ईआरसीपी प्रोजेक्ट से मोदी की गारंटी पूरी हुई : सीपी जोशी
40% आबादी को पीने का पानी मिलेगा
ईआरसीपी प्रोजेक्ट के समझौते को लेकर भाजपा की प्रदेश अध्यक्ष सीपी जोशी ने बीजेपी ऑफिस में मीडिया से बातचीत करते हुए कहा कि चुनाव में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राजस्थान में इस प्रोजेक्ट को मूर्त रूप देने का वादा किया था।
जयपुर। ईआरसीपी प्रोजेक्ट के समझौते को लेकर भाजपा की प्रदेश अध्यक्ष सीपी जोशी ने बीजेपी ऑफिस में मीडिया से बातचीत करते हुए कहा कि चुनाव में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राजस्थान में इस प्रोजेक्ट को मूर्त रूप देने का वादा किया था। यह भारतीय जनता पार्टी के चुनावी घोषणा पत्र में भी था, अब यह प्रोजेक्ट दोनों राज्यों के समझौते के साथ मूर्त रूप ले रहा है। सरकार बनते ही मोदी की गारंटी है। जनता का उन पर इसीलिए अटूट विश्वास है क्योंकि जो वायदा पीएम मोदी और बीजेपी करती है उसे जल्द से जल्द पूरा करती है। मैं इसके लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, राजस्थान के मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा, केंद्रीय जल शक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत का आभार व्यक्त करता हूं।
यह प्रोजेक्ट राजस्थान की 40 प्रतिशत जनता और 25 लाख किसानों के लिए मिल का पत्थर साबित होगा। 40% आबादी को पीने का पानी मिलेगा और 25 लाख किसानों को सिंचाई के लिए जल उपलब्ध होगा। इस प्रोजेक्ट के माध्यम से दो लाख 80 हजार हेक्टेयर राजस्थान की जमीन पर सिंचाई हो सकेगी। राजस्थान में पिछले 20 सालों से यह प्रोजेक्ट विवादों में था। अब राजस्थान का सर्वाधिक विकास हो सकेगा। कांग्रेस ने केवल चुनाव के वक्त वायदे किए और उन्हें चुनावी वर्ष में ही यह प्रोजेक्ट याद आया था लेकिन अब राजस्थान की 83 विधानसभा क्षेत्र में इस प्रोजेक्ट का फायदा मिलेगा। पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी सरकार के वक्त 2004 में नदी जोड़ो योजना बनाई गई थी। लेकिन यूपीए की सरकार आते ही इस प्रोजेक्ट को बंद कर दिया गया। अब ईआरसीपी प्रोजेक्ट से पार्वती, काली सिंध और चंबल नदियों को भी जोड़ा जाएगा। साथ ही इस प्रोजेक्ट के आने से राजस्थान का भूजल स्तर भी बढ़ेगा और इंडस्ट्री को भी पानी उपलब्ध होगा जिससे प्रदेश में रोजगार के अवसर बढ़ेंगे ।जोशी के मीडिया से बातचीत के दौरान राजस्थान के जल संसाधन मंत्री सुरेश सिंह रावत और जलदाय मंत्री कन्हैया लाल मीणा व कृषि मंत्री किरोड़ी लाल मीणा भी उनके साथ मौजूद थे।
इस मौके पर डॉक्टर किरोडी लाल मीणा ने कहा कि पूर्व गहलोत सरकार के वक्त तत्कालीन मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ को प्रोजेक्ट के लिए पत्र लिखा था। लेकिन उन्होंने राजस्थान को पानी देने से मना कर दिया था राष्ट्रीय स्तर की परियोजना के लिए 75% डिपेंडेबिलिटी होनी जरूरी होती है लेकिन राजस्थान की पूर्व सरकार ने इस योग्यता को पूरा ना करके प्रोजेक्ट को अटकाए रखा। प्रोजेक्ट से राजस्थान को जितना पानी मिलना था उतना ही पानी मिलेगा। यह किसानों का भाग्य खोलने का काम पीएम नरेंद्र मोदी ने किया है। अब राष्ट्रीय परियोजना में 90% परियोजना का पैसा केंद्र सरकार और राजस्थान को केवल 10% पैसा ही प्रोजेक्ट पर खर्च करना होगा। कांग्रेस ने अपनी सरकार के वक्त इस प्रोजेक्ट को लेकर गुमराह किया। लेकिन जनता उन्हें पहचान गई ।उन्होंने कहा कि क्योंकि प्रोजेक्ट से अनेक बांध जुड़ेंगे और नए बनेंगे । ऐसे में प्रोजेक्ट को पूरा होने में समय लगेगा। उन्होंने कहा कि दोसा में कुल 13 बांध है जिनमें से पूर्व सरकार के वक्त केवल एक बांध मोरन को इस प्रोजेक्ट से जोड़ा गया था अब रिवाइज्ड डीपीआर में सभी 13 बांध इसे जोड़े जाएंगे।
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