लाए शावकों को बचाने के हर संभव प्रयास किए जाते हैं। नाहरगढ़ बॉयोलॉजिकल पार्क के वरिष्ठ वन्य जीव चिकित्सक डॉ. अरविंद माथुर ने बताया कि इलाज के दौरान शावकों को आवश्यक दवादयां देने के साथ ही प्राकृतिक देने की कोशिशें की जाती है, ताकि वे स्ट्रेस फ्री रहें। वहीं रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के प्रयास किए जाते हैं। साथ ही 24 घंटे मॉनिटरिंग की जाती है।
Related Posts
Post Comment
Latest News

Comment List