200 रुपए में कहां सिलेगी यूनिफॉर्म, बाजार में 400 का रेट

यूनिफॉर्म सिलाई के लिए सरकार ने जारी किया 2.8 करोड़ का बजट

200 रुपए में कहां सिलेगी यूनिफॉर्म, बाजार में 400 का रेट

कोटा जिले में 86.83 प्रतिशत स्टूडेंट्स के बैंक खाते ही जन आधार से लिंक हैं।

कोटा। जिले के सरकारी विद्यालयों में कक्षा 1 से 8वीं तक के 1 लाख से अधिक विद्यार्थियों को यूनिफॉर्म सिलाई के लिए सरकार ने 2 करोड़ 8 लाख रुपए का बजट जारी कर दिया है। यह पैसा सभी सकूलों के खातों में ट्रांसफर भी हो गया है। सरकार प्रति विद्यार्थी 200 रुपए सिलाई दे रही है। जबकि, बाजार में एक यूनिफॉर्म की सिलाई 400 रुपए में होती है। ऐसे में विद्यार्थी व अभिभावकों में असमंजस बना हुआ है कि 200 रुपए उन्हें कौन दो यूनिफॉर्म सिलकर देगा। क्योंकि, एक जोड़ी गणवेश सिलने का बाजार भाव और विद्यार्थियों को मिलने वाले पैसे में भारी अंतर है।  दरअसल, राज्य सरकार ने नए शैक्षणिक सत्र 2024-25 की शुरुआत में ही विद्यार्थियों को दो यूनिफॉर्म का कपड़ा दे दिया था। जिसकी सिलाई के लिए प्रति स्टूडेंट्स 200 रुपए दे रही है, जो बाजार भाव को देखते हुए सरकार का यह निर्णय अव्यवहारिक प्रतित होता है।

1.4 लाख विद्यार्थियों को मिलेंगे 200 रुपए
जिले में 1 हजार 56 राजकीय महाविद्यालय हैं। जिसमें कक्षा एक से आठवीं तक के 1 लाख 4 हजार विद्यार्थी अध्ययनरत हैं। जिन्हें गणवेश सिलवाने के लिए उनके खातों में 200 रुपए दिए जाएंगे। लेकिन, ये राशि उन स्टूडेंट्स के खाते में सीधे जमा होगी, जिनके खाते जन आधार से लिंक हंै। ऐसे में जिनके खाते जनआधार से लिंक नहीं हैं, उन्हें सिलाई का खर्चा स्वयं भुगतना पड़ेगा। 

14% विद्यार्थियों को नहीं मिलेगा पैसा
कोटा जिले में 86.83 प्रतिशत स्टूडेंट्स के बैंक खाते ही जन आधार से लिंक हैं। जबकि, 14 प्रतिशत विद्यार्थी ऐसे हैं, जिनके खाते जन आधार से लिंक नहीं हुए हैं। ऐेस में इन विद्यार्थियों को यूनिफॉर्म सिलाई का खर्च खुद भुगतना होगा। शिक्षा विभाग के अधिकारियों का कहना है कि वंचित छात्रों में अधिकतर ऐसे हैं जो राजस्थान से बाहर के हैं, जिनके आधार कार्ड में कुछ अपडेशन अधूरे होने के कारण जनआधार से लिंक नहीं हो पाए। 

बाजार में 400 रुपए सिलाई 
सरकार का मानना है कि 200 रुपए में दो यूनिफॉर्म सिल सकती है। लेकिन, नवज्योति ने बाजार में कुछ टेलर्स से एक जोड़ी यूनिफॉर्म की कीमत जानी तो 400 रुपए बताई। यदि, बल्क में आॅर्डर दे तो भी 350 रुपए में गणवेश सिल देने की बात कही गई। लेकिन सरकार की नजर में तो मात्र दो सौ रुपए में यूनिफॉर्म सिलाई जा सकती है। योजना के तहत लडकों के लिए पेंट-शर्ट और लड़कियों के लिए सलवार-कमीज सूट का कपड़ा दिया गया है। टेलर्स का कहना है कि दुकान किराया, बिजली बिल, कारीगर का मानदेय में वृद्धि हो गई है। यह तो रेट तो विद्यार्थियों को देखते हुए ली जा रही है। जबकि, किशोर की पेंट-शर्ट की सिलाई 500 से 600 के बीच ली जाती है। 200 रुपए में तो दो यूनिफॉर्म तो छोड़िए एक भी नहीं सिल पाएगी। 

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दो यूनिफॉर्म का दिया कपड़ा
शिक्षा विभाग ने हाल ही में विद्यार्थियों को दो यूनिफॉर्म का कपड़ा दिया है। बालकों को ग्रे रंग की पेंट और आसमानी रंग की शर्ट है। जबकि, बालिकाओं के लिए सलवार-कमीज का सूट है। वहीं, कक्षा 6 से 8वीं तक की बालिकाओं को सूट के साथ दुपट्टा भी दिया जाता है। जबकि, पिछली सरकार ने गणवेश के रंग में थोड़ा बदलाव किया गया था। 

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यूनिफॉर्म सिलाई के लिए 200 रुपए कम नहीं है?
सरकार ने कपड़ा दिया और सिलाई के पैसे भी दे रही है।  सरकार प्रोत्साहन दे रही है, जन सहयोग, स्वयं सहायता समूह, भामाशाहों के सहयोग से यूनिफॉर्म सिलवा दी जाती हैं। कई स्वयं सहायता समूह हैं, जिन्हें बल्क में आॅर्डर देने पर वे सिलकर दें देतीं हैं। 

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अभिभावक कहां ढूंढेंगे ऐसी स्वयं सहायता समूह?
ढूंढने की जरूरत नहीं है। स्वयं सहायता समूह स्कूलों से जुड़ी होती हैं। कई महिलाएं घरों में सिलाई कार्य करतीं हैं, जिन्हें एक साथ 100-200 यूनिफॉर्म सिलने के आॅर्डर देने पर वे ड्रैस तैयार कर देंती हैं। 

200 रुपए में 2 यूनिफॉर्म कैसे और कौन सिलकर देगा? 
कपड़ा दो यूनिफॉर्म का है, लेकिन जरूरी नहीं की वह दो ही यूनिफॉर्म सिलवाएं। जो अभिभावक सक्षम हैं वे अपने स्तर पर सिलवा लेते हैं। वहीं, जिनकी स्थिति ठीक नहीं है उनकी भामाशाह व दानदाताओं के माध्यम से शिक्षक मदद करते हैं। समाज में अच्छे लोग बहुत हैं, जो वंचित वर्ग की मदद के लिए तैयार रहते हैं। 

आपने इस संबंध में कोई दिशा-निर्देश दिए?
जब प्राचार्यों के साथ हमारी बैठक होती है तो हम इस विषय पर भामाशाह, दानदाताओं व शिक्षकों को यूनिफॉर्म सिलवाने में वंचित वर्ग की मदद करने के दिशा निर्देश देते हैं। इसमें कई फेक्टर काम करते हैं। स्कूल की विकास समिति व शिक्षक भी मदद करते हैं।  

अभिभावकों का कहना है
सरकार या तो सिलाई का पैसा बढ़ा दे, नहीं तो ऐसी दुकान बता दे जहां 200 रुपए में यूनिफॉर्म सिलवाई जा सके। बाजार में पता किया था, एक जोड़ी साधा पेंट-शर्ट सिलने के लिए टेलर 400 रुपए मांगते हैं। ऐसे में दो ड्रेस 200 रुपए में कैसे सिलवाएंगे। 
- कैलाश महाजन, संजय नगर

पिछले साल भी 200 रुपए सिलाई के दिए गए थे, जिसमें खुद के दो सौ रुपए और मिलाकर 400 रुपए में बच्चे की एक ही ड्रेस सिलवा पाए। जब शिक्षकों से इसकी शिकायत करते हैं तो वे भी दबी जुबा से सरकार की राशि का अपर्याप्त मानते हैं लेकिन खुलकर सही-गलत बोलने से कतराते हैं। सरकार को पैसे बढ़ाने चाहिए।
- कैशु कैवट, विस्तार योजना 

अपनी तरफ से रुपए मिलाकर सिलवा सकते हैं
सरकार यूनिफॉर्म सिलवाने के लिए सहयोग राशि दे रही है। अभिभावक  अपनी तरफ से कुछ रुपए मिलाकर यूनिफॉर्म सिलवा सकते हैं। यह राशि सरकार के तय नियमानुसार ही दी जा रही है। 
- रूपेश सिंह, एडीपीसी, समग्र शिक्षा कोटा 

जो राशि उपलब्ध करवाई गई है वो डीबीटी के तहत विद्यार्थियों के खातों में ट्रांसफर करवाने की प्रक्रिया की जा रही है। 
- केके शर्मा, जिला शिक्षाधिकारी माध्यमिक कोटा

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